इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने सोमवार (18मई,20) को कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए अपनी परीक्षण रणनीति को संशोधित किया है। देश में कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए कोविड 19 टेस्टिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है।
बात दें अब तक भारत में कोरोना वायरस के 96169 मामले सामने आ चुके हैं। इसके साथ ही 3029 लोगों की मौत इस जानलेवा संक्रमण से हो चुकी है। महाराष्ट्र में इस वक़्त कोरोना के सबसे ज्यादा आँकड़ो में वृद्धि हो रही है।
कोरोना के सही आँकड़ो को पता करने के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने भारत में कोरोना वायरस के टेस्टिंग के लिए नई रणनीति तैयार की है।
काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की जाँच रणनीति-
- ICMR के मुताबिक अब उन सभी लोगों की कोविड 19 जाँच होगी, जिन्होंने पिछले 14 दिन में कोई अंतरराष्ट्रीय यात्रा की हो और उनमें कोविड-19 जैसे लक्षण हों।
- लैबोरेटरी में मरीज के कोविड 19 केस की पुष्टि होने पर उसके संपर्क में आए वे लोग जिनमें कोविड 19 के लक्षण होंगे।
- कोविड 19 के कंटनमेंट जोन में काम करने वाले सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों या अन्य कर्मचारियों की जाँच (जिनमें कोविड 19 के लक्षण होंगे)।
- जिन लोगों एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन के साथ ही बुखार, खाँसी के लक्षण मिलेंगे और उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होगी।
- जो लोग संक्रिमत लोगों के संपर्क में 5 से 10 दिन के अंदर ज्यादा आए होंगे।
- हॉटस्पॉट और कंटेन्मेंट इलाके में रहने वाले लोग।
- हॉस्पिटल के उन सभी मरीजों का जिनमें कोविड 19 के लक्षण होंगे।
- घर आए सभी प्रवासी मजदूर और कर्मचारी जो 7 दिन से ज्यादा बीमार हो जिनमें कोविड-19 के लक्षण देखने को मिले।
- प्रेग्नेंसी को छोड़ किसी भी बीमारी के दौरान टेस्टिंग में देरी नहीं होनी चाहिए।