Friday, November 15, 2024
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संजौली से कसुम्पटी तक सड़क पर हिंदू, क्या शिमला में मस्जिदों पर चलेगा बुलडोजर? जानिए अपने ही मंत्री का कॉन्ग्रेसी क्यों कर रहे विरोध, रोहिंग्या मुस्लिमों-लव जिहाद से क्या है कनेक्शन

2010 में जब इस मस्जिद में अवैध निर्माण चालू हुआ तो शिमला नगर निगम ने नोटिस भी भेजे लेकिन निर्माण नहीं रुका। मस्जिद के निर्माण रोकने को लेकर 30-35 नोटिस भेजे जा चुके हैं। इसके आसपास एक अवैध निर्माण को शिमला नगर निगम ने तोड़ा भी था। फिर भी यह पाँच मंजिल मस्जिद शहर के बीचों-बीच खड़ी कर दी गई।

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बनी एक अवैध मस्जिद को लेकर हिन्दू सड़कों पर हैं। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग इस अवैध निर्माण को तोड़ने की माँग कर रहे हैं। राज्य की कॉन्ग्रेस सरकार ने भी माना है कि यह मस्जिद अवैध रूप से बनाई गई है। राज्य सरकार मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने हिमाचल प्रदेश में रोहिंग्या और बांग्लादेशी आ गए हैं। उन्होंने इसको लेकर कार्रवाई की बात की है। वहीं कॉन्ग्रेस के ही एक विधायक इस मस्जिद के बचाव में उतरे हैं।

संजौली मस्जिद को लेकर क्या है विवाद?

राजधानी शिमला में बनी संजौली की मस्जिद में अवैध निर्माण को हटाने की लम्बे समय से माँग चल रही है। यह मामला हाल ही में मारपीट की एक घटना के बाद और गरमा गया। दरअसल, 31 अगस्त, 2024 को एक स्थानीय युवक यशपाल की मल्याना में मुस्लिम लड़कों से कहासुनी हुई। इसके बाद मुस्लिम हिंसक हो गए, उन्होंने यशपाल पर हमला कर दिया और उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। बताया गया कि हमला करने वाले यह युवक कुछ देर बाद संजौली की मस्जिद में छुप गए।

इसके बाद आसपास के लोगों का गुस्सा भड़क गया। स्थानीय लोग यहाँ इकट्ठा होकर इन युवकों पर कार्रवाई करने की माँग करने लगे। इसको लेकर पुलिस में भी मामला दर्ज करवाया गया। पुलिस ने इस मामले में 6 लोगों को पकड़ा, जिसमें 2 नाबालिग हैं। जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनके नाम गुलनवाज, सारिक, सैफ अली और रोहित हैं। इनके साथ दो नाबालिग भी पकड़े गए, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया। गिरफ्तार आरोपितों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है।

अवैध निर्माण को लेकर उठी आवाज

इस पूरे विवाद के केंद्र में शिमला के संजौली में बनी अवैध मस्जिद आई। इसको लेकर हिन्दू संगठन और स्थानीय संगठन सड़कों पर उतरे और इसे तोड़ने की माँग की। उन्होंने कहा कि इसका निर्माण पूरी तरीके से अवैध है और इसकी अनुमति प्रशासन से नहीं ली गई है। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि संजौली की यह मस्जिद पहले कच्ची थी और मात्र दो मंजिल की थी। लेकिन 2010 के बाद इसमें तेजी से पक्का निर्माण किया जाने लगा। देखते देखते यह मस्जिद पाँच मंजिल तक पहुँच गई।

इस मामले में राज्य सरकार ने बताया कि 2010 में जब इस मस्जिद में अवैध निर्माण चालू हुआ तो शिमला नगर निगम ने नोटिस भी भेजे लेकिन निर्माण नहीं रुका। मस्जिद के निर्माण रोकने को लेकर 30-35 नोटिस भेजे जा चुके हैं। इसके आसपास एक अवैध निर्माण को शिमला नगर निगम ने तोड़ा भी था। फिर भी यह पाँच मंजिल मस्जिद शहर के बीचों-बीच खड़ी कर दी गई।

स्थानीय लोग इस निर्माण से गुस्सा हैं। उनका कहना है कि यहाँ नमाज पढ़ने के लिए आने वालों की सँख्या लगातार बढ़ रही है। यहाँ आने वाले कुछ लोगों पर आसपास के घरों में ताकाझाकी के आरोप लगाए गए हैं। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि यहाँ बाहरी लोग आकर माहौल बिगाड़ना चाहते हैं। संजौली की इस मस्जिद को लेकर कोर्ट में भी मामला चल रहा है। बताया गया है कि इस मस्जिद के निर्माण में सलीम खान नाम के व्यक्ति का सबसे बड़ा रोल है। वह सहारनपुर का बताया जा रहा है।

कॉन्ग्रेस के मंत्री-विधायक आपस में भिड़े

अवैध मस्जिद और राज्य में अवैध लोगों की घुसपैठ को लेकर हिमाचल प्रदेश की कॉन्ग्रेस सरकार के विधायक और मंत्री ही आपस में टकरा गए हैं। कॉन्ग्रेस सरकार में मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने इसको लेकर विधानसभा में स्थिति साफ़ की है। अनिरुद्ध सिंह ने इसको लेकर कहा, “ये कैसी स्थिति उत्पन्न हो रही प्रदेश में, लगातार बाहरी लोग आ रहे हैं, जमात के लोग आ रहे हैं। क्या यह रोहिंग्या मुस्लिम हैं। मैं खुद ऐसे लोगों को जानता हूँ जो बांग्लादेशी हैं। इन सबका सत्यापन होना चाहिए।”

अनिरुद्ध सिंह ने बताया, “2010 में इस मस्जिद को लेकर काम चालू हुआ, मेरे पास रिकॉर्ड है। इसमें अवैध निर्माण किया गया। 2500 स्क्वेयर फीट का निर्माण किया गया। इसके बाद 2012 में भी यही बात आई। 2010 में मामला चल रहा था लेकिन 2019 तक चार और मंजिल चल गई…संजौली बाजार में महिलाओं का चलना मुश्किल हो गया है। चोरियाँ हो रही हैं। लव जिहाद जैसी घटनाएँ हो रही हैं, जो प्रदेश और देश के लिए खतरनाक हैं। इस मस्जिद का अवैध निर्माण हुआ है।”

अनिरुद्ध सिंह ने खुले तौर पर मस्जिद को अवैध बताया है और इस पर कार्रवाई की बात कही है। उनके अलावा कॉन्ग्रेस सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी इसे अवैध बताया है। जहाँ कॉन्ग्रेस सरकार के मंत्री इस मामले में स्थाने लोगों की बातों का समर्थन कर रहे हैं वहीं कॉन्ग्रेस के ही एक विधायक इसे बचाने की कोशिश में लगे हुए हैं। कॉन्ग्रेस विधायक हरीश जनारथा ने कहा है कि तनाव मस्जिद की वजह से नहीं हुआ है और यह मस्जिद काफी पुरानी है। उन्होंने कहा मस्जिद वक्फ बोर्ड की जमीन पर है।

भाजपा ने कहा- कार्रवाई एक दिन का काम

अवैध मस्जिद के मुद्दे पर भाजपा भी अब हमलावर हो गई है। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा, “बाहर से लोग आए हैं, उनका सत्यापन बहुत जरूरी है। जहाँ तक मस्जिद की बात है, इसके बारे में स्पष्ट है कि 2010 में नगर निगम में शिकायत हुई है, इन्हें नोटिस भेजे गए हैं। इसके बावजूद निर्माण कार्य 4 मंजिल तक पहुँच गया। एक दरजी आया था, उसने यह इमारत खड़ी कर दी। धीरे धीरे उसने अपने लोगों को बुलाया और अब वहाँ बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए हैं।

जयराम ठाकुर ने कहा, “जो लोग बाहर से आते हैं, उनकी कोई पहचान नहीं है। निर्माण सरकारी जमीन पर है, निर्माण अवैध है और उनके पास कोई मंजूरी नहीं है। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। सरकार इस मामले को रफा दफा करना चाहती है। कॉन्ग्रेस संविधान की बात करती है, उस दिन संविधान बचेगा ही नहीं जब हिन्दू कम हो जाएँगे।”

शिमला की इस मस्जिद का यह मामला अब गरमाया हुआ है और हिन्दू संगठन अवैध निर्माण को हटाने के लिए प्रतिबद्ध हो गए हैं। वहीं कॉन्ग्रेस सरकार के मंत्री अनिरुद्ध सिंह भी इस पर मुखर हैं। हालाँकि, अभी तक मस्जिद पर कार्रवाई की कोई बात सामने नहीं आई है। इस बीच शिमला के कसुम्पटी में भी एक मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर विवाद चालू हो गया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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