मध्यप्रदेश की राजनीति में हनी ट्रैप खुलासे के बाद इन दिनों खलबली मची हुई है। वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर पत्रकार तक इस मामले में बदनाम होते नजर आ रहे हैं। नेताओं के बोल पर भी इस समय लगाम नहीं है। सब अपनी राजनीति साधने का भरसक प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में कॉन्ग्रेस नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह भी ने इस मामले में महिलाओं को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने रविवार (सितंबर 29, 2019) को कहा कि इस तरह के कांड सामने आना कोई नई बात नहीं है और इतिहास में भी इसके प्रमाण है कि सत्ता पाने के लिहाज से महिलाओं का इस्तेमाल होता रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लक्ष्मण सिंह ने मीडिया सवालों का जवाब देते हुए कहा कि ऐसे काण्ड हजारों साल से चले आ रहे हैं। पहले भी महिलाओं का उपयोग सत्ता पाने के लिए युद्ध में होता था। उन्होंने कहा,“महिलाओं के कारण महाभारत सरीखे कई युद्ध हुए हैं। पहले और दूसरे विश्वयुद्ध में भी महिलाओं का उपयोग किया गया था। हिटलर और चर्चिल ने भी (अपने विरोधियों के खिलाफ) महिलाओं का इस्तेमाल किया था।”
Politics increases over honey-trap case in MPhttps://t.co/mpj8kcsFln
— India Today (@IndiaToday) September 29, 2019
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि हालाँकि, मोहपाश में फँसाकर सरकारी ठेके हासिल करने के लिए महिलाओं का इस्तेमाल सरासर गलत है। उन्होंने बताया कि फिलहाल पुलिस का विशेष जाँच दल मामले की जाँच में जुटा है और रिपोर्ट के आधार पर ही इस मामले में कार्रवाई होगी। उन्होंने ये भी कहा कि अगर मामले में जाँच के बाद भाजपा संतुष्ट नहीं होगी, तो सीबीआई जाँच करवा ली जाएगी।
गौरतलब है कि इस पूरे मामले में पकड़ी गई श्वेता ने पूछताछ के दौरान जाँच टीम के आगे साफ़ किया है कि हनी ट्रैप का मुख्य उद्देश्य सरकारी ठेके, एनजीओ को फंडिंग करवाना और हाई प्रोफ़ाइल लोगों को अपने जाल में फँसाना था। श्वेता ने बताया कि उसने कई बड़ी कंपनियों को ठेके दिलवाने में मदद की। श्वेता के इस काम में उसकी साथी आरती दयाल ने अहम भूमिका निभाई।
बता दें कि इस सेक्स रैकेट मामले में भोपाल के कई मीडियाकर्मियों के नाम सामने आ चुके हैं, जो श्वेता और आरती के लिए दलाली का काम करते थे। मीडियाकर्मियों ने कथित तौर पर पीड़ित नौकरशाहों, मंत्रियों और रैकेट की श्वेता जैन के बीच दलाल के तौर पर सौदे करवाने में मदद की थी। इन मीडियाकर्मियों में एक हिंदी समाचार पत्र के क्षेत्रीय संपादक, एक समाचार चैनल के कैमरामैन और क्षेत्रीय सैटेलाइट चैनल के मालिक का नाम शामिल था।