Saturday, April 27, 2024
Homeदेश-समाजपिता थे CM, पर गैर कश्मीरी हिंदू से ब्याह पर छीन ली थी डोमिसाइल:...

पिता थे CM, पर गैर कश्मीरी हिंदू से ब्याह पर छीन ली थी डोमिसाइल: अब बेटियों को नहीं दुत्कारेगा जम्मू-कश्मीर

जम्मू-कश्मीर ग्रांट के डोमिसाइल सर्टिफिकेट (प्रक्रिया) नियम, 2020 के तहत एक नया क्लॉज जोड़ा गया है, जो डोमिसाइल सर्टिफिकेट धारक के जीवनसाथी को कुछ दस्तावेज जमा करने पर सर्टिफिकेट प्राप्त करने की अनुमति देता है।

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मंगलवार (जुलाई 20, 2021) को एक पुरानी व्यवस्था में बदलाव करते हुए प्रदेश की महिलाओं को बड़ी राहत दी। फैसले के मुताबिक अब वो महिलाएँ जिन्होंने बाहरी राज्य के लड़कों से शादी की है वो भी डोमिसाइल प्रमाणपत्र की हकदार होंगी। उनके साथ उनके पति भी डोमिसाइल सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए सरकार द्वारा खुद डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। नए फैसले से पहले ये राहत सिर्फ पुरुषों के पास थी।

जम्मू-कश्मीर ग्रांट के डोमिसाइल सर्टिफिकेट (प्रक्रिया) नियम, 2020 के तहत एक नया क्लॉज जोड़ा गया है, जो डोमिसाइल सर्टिफिकेट धारक के जीवनसाथी को कुछ दस्तावेज जमा करने पर सर्टिफिकेट प्राप्त करने की अनुमति देता है। एक डोमिसाइल धारक के पति या पत्नी को डोमिसाइल की श्रेणी प्रदान करने की शक्ति तहसीलदार को प्रदान की गई है। इसके अनुसार धारक के पति या पत्नी प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए पात्र हैं बस उनके पास अपने जीवनसाथी का निवास प्रमाण पत्र और दोनों का वैध विवाह प्रमाण पत्र होना चाहिए।

पुरानी व्यवस्था के चलते आ रही थी दिक्कत

उल्लेखनीय है कि इससे पहले की व्यवस्था में केवल 15 साल तक जम्मू-कश्मीर में रहने, निर्धारित अवधि तक प्रदेश में सेवाएँ देने और विद्यार्थियों के लिए निर्धारित नियमों के तहत ही डोमिसाइल प्रमाणपत्र पाने का प्रावधान था। लेकिन, मंगलवार को सामान्य प्रशासन विभाग ने अधिसूचना जारी कर डोमिसाइल प्रमाणपत्र नियमों में 7वाँ क्लॉज जोड़ा है। 7वें क्लॉज को जोड़ते हुए न तो पति और ना ही पत्नी का जिक्र किया गया है। सिर्फ स्पाउस ऑफ डोमिसाइल की श्रेणी जोड़ी गई है।

मालूम हो कि अनुच्छेद 370 और 35-ए हटने के बावजूद पुरानी व्यवस्था के चलते दिक्कतें आ रही थीं, लोगों को डोमिसाइल प्रमाणपत्र धारक से शादी करने पर भी डोमिसाइल नहीं मिल पा रहा था। दूसरे राज्यों की जो लड़कियाँ शादी करने के बाद जम्मू-कश्मीर में रहती हैं, उनके लिए स्पष्ट नियम नहीं थे। क्योंकि सामान्य मामलों में डोमिसाइल प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए 15 वर्ष तक जम्मू-कश्मीर में रहना अनिवार्य है। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों और उनके बच्चों के लिए प्रावधान हैं। अब प्रशासन ने इन्हीं दिक्कतों का निवारण करते हुए नया फैसला लिया है।

आर्टिकल 35-ए के तहत होता था भेदभाव

कुछ समय पहले तक जम्मू-कश्मीर में लागू अनुच्छेद 35-ए वहाँ की विधायिका को अपने नागरिक परिभाषित करने का अधिकार देता था। इसी के कारण वहाँ के नागरिकों को रोजगार और संपत्ति का विशेष अधिकार प्राप्त था। इसके नियमों से सबसे ज्यादा समस्या महिलाओं को आती थी। अगर वह दूसरे राज्यों में शादी कर लें तो उनके पास से जम्मू-कश्मीर में संपत्ति अथवा नौकरी का अधिकार छिन जाता था। साल 2019 में जब अनुच्छेद 370 के साथ अनुच्छेद 35-ए को निरस्त किया गया, तो पुरानी व्यवस्था के चलते कुछ परेशानियाँ आ रही थीं।

डोमिसाइल प्रमाण पत्र बाँटने पर भड़के थे फारूक अब्दुल्ला

मई 2020 में जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने डोमिसाइल सर्टिफिकेट बाँटने प्रारंभ किए थे, जिससे वहाँ के कई नेता नाराज हुए। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने तो यहाँ तक कहा कि नया डोमिसाइल नियम अवैध और असंवैधानिक है, इसीलिए जम्मू-कश्मीर के लोगों को ये स्वीकार्य नहीं है।

श्रीनगर के सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने नए डोमिसाइल नियम को मानने से इनकार करने की बात कही। उन्होंने कहा कि जब वो बार-बार कहते आ रहे हैं कि वो लोग ऐसा कुछ भी स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं, जो अवैध और असंवैधानिक हो, ऐसे में वो ऐसे किसी भी नियम-क़ानून को कैसे स्वीकार कैसे कर सकते हैं, जिसके वो विरुद्ध हों।

यहाँ बता दें कि जिन फारुख अब्दुल्ला ने पिछले साल डोमिसाइल नियमों का विरोध किया था और उसे असंवैधानिक कहा था। उनकी बेटी सारा अब्दुल्ला ने भी साल 2004 में सहारनपुर में जन्मे सचिन पायलट से शादी करने के बाद अपना डोमिसाइल का हक खो दिया था। लेकिन अब प्रशासन का नया फैसला न केवल सारा अब्दुल्ला जैसी महिलाओं को बल्कि उनके पतियों को भी डोमिसाइल प्रमाण पत्र पाने का हकदार बनाएगा।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

लोकसभा चुनाव 2024: बंगाल में हिंसा के बीच देश भर में दूसरे चरण का मतदान संपन्न, 61%+ वोटिंग, नॉर्थ ईस्ट में सर्वाधिक डाले गए...

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के 102 गाँवों में पहली बार लोकसभा के लिए मतदान हुआ।

‘इस्लाम में दूसरे का अंग लेना जायज, लेकिन अंगदान हराम’: पाकिस्तानी लड़की के भारत में दिल प्रत्यारोपण पर उठ रहे सवाल, ‘काफिर किडनी’ पर...

पाकिस्तानी लड़की को इतनी जल्दी प्रत्यारोपित करने के लिए दिल मिल जाने पर सोशल मीडिया यूजर ने हैरानी जताते हुए सवाल उठाया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe