दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन उत्पादक कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट की वैक्सीन कोविशील्ड को भारत में इमरजेंसी में इस्तेमाल की अनुमति दे दी गई है। इसी के साथ देश में कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन का इंतजार अब कुछ हद तक खत्म हो गया है। सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड वैक्सीन देश की ऐसी पहली वैक्सीन है, जिसे केंद्र सरकार ने अभी तक मंजूरी दी है और इसे जल्द ही लगाए जाने का रास्ता भी साफ़ हो गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस पर फैसला ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया द्वारा बनाए गए विशेष पैनल ने लिया है। केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 पर एक विशेषज्ञ समिति ऑक्सफोर्ड के कोरोना वायरस रोधी टीके कोविशील्ड के आपात इस्तेमाल की मंजूरी देने के लिए सिफारिश करने की है। बता दें कि सीरम इंस्टिट्यूट ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन में पार्टनर है और देश में इस वैक्सीन को कोविशील्ड के नाम से बेचा जाएगा।
#COVID19 | AstraZeneca-Oxford vaccine becomes first to get emergency use approval in India.
— The Times Of India (@timesofindia) January 1, 2021
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गौरतलब है कि कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर बनाया है। इससे पहले, ब्रिटेन ने भी बुधवार को ही ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दी है। रिपोर्ट के अनुसार, अदार पूनावाला का सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) इसके भारत में ट्रायल्स कर रहा है। इसे ही एक्सपर्ट कमेटी ने सशर्त मंजूरी की सिफारिश की है। बताया जा रहा है कि भारत में सीरम इंस्टिट्यूट पहले ही इस वैक्सीन के 5 करोड़ डोज तैयार कर चुकी है।
मीडिया रिपोर्ट में भारत के लिए कोविशील्ड वैक्सीन के ज्यादा फायदेमंद होने के कई कारण गिनाए जा रहे हैं। पहला तो ये कि Pfizer की वैक्सीन को -70 डिग्री सेल्सियस तापमान पर फ्रीज करके रखना है जिसके लिए फ्रीजर की व्यवस्था करना भारत के लिए बड़ी चुनौती होगी। वहीं मॉडर्ना की वैक्सीन के लिए भी डीप फ्रीजर की आवश्यकता होगी, लेकिन ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन को सामान्य फ्रीज में आराम से रखा जा सकता है।
इस वैक्सीन का दूसरा सकारात्मक पहलू यह है कि भारत जैसे बड़े देश में टीकाकरण के लिए बहुत बड़े स्तर पर प्रॉडक्शन की आवश्यकता होगी। जिस वजह से दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक के रूप में सीरम इंस्टिट्यूट इसमें बेहद मददगार साबित हो सकता है। कंपनी का कहना है कि वह मार्च महीने तक तकरीबन दस करोड़ डोज तैयार कर लेगी। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि भारत में कोरोना के पहले फेज के वैक्सिनेशन में तकरीबन 30 करोड़ लोगों का टीकाकरण किया जाना है।
गौरतलब है कि सीरम इंस्टिट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ये भी साफ कर चुके हैं कि वर्तमान में बने तकरीबन सभी डोज भारत में ही इस्तेमाल किए जाएँगे। वहीं इस वैक्सीन की तीसरी खासियत कीमत भी हैं। नवंबर में एक इंटरव्यू में पूनावाला कह चुके हैं कि वैक्सीन के दोनों डोज की कीमत एक हजार रुपए से कम रखी जाएगी।