पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में रामनवमी के मौके पर हिन्दू विरोधी हिंसा हुई, लेकिन राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसका इसका सारा ठीकरा पीड़ित हिन्दुओं पर ही फोड़ डाला। उन्होंने उलटा हिन्दुओं से ही कहा कि वो रमजान के महीने में मुस्लिमों की रक्षा करें। जिस पश्चिम बंगाल में मुस्लिम लगभग एक तिहाई हो गए हैं, वहाँ की सीएम उन्हें अल्पसंख्यक बता रही हैं। उन्होंने ‘मुस्लिम एरिया’ का भी जिक्र किया, जिसके लिए आपको मद्रास हाईकोर्ट की एक पुरानी टिप्पणी याद कराए जाने लायक है।
असल में TMC (तृणमूल कॉन्ग्रेस) सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा था कि हिन्दुओं को रामनवमी मनानी चाहिए, लेकिन उन्हें ‘मुस्लिम एरिया’ में नहीं जाना चाहिए क्योंकि अभी रमजान का महीना चल रहा है। यानी, इस देश में अब मुस्लिमों के अलग एरिया बन गए हैं, जहाँ हिन्दू त्योहारों की शोभा यात्राएँ नहीं घुस सकतीं। ये सब तब हो रहा है, जब ‘मुस्लिमों के लिए अलग मुल्क’ की माँग पर ही भारत का बँटवारा हुआ था। इसका परिणाम ये हुआ कि पाकिस्तान और बांग्लादेश उन्हें मिला।
अब बात करते हैं मद्रास हाईकोर्ट की उस टिप्पणी की, जो उसने किसी तरह के एक मामले को लेकर की थी। मामला तमिलनाडु के पेरम्बलूर जिले के वी कलाथुर इलाके का था। एक खास रूट को लेकर मुस्लिमों की आपत्ति थी कि यहाँ से मंदिर की यात्रा नहीं निकल सकती। पुराने समय से ही वहाँ मंदिरों का 3 दिवसीय त्योहार हर साल आयोजित होता आ रहा है, लेकिन 2012 से स्थानीय मुस्लिम इसे हराम बता कर आपत्ति जताने लगे।
जजों ने भी इस बात को माना कि 2011 तक गाँव के हर रास्ते पर मंदिर की शोभा यात्रा निकलती थी और किसी को कोई आपत्ति नहीं होती थी। मद्रास हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा कि सड़कों या गलियों तक जनता की पहुँच होनी चाहिए, चाहे वो किसी भी धर्म/मजहब के हों। मद्रास हाईकोर्ट ने भारत को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बताते हुए कहा था कि किसी खास क्षेत्र में किसी मजहब के लोग बहुलता में हैं, इसका ये अर्थ नहीं है कि वहाँ से दूसरे धर्म के लोग यात्रा नहीं निकाल सकते।
Bengal Clashes
— TIMES NOW (@TimesNow) April 4, 2023
India stands united! I believe every inch of our country belongs to every Indian. It’s only geographically that we have states: @gauravbh slams Mamata Banerjee’s “Muslim area” remarks.
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मद्रास हाईकोर्ट ने चेताया कि ऐसे मामलों से इस तरह की स्थितियाँ उत्पन्न हो जाएँगी कि अल्पसंख्यक देश के अधिकतर हिस्सों में अपने त्योहार नहीं मना सकेंगे, या जुलूस नहीं निकाल सकेंगे। मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा था कि इसी तरह की दिक्कतें दूसरा समाज भी करने लगे तो देश भर में अशांति और उन्माद का माहौल पैदा हो जाएगा। TMC को भी देश की न्यायपालिका पर अगर भरोसा है तो ‘मुस्लिम एरिया’ जैसी बातें नहीं करनी चाहिए, क्योंकि सदियों से जो परंपरा है उसे निभाने से रोकना हिन्दुओं के साथ अन्याय है।