Monday, April 29, 2024
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‘जेहाद से होगी जन्नत’: कश्मीर में 10-15 साल के लड़कों को हुर्रियत कैसे बनाता था पत्थरबाज, बता रहा जुबैर-सुनिए आप

जुबैर ने कहा, "यह 2016 की बात है जब मैं बहुत छोटा था और बुरहान वानी की मौत हुई थी। मैं सुरक्षाबलों पर पथराव कर रहा था, लेकिन मेरा ब्रेनवॉश किया गया था। हमें बताया गया था कि इसके माध्यम से हमें जन्नत (स्वर्ग) मिलेगी।"

आज से दो साल पहले (2019) आज ही के दिन यानी 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया था। अनुच्छेद 370 हटाने के बाद हिंसाग्रस्त जम्मू-कश्मीर में व्यापक बदलाव देखने को मिले हैं। जो युवक सुरक्षाबलों पर जिहाद के नाम पर पत्थर बरसाते थे, वे अब उसे अपनी गलती मान रहे हैं। इसी क्रम में 370 की वापसी की दूसरी बरसी पर रिपब्लिक टीवी ने एक ऐसे कश्मीरी युवक की कहानी को बताया है, जो कभी पत्थरबाज हुआ करता था। सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी के कारण जुबैर नाम के इस युवा को साल 2018 में हिरासत में लिया गया था। पुनर्वास के बाद वह युवा उस घटना को बुरा सपना बता रहा है।

रिपब्लिक टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद इन दो वर्षों में घाटी क्षेत्र में न केवल आतंकियों की भर्ती में गिरावट आई है, बल्कि कानून-व्यवस्था के उल्लंघन की घटनाओं में भी भारी गिरावट देखी गई। पत्थरबाजी को लेकर 21 साल के जुबैर ने बताया कि किस तरह से कश्मीर के कम उम्र के किशोरों को टारगेट कर उनका ब्रेनवॉश किया जाता है और फिर जेहाद की आग में झोंक दिया जाता है।

जुबैर ने बताया, “उस समय (2016) हुर्रियत के लोग कश्मीर में रैलियाँ करते थे। उस दौरान मेरे जैसे कई युवाओं का ब्रेनवॉश किया था। हमें बताया गया कि इससे हमें जन्नत मिलेगी और यही जिहाद है। हमें यह भी कहा गया था कि भारत से आजादी मिलेगी और हम पाकिस्तान के साथ रहेंगे।”

जुबैर ने कहा, “मुझे याद है कि उन रैलियों में 90 फीसदी लोग 10 से 15 साल की उम्र के किशोर हुआ करते थे। हुर्रियत के लोग उन्हें पत्थरबाजी करने के लिए भड़काते थे। क्योंकि बड़े लोग जो इसे जानते थे वो इसमें शामिल ही नहीं होते थे।” उसने बताया कि वह साल 2016 से पत्थरबाजी कर रहा था।

उसने आगे कहा, “यह 2016 की बात है जब मैं बहुत छोटा था और बुरहान वानी की मौत हो गई थी। मैं सुरक्षा बलों पर पथराव कर बहुत गलत कर रहा था, लेकिन मेरा ब्रेनवॉश किया गया था। हमें बताया गया था कि इसके माध्यम से हमें जन्नत (स्वर्ग) मिलेगी।”

जुबैर की गिरफ्तारी से बदला उसका नजरिया

सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी करने के मामले में साल 2018 में जुबेर को गिरफ्तार किया गया था। उसने इसके लिए सुरक्षाबलों को धन्यवाद दिया है। इस कश्मीरी युवा ने आगे बताया, “मैं आईपीएस संदीप साहब और डीएसपी माजिद साहब का बहुत आभारी हूँ। ये दो अधिकारी थे, जिन्होंने मुझे और मेरे साथ जेल में बंद दूसरे लोगों को समझाया कि हम जो कर रहे थे वह बेहद गलत था। अगर इन दोनों ने हमसे बात नहीं की होती तो मैं आज जीवित नहीं होता। उस समय बहुत से लोग अपनी गलतियों को समझ चुके थे। हालाँकि, बावजूद इसके कुछ लोग ऐसे भी थे, जिन्होंने इन गलत कामों को जारी रखा।”

जवानों पर पत्थरबाजी और कानून-व्यवस्था को चुनौती देने के मामले में जुबैर को 3 महीने 10 दिन की सजा हुई थी। जुबैर ने कहा, “गिरफ्तारी के बाद जेल में रहने के दौरान ये समझ आया कि हम क्या कर रहे थे? क्या सही औऱ क्या गलत था?”

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को हटाकर जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को ही खत्म कर दिया था। दरअसल, अगस्त 2017 से जुलाई 2019 तक घाटी में कानून और व्यवस्था को चुनौती देने की 1,394 घटनाएँ हुई थीं, जबकि अगस्त 2019 से जुलाई 2021 तक ऐसी केवल 382 घटनाएँ दर्ज की गईं है। यानि कि 370 हटाए जाने के बाद कश्मीर में कानून तोड़ने की घटनाओं में कमी आई है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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