उत्तर प्रदेश के जौनपुर में मुस्लिम समुदाय के कुछ युवकों की छेड़खानी से तंग आकर नाबालिग हिंदू युवती ने फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मरने से पहले पीड़िता ने एक सुसाइड नोट लिखकर अपनी व्यथा अपने पिता से बताई थी। उसने अपने पिता को आरोपितों से बदला लेने का अनुरोध किया। साथ ही लिखा कि उन लोगों (आरोपितों) ने उसके साथ बहुत ही गलत काम किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, घटना सुरेरी थाना क्षेत्र के कमरुद्दीनपुर गाँव की है। यहाँ के निवासी सूरज (बदला हुआ नाम) की 15 साल की बेटी ने मंगलवार (24 अगस्त 2021) की देर रात अपने कमरे में साड़ी से फाँसी लगा ली। बुधवार की सुबह जब उसकी माँ उसके कमरे में गईं, तो उन्होंने देखा कि बेटी फाँसी लगा चुकी है। वो दृश्य देखकर वो चीख उठीं। उनकी चीखें सुनकर बाकी के लोग भी वहाँ पहुँचे तो देखा कि छात्र की मृत्यु हो चुकी थी।
मौका ए वारदात से एक सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें पीड़िता ने गाँव के मुस्लिम समुदाय के आरोपितों को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है। पीड़िता ने अपने पिता से आरोपितों से बदला जरूर लेने को कहा है। सुसाइड नोट में पीड़िता ने लिखा, “पिताजी मेरी मौत का कारण रुस्तम अली है, आप उससे बदला जरूर लेना। उसने मेरे साथ बहुत गलत किया है और मेरी मौत का जिम्मेदार भी वही है।”
दो समुदायों के बीच का मामला देख मणियाहूँ के क्षेत्राधिकारी एसपी उपाध्याय, रामपुर, नेवढ़िया थाने की पुलिस के साथ ही पीएसी बल भी वहाँ पहुँच गया। पुलिस ने पीड़िता के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
इस मामले को लेकर सुरेरी थानाध्यक्ष देवीवर शुक्ला के मुताबिक, मृतक नाबालिग युवती के पिता की शिकायत पर रुस्तम अली, उसके दादा अलीरजा और चाचा वारिफ उर्फ गोरख के खिलाफ इंडियन पीनल कोड (IPC) की धारा 534 (स्त्री की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर हमला) और 306 (आत्महत्या के लिए मजबूर करना) के तहत केस दर्ज किया गया है।