Saturday, July 27, 2024
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चरागाह की जमीन पर 25 साल से चल रहा था अवैध मदरसा, योगी सरकार के बुलडोजर ने ढाह दिया: संचालक हसन पर ₹2.24 लाख का जुर्माना भी

इस ध्वस्तीकरण के लिए PAC का अतिरिक्त बल और 5 थानों की पुलिस बुलाई गई। सुबह 5:30 से ही बुलडोजर चलना शुरू हो गया था।

उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में चरागाह की जमीन पर बने एक अवैध मदरसे को ढहा दिया गया है। बताया जा रहा है कि इस मदरसे को सरकार द्वारा मान्यता भी नहीं मिली हुई थी। इसे हसन नाम का एक व्यक्ति संचालित कर रहा था। तहसीलदार कोर्ट ने 2 सितम्बर, 2022 को ही नोटिस जारी कर के अवैध निर्माण संचालक को खुद से हटाने का आदेश दिया था। ऐसा न होने के बाद प्रशासन ने अवैध मदरसे पर बुलडोजर चलवा दिया। यह कार्रवाई सोमवार (12 सितम्बर, 2022) को हुई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मदरसा चरागाह की जमीन पर लगभग 25 वर्षों से बना हुआ था। इसका निर्माण 1997 में अमेठी के टांडा-बांदा हाईवे के पास गूजरटोला में हुआ था। सरकारी कागजातों में यह जगह सरकारी चरागाह के तौर पर दर्ज थी। स्थानीय लोगों ने इस अवैध कब्ज़े की शिकायत की तो स्थानीय लेखपाल ने 27 जून, 2022 को इसकी रिपोर्ट तहसील में जमा की, जिसमें मदरसे के चरागाह की जमीन पर बने होने की पुष्टि की गई थी।

29 जून, 2022 को यह मामला जिले के तहसीलदार की अदालत में दर्ज हुआ। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए 1 सितम्बर को मदरसा अवैध रूप से बना पाया और 2 सितम्बर तक उसको चलाने वाले हसन से उसे खुद से हटा लेने के कहा। जब हसन ने तय सीमा में अवैध मदरसे को नहीं हटाया, तब सोमवार को SDM भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुँचे और 35 मिनट तक चले बुलडोजर के बाद मदरसे को जमींदोज कर दिया गया।

इस ध्वस्तीकरण के लिए PAC का अतिरिक्त बल और 5 थानों की पुलिस बुलाई गई। सुबह 5:30 से ही बुलडोजर चलना शुरू हो गया था। मदरसा संचालक हसन पर 2 लाख 24 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। इस कार्रवाई का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, मदरसा संचालक हसन का कहना है कि उसने मदरसे का निर्माण ग्राम सभा के प्रस्ताव पर करवाया था और इसके निर्माण के लिए गाँव वालों ने ही चंदा जुटाया था। हसन ने बताया कि मदरसे में लगभग 150 बच्चे तालीम हासिल करते थे, लेकिन कोरोना काल से यह बंद चल रहा था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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