Sunday, December 22, 2024
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10 साल में हिंदू बढ़े 12%, मुस्लिम बढ़ गए 25%… ऐसे ही नहीं अवैध मस्जिद-मदरसों से उबला हिमाचल प्रदेश, लव-लैंड जिहाद से भी हो रहा डेमोग्राफी चेंज

हिमाचल प्रदेश की जनगणना के आँकड़े से पता चलता है कि वर्ष 2001 से 2011 के बीच राज्य में मुस्लिम आबादी 25% की गति से बढ़ी। वहीं इस दौरान हिन्दू आबादी की वृद्धि दर केवल 12% रही।

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में अवैध रूप से बनाई गई संजौली मस्जिद को तोड़ने की माँग इन दिनों जोर पकड़ रही है। प्रदेश के हिन्दू सड़कों पर उतरे हुए हैं और राज्य में बन रहे अवैध ढांचों पर कार्रवाई की माँग कर रहे हैं। उनकी इस माँग का समर्थन कॉन्ग्रेस सरकार के मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने भी किया है। हिमाचल प्रदेश में अब डेमोग्राफी में बदलाव का खतरा भी स्थानीय लोगों को लगने लगा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रदेश में तेजी से अवैध घुसपैठ हो रही है।

हिमाचल प्रदेश में डेमोग्राफी में बदलाव के साथ ही मस्जिद-मदरसों की संख्या में भी बढ़त देखी गई है। कई जगह इनका निर्माण अवैध रूप से हुआ है। प्रादेशिक स्तर पर हिन्दू हितों के लिए काम करने वालों का कहना है कि इस पूरे खेल में राज्य का वक्फ बोर्ड भी शामिल है। उनका कहना है कि राज्य में डेमोग्राफी बदलाव की कोशिशों में तेजी पिछले 3-4 साल से तेजी आई है।

10 साल में 25% बढ़ी मुस्लिम आबादी

हिमाचल प्रदेश हिन्दू बहुसंख्यक आबादी वाला राज्य है। यहाँ 90% से अधिक जनसंख्या हिन्दू धर्म को मानने वालों की है। लेकिन हिन्दू आबादी की वृद्धि दर राज्य की मुस्लिम आबादी से कहीं कम है। हिमाचल प्रदेश की जनगणना के आँकड़े से पता चलता है कि वर्ष 2001 से 2011 के बीच राज्य में मुस्लिम आबादी 25% की गति से बढ़ी। हिमाचल प्रदेश की मुस्लिम आबादी 2001 में 1.19 लाख थी। यह 2011 में बढ़ कर 1.49 लाख पहुँच गई। इसमें इस दौरान 25.6% की वृद्धि हुई। वहीं इस दौरान हिन्दू आबादी की वृद्धि दर केवल 12% रही।

यदि इसी वृद्धि दर को ही माना जाए तो इस समय हिमाचल प्रदेश में मुस्लिम आबादी लगभग 1.9 लाख हो गई होगी। इस संख्या में वह लोग शामिल नहीं हैं जो बाहर से आकर हिमाचल प्रदेश में रह रहे हैं या फिर जनसंख्या में गिने नहीं गए। हिन्दू जागरण मंच (HJM) के महामंत्री कमल गौतम का कहना है कि राज्य कुछ वर्षों पहले जिन इलाकों में 100 बाहरी मुस्लिम रह रहे थे वहाँ अब उनकी संख्या बढ़ कर चार गुनी हो गई है। उन्होंने डेमोग्राफी में बदलाव को बड़ी चिंता बताया है।

मस्जिद-मदरसों की संख्या तेजी से बढ़ी

हिमाचल प्रदेश में मात्र मुस्लिम आबादी और बाहरी घुसपैठ ही एक समस्या नहीं है। राज्य में मस्जिद-मदरसे भी तेजी से बढ़े हैं। हिन्दू जागरण मंच ने एक रिपोर्ट में बताया है कि राज्य कोरोना काल से पहले 393 मस्जिदें थी। लेकिन कोरोना के बाद इनकी संख्या 520 हो गई। बताया गया कि सिरमौर जिले में सबसे अधिक 130 मस्जिदें बन गई हैं। इसके अलावा चंबा में 87 और ऊना में 52 मस्जिदें हैं। प्रदेश में मदरसों की संख्या भी 35 है।

हिन्दू जागरण मंच का आरोप है कि उन जगह पर मस्जिदें बनाई जा रही हैं जहाँ कोई भी मुस्लिम नहीं रहता। इसके अलावा उनका निर्माण भी अनुमति के हो रहा है। संजौली की मस्जिद को लेकर हुआ विवाद इसी कारण है। यह मस्जिद असल में काफी छोटी थी और यहाँ मात्र दो मंजिल थी। लेकिन बिना अनुमति के यहाँ भी पाँच मंजिल मस्जिद खड़ी कर दी गई। यहाँ नगर निगम की नोटिस के बाद भी काम नहीं रोका गया। इसी तरह शिमला के कसुम्पटी में भी चोरी छुपे मस्जिद का निर्माण चल रहा था।

सिर्फ शिमला ही नहीं बल्कि मंडी में भी अवैध मस्जिद के निर्माण की बात सामने आई है। मंडी में PWD की जमीन पर मस्जिद का ढाँचा खड़ा कर दिया गया। यहाँ भी बिना नक्शा बनवाए ही काम किया गया।

हिन्दू जागरण मंच का कहना है कि पहले किसी व्यक्ति की जमीन खरीदी जाती है और उस पर एक ढाँचा खड़ा किया जाता है, इसके बाद आसपास की जमीन कब्जा ली जाती है। हिन्दू जागरण मंच ने यह भी बताया कि मस्जिदों को बाहर तिरपाल और टेंट से घेर कर अंदर चुपके से काम होता रहता है। मंडी में 2023 में एक अस्थायी मस्जिद को गिराया भी गया था।

अपराध भी बढ़ रहा

हिमाचल प्रदेश देश के सबसे शांत राज्यों में एक है। लेकिन बीते कुछ वर्षों में यहाँ भी ऐसे अपराध सामने आए हैं जिनमें बाहर से आने वाले मुस्लिम शामिल रहे हैं। हाल ही में बकरीद के दौरान सोलन में दुकान करने वाले जावेद नाम के एक युवक ने अपने स्टेटस पर कथित तौर पर गोकशी का फोटो लगाया। इसके बाद माहौल बिगड़ गया। यह युवक उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। इससे पहले वर्ष 2023 में चंबा में मनोहर नाम के एक युवक की हत्या कर दी गई।

मनोहर का अपराध इतना था कि वह एक मुस्लिम लड़की से प्रेम करता था। उसकी लाश के तक टुकड़े टुकड़े कर दिए गए। यह मुद्दा हिमाचल में लम्बे समय तक छाया रहा। हिन्दू जागरण मंच का आरोप है कि इस मामले में ढिलाई बरती गई। इससे पहले 2022 में एक हिन्दू नाबालिग बच्ची प्राची की हत्या एक आसिफ नाम के एक युवक ने कर दी थी। आसिफ इस घर में अखबार बाँटने जाता था। इसके अलावा बाहर से आने वाले लोग यहाँ चेन स्नेंचिंग जैसे छोटे-मोटे अपराधों को भी बढ़ावा दे रहे हैं।

राज्य में घुसपैठ

लव जिहाद के मामले भी आए सामने

हिमाचल प्रदेश में लव जिहाद के मामले भी सामने आने लगे हैं। सितम्बर, 2023 में हिमाचल प्रदेश के मंडी से एक ऐसा ही गंभीर मामला सामने आया था। मंडी में जम्मू कश्मीर के एक युवक ने खुद को सेना का जवान बताया और अपना नाम सोनू बताया। वह जिस किराए के घर में रहता था, वहीं की रहने वाली एक लड़की को उसने अपनी हिन्दू पहचान बता कर फंसा लिया और फिर उसको अगवा करके जम्मू लेकर चला गया। लड़की को बाद में पता चला कि सोनू असल में अयाज है। इसके बाद लड़की किसी तरह वापस अपने घर पहुँच सकी।

उसने वापस आकर अपनी आपबीती बताई। अगस्त, 2023 में ही हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा से एक लड़की को एक युवक भगा कर राजस्थान लेकर गया। हरनोटा गाँव के लोगों ने बताया था कि इस वारदात में मुस्लिम युवक शामिल था। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि उनके इलाके में मुस्लिम युवक लगातार ऐसी ही वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।

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