हिन्दू छात्रों को फेल करने का दावा करने वाला जामिया मिल्लिया इस्लामिया का असिस्टेंट प्रोफेसर अबरार अहमद अब अपने ही बयान से पलट गया है। उसने अपनी ही ट्वीट्स को पैरोडी या मजाक बताया है। उसने इसे ‘सरकाज्म’ करार दिया है। उसे कहा कि वो तो मजाक कर रहा था। चारों तरफ से काफ़ी आलोचना होने के बाद उसने ऐसा किया। बकौल अबरार, वो हिन्दू छात्रों को फेल करने की बात कह के ये दिखाना चाह रहा था कि कैसे सरकार विभिन्न समुदायों के बीच भेदभाव कर रही है। सफाई देते हुए भी उसने सीएए के विरोध में बातें कही।
Regarding a post I wrote about an Examination discrimination is Parody to explain #CAA and #CAAProtests how government is discriminating a community. There has been no such examination and no such results. Hold your horses. It is to just to explain an issue. I never discriminate.
— Dr. Abrar Ahmad (@ABRSIR) March 25, 2020
बता दें कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया के प्रोफेसर ने दावा किया था कि उसने उन नॉन-मुस्लिम छात्रों को परीक्षा में फेल कर दिया है, जो सीएए के पक्ष में थे या जो सीएए विरोधियों का विरोध कर रहे थे। जहाँ एक तरफ शिक्षकों से उम्मीद की जाती है कि वो बिना किसी भेदभाव के छात्रों को पढ़ाएँ और उन्हें एक अच्छा नागरिक बनाएँ, लेकिन प्रोफेसर अबरार अहमद लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से सीएए समर्थक छात्रों को धमकी देने में लगा हुआ था। हाल ही में उसने ऐलान किया था कि परीक्षा में 15 सीएए समर्थक छात्रों को छोड़ कर बाकी सभी छात्र पास हैं। उसने सीएए के विरोध में उसके 55 छात्र होने का दावा किया।
हालाँकि, कई लोगों को शंका थी कि कॉपी चेक करते समय प्रोफेसरों को छात्रों की पहचान पता ही नहीं होती, ऐसे में वो कैसे किसी को पहचान कर जान-बूझकर पास या फेल कर सकते हैं? हमने जामिया के कुछ लोगों से बात की, जिन्होंने हमें बताया कि अटैंडेंस शीट प्रोफेसरों के पास ही होती है, इसीलिए उनके लिए ये पता लगाना कठिन नहीं है कि कौन सा रोल नंबर किस छात्र का है और कौन हिन्दू हैं और कौन मुस्लिम। अबरार अहमद ने भी ऐसा ही करने का दावा किया है। अबरार अहमद जामिया का असिस्टेंट प्रोफेसर है, जो बाटला हाउस क्षेत्र में रहता है। अबरार ज़ाकिर नाइक का भी अनुयायी है।’
अब वो अपने ही बयान से पलट गया है और आलोचना होने के बाद इसे मजाक बता रहा है। वो ट्विटर पर ज़ाकिर नाइक को फॉलो करता है और उसकी विचारधारा भी कट्टर इस्लामी है। वह इससे पहले भी हिन्दुओं को लेकर भद्दी और आपत्तिजनक टिप्पणी कर चुका है। अपनी एक ट्वीट में उसने कहा था कि अगर भारत हिन्दू राष्ट्र बन गया तो फिर यहाँ की महिलाओं का क्या होगा? उसने कहा था कि अधिकतर बलात्कार आरोपित वही हैं, जो हिन्दू राष्ट्र या फिर रामराज की बात करते हैं। इससे पता चलता है कि वो हिन्दुओं से किस कदर नफरत करता है।