Friday, March 7, 2025
Homeफ़ैक्ट चेकISI एजेंट राशिद के घर NIA ने मारा छापा, मोबाइल के साथ मिले कई...

ISI एजेंट राशिद के घर NIA ने मारा छापा, मोबाइल के साथ मिले कई अहम दस्तावेज

मोहम्मद राशिद को यूपी एटीएस ने 19 जनवरी 2020 में गिरफ्तार किया था। मोहम्मद राशिद पर देश में सीआरपीएफ के ठिकानों की जासूसी और सामरिक तौर पर अहम जानकारी को पाकिस्तान में बैठे हैंडलर्स को भेजने का आरोप है।

NIA की एक टीम ने रविवार (28 जून, 2020) को उत्तर प्रदेश के चंदौली और वाराणसी में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के एजेंट मोहम्मद राशिद के घर पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान NIA की टीम ने मोबाइल और कई अहम दस्तावेज बरामद किए।

उत्तर प्रदेश के चंदौली और वाराणसी स्थित आवास पर रविवार को राशिद को लेकर पहुँची NIA की टीम ने करीब दो घंटे तक घर को खँगाला और राशिद की माँ सहित अन्य कई परिजनों से पूछताछ की। इसके बाद NIA की टीम राशिद को अपने साथ लेकर चली गई। खबरों के मुताबिक राशिद के घर पहुँचने से पहले ही पूरे इलाके को सील कर दिया गया था।

राशिद के आवास से NIA की टीम को मिले दस्तावेजों और मोबाइल के आधार पर टीम यह जानने की कोशिश में जुटी है कि उसकी तरह और लोग भी ISI के लिए जासूसी में तो शामिल नहीं हैं। NIA की टीम राशिद से लगातार पूछताछ कर रही है।

NIA ने प्रेस को दिए अपने बयान में कहा कि राशिद के खिलाफ में 6 अप्रैल को आईपीसी की धारा 123 और धारा 13, 17 और 18 के यूए (पी) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।

अधिकारियों ने बताया कि राशिद पाकिस्‍तान में बैठे अपने हैंडलर्स के सीधे संपर्क में था। राशिद भारत में रहकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करता था। इतना ही नहीं जासूसी की ट्रेनिंग लेने के लिए राशिद दो बार पाकिस्‍तान भी जा चुका है।

भारत की महत्वपूर्ण जानकारी पाकिस्तान को साझा करने के लिए राशिद को 2019 में पाकिस्तान के राष्ट्रीय रंग हरे कलर की टी-शर्ट इनाम में दी गई थी। कुछ दिन बाद जुलाई 2019 में राशिद को पेटीएम के जरिए 5 हजार रुपए पाकिस्तान से भेजे गए थे।

उसकी ओर से दिए गए भारत के नंबर से दरअसल ISI WhatsApp अकाउंट चला रही थी। राशिद उन्हें भारत के संवेदनशील और रणनीतिक महत्व की जानकारी और फोटो भेजता था। यूपी ATS ने उसे ऐसा करते हुए धर दबोचा था।

मोहम्मद राशिद को यूपी एटीएस ने 19 जनवरी 2020 में गिरफ्तार किया था। मोहम्मद राशिद पर देश में सीआरपीएफ के ठिकानों की जासूसी और सामरिक तौर पर अहम जानकारी को पाकिस्तान में बैठे हैंडलर्स को भेजने का आरोप है। उस पर भारतीय दंड संह‍िता तथा गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

सीलमपुर के अल-मतीन मस्जिद मामले से समझिए, कैसे मुस्लिम आपके इलाके में घुसते हैं… खुद को फैलाते हैं और एक दिन आपको लगाना पड़ता...

2017 में हिंदू घर के ऊपर खून, 2018 में मस्जिद का लफड़ा, 2020 में हिंदू विरोधी दंगा, 2023 में कटा हुआ जानवर, 2025 में फिर से मस्जिद विवाद… यूँ नहीं लगाता कोई 'मकान बिकाऊ' का पोस्टर

‘शिव-दुर्गा को छोड़ो… यीशु को पूजो, नौकरी-एडमिशन सब मिलेगा’ : बिहार के गाँव में पादरी गरीबों का यूँ करता है ब्रेनवॉश, दावा- ‘धर्मांतरण केंद्र’...

बिहार के सीवान के एक गाँव में एक पादरी सुनील कुमार धर्मांतरण का रैकेट चला रहा था। वह एक गाँव में महिलाओं को बुलाकर यीशु प्रार्थना करवाता था।
- विज्ञापन -