Sunday, November 17, 2024
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‘जैन बेकरी में कोई मुस्लिम स्टाफ नहीं’ – रिजवान पर FIR, फोटोशॉप की गई तस्वीर किया था शेयर, भड़काया था माहौल

“बेकरी के कर्मचारियों ने स्पष्ट कहा है कि ये तस्वीर व्हॉट्सअप पर इसलिए भेजी गई थी क्योंकि कुछ लोग लगातार उनसे पूछ रहे थे कि उनकी बेकरी में खाना कहीं स्पेशल कम्यूनिटी वाले तो नहीं बनाते? मगर रिजवान निजामी ने फोटोशॉप तस्वीर को फैलाया ताकि बेकरी को बदनाम कर सके। मैंने इस उद्दंडता पर एफआईआर दर्ज कर दी है।”

बीते दिनों जैन बेकर्स एंड कन्फेक्शनरी के एक विज्ञापन के कारण सोशल मीडिया पर बहुत बवाल मचा। स्थिति ऐसी बन गई कि चेन्नई के टी नगर में बेकरी के मालिक प्रशांत को ‘धार्मिक भेदभाव’ करने के मामले में गिरफ्तार करना पड़ा, पर अब इस मामले में नया खुलासा हुआ है।

दरअसल, ताजा जानकारी के अनुसार मालूम चला है कि जिस तस्वीर पर विवाद बढ़ा, वो तस्वीर फोटोशॉप की गई थी। जिसे रिजवान निजामी, बेकरी की छवि बिगाड़ने के लिहाज से सर्कुलेट कर रहे थे। मगर, अब सच्चाई का खुलासा होते ही रिजवान के ऊपर एफआईआर दर्ज करवा दी गई है।

ट्विटर पर एडवोकेट चांदनी शाह ने इसकी जानकारी दी है। चांदनी ने इन तस्वीरों पर स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया कि वास्तविकता में बेकरी के असल विज्ञापन में ऐसा कुछ नहीं है। जैसा कि फैलाया जा रहा है। इसलिए उन्होंने रिजवान पर एफआईआर कर दी है। यह FIR स्वीकार भी कर ली गई है।

चांदनी अपने ट्वीट में लिखती हैं, “बेकरी के कर्मचारियों ने स्पष्ट कहा है कि ये तस्वीर व्हॉट्सअप पर इसलिए भेजी गई थी क्योंकि कुछ लोग लगातार उनसे पूछ रहे थे कि उनकी बेकरी में खाना कहीं स्पेशल कम्यूनिटी वाले तो नहीं बनाते? मगर रिजवान निजामी ने फोटोशॉप तस्वीर को फैलाया ताकि बेकरी को बदनाम कर सके। मैंने इस उद्दंडता पर एफआईआर दर्ज कर दी है।”

गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी के समय में सोशल मीडिया पर ऐसी बहुत सी वीडियो वायरल हुई, जिनमें विशेष समुदाय के लोग खाने-पीने वाली चीजों पर थूकते या उन्हें चाटते नजर आए। जिसके कारण समाज के अन्य लोग सुरक्षा लिहाज से सतर्क हो गए और ऐसे सवाल जगह-जगह से उठने लगे।

मगर, बावजूद इस सच्चाई के, बीते दिनों कई ऐसे मामले सामने आए जब ग्राहक को अपनी ओर से स्पष्टीकरण देने पर पुलिस ने कई दुकानदारों ख़़िलाफ़ मामला दर्ज किया।

पहला उदाहरण तो जैन बेकरी के प्रशांत का ही है। जिनके ख़िलाफ़ धार्मिक भेदभाव’ वाले विज्ञापन छपवाने को लेकर आईपीसी की धाराओं 153, 153A, 505 और 295A के तहत मामला दर्ज किया गया।

इसके अलावा एक मामला झारखंड के जमशेदपुर से सामने आया था। वहाँ पुलिस ने कुछ ऐसे फल दुकानदारों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए थे, जिन्होंने ‘विश्व हिंदू परिषद द्वारा अनुमोदित फल दुकान’ के बैनर लगाए थे।

जमशेदपुर पुलिस का कहना था कि दुकानदारों पर ‘हिंदू’ शब्द लिखने के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं, क्योंकि यह सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने की एक कोशिश है। इसी तरह बिहार के नालंदा में भी सब्जियों की दुकान पर भगवा झंडा लगाने को लेकर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।

इन मामलों में सबसे हैरानी की बात ये थी कि अभी तक हम अपने आस पास खुलेआम मुस्लिम होटल और हलाल मीट शॉप लिखा देखते थे। मगर, जैसे ही फल वालों ने अपनी दुकान पर ‘विश्व हिंदू परिषद द्वारा अनुमोदित फल दुकान’ के बैनर लगाए, वैसे ही सभी धार्मिक भावनाएँ आहत हो गई और फल बेचने वालों पर मामला दर्ज हो गया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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