उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद मेंं सिटी मजिस्ट्रेट अशोक कुमार मौर्य ने पीस कमेटी की बैठक को संबोधित करते हुए होली को नशे का त्योहार बताया। बैठक होली और शब-ए-बारात के मद्देनजर नगर में होने वाले इंतजामों की चर्चा को लेकर हो रही थी। हालाँकि, मजिस्ट्रेट ने इंतजामों पर बात करते हुए हिंदुओं के त्योहार होली के लिए विवादित बयान दे दिया। उन्होंने कहा कि होली नशे का त्योहार है, इसलिए सभी लोग अपने अपने बच्चों का स्वयं ध्यान रखें।
जानकारी के अनुसार, मजिस्ट्रेट अशोक मौर्या ने बैठक में कहा कि होली एक ऐसा त्योहार है जिसमें लोग शराब पीतें हैं और नशा करते हैं। वह बोले, “होली ड्रग्स का त्योहार है, इसलिए उत्सव के दौरान शहर में होने वाली किसी भी संदिग्ध गतिविधियों पर प्रशासन को कड़ी निगरानी रखनी होगी।” मौर्य ने आगे कहा, “अगर आपको कहीं भीं शराब या ड्रग की बिक्री को लेकर को कोई भी जानकारी मिले तो आप फौरन पुलिस को सूचित करें।”
#Farrukhabad
— भारत समाचार (@bstvlive) March 22, 2021
➡सिटी मजिस्ट्रेट अशोक मौर्य का विवादित बयान:-
➡होली के त्योहार को बताया नशे का त्योहार
➡पीस कमेटी की बैठक में बोले सिटी मजिस्ट्रेट
➡सौहार्द, भाईचारा न होकर होली नशे का त्योहार
➡सिटी मजिस्ट्रेट के बयान के बाद लोगों में रोष pic.twitter.com/PJCQUyAULY
सिटी मजिस्ट्रेट के इस बयान को सुनने के बाद वहाँ बैठे एक वकील डॉ. दीपक द्विवेदी भड़क गए। डॉ. दीपक ने आपत्ति जाहिर करते हुए मौर्य से माफी माँगने को कहा। जवाब में मौर्य ने कहा कि उनके कहने का यह मतलब नहीं था। इसके बाद हिंदू जागरण मंच के सदस्यों ने भी सिटी मजिस्ट्रेट के खिलाफ़ प्रदर्शन किया। चौक बाजार इलाके में मजिस्ट्रेट के पुतले जलाए गए।
पहले भी होली पर लिबरल प्रोपेगेंडा
ये पहली बार नहीं जब हिंदू त्योहारों को बदनाम करने का प्रयास हुआ है। इससे पूर्व भी वामपंथी-कट्टरपंथी प्रोपेगेंडा के तहत हिंदू त्योहारों को बुरा भला कहा जाता रहा है। पिछले साल सोशल मीडिया पर होली को रेप और शोषण का त्योहार बता दिया गया था।
लिबरलों ने यहाँ तक कहा था कि होली पर महिलाओं को प्रताड़ित किया जाता है। वहीं इस्लामियों ने दावा किया था कि हिंदू पुरुष मुस्लिम पुरुषों से जलते हैं इसलिए वह उनकी औरतों के साथ होली खेलना चाहते हैं।
द क्विंट ने होली पर हिंदूफोबिया कंटेंट को बढ़ावा देते हुए इस त्योहार को एक ऐसा अवसर कहा था जहाँ बच्चे सड़कों पर आतंक मचाते हैं। फिर स्क्रॉल ने भी इस त्योहार पर ऐसी रिपोर्ट छापी थी जिससे पता चले कि आखिर किस तरह देश में पानी के लिए हाहाकार है और त्योहार को मनाने के लिए हिंदू उसे ही बर्बाद कर देते हैं।