झारखंड में जुर्म का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला गढ़वा जिले का है। आरोप है आसिम अंसारी नामक व्यक्ति ने एक आदिवासी परिवार की 10 वर्षीय बच्ची को 50 हजार रुपए के लालच में पहले तो डंडों से पीटकर अधमरा कर दिया, उसके बाद मासूम को मरने के लिए हाइवे पर फेंक दिया।
‘दैनिक जागरण’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड के गढ़वा जिले के गढ़वा थाना क्षेत्र के ओबरा गाँव में रहने वाले आरोपी व्यक्ति आसिम अंसारी ने मानवता को शर्मसार कर देने वाला कुकृत्य किया है। वो बच्ची को बेरहमी से पीट रहा था, लेकिन मासूम को एक बस चालक ने अपनी सूझबूझ से बचा लिया और ग्रामीणों के सहयोग से स्थानीय अस्पताल में भर्ती करवाया। वहाँ उसका इलाज भी चल रहा है।
बताया जा रहा है कि पीड़िता के पिता बाहर ही काम करते हैं और उसकी माँ मजदूरी का काम करती हैं। माँ ने यह जानकारी दी कि गुरुवार (1 सितंबर, 2022) सुबह करीब आठ बजे वह मजदूरी करने के लिए गढ़वा जाने लगी तो अपनी बेटी को 1140 रुपये स्वयं सहायता समूह के ऋण का किस्त जमा करने के लिए देकर गई। इसके अलावा उसने मजदूरी करके तथा समूह से ऋण लेकर 50 हजार रुपए जमा कर घर में रखे थे।
पीड़िता की माँ के अनुसार, पैसे निकालने के दौरान बच्ची के साथ उसकी सहेली भी वहीं मौजूद थी। माँ के घर से चले जाने के करीब आधा घंटा बाद बच्ची ने अपनी सहेली को घर से जाने को कह दिया। उसके बाद बच्ची घर के दरवाजे में कुंडी चढ़ाकर बिना ताला बंद किए ही 1150 रुपये स्वयं सहायता समूह में जमा करने के लिए निकल गई।
जब 10 वर्षीय बच्ची अपने घर से चली गई तो उसकी सहेली वापस उसके घर आई और 50 हजार रुपए भी निकाल लिए। इससे पहले वो घर से जाए, पीड़ित बच्ची घर को लौट आई। उसे देखकर उसकी सहेली भागने लगी, लेकिन बच्ची ने उसका पीछा किया और उसके घर तक जा पहुँची। लेकिन, वहाँ उसकी सहेली के घर पर उसका अब्बा आसिम अंसारी पहले से ही मौजूद था।
आरोपित आसिम अंसारी ने वहाँ बच्ची को बड़ी बेरहमी से डंडों से पीटा। उसके बाद जब बच्ची मार खाकर अधमरी हो गई, तब आरोपी ने उसे गाड़ियों से कुचलने के लिए एनएच 343 पर फेंक दिया। बच्ची की किस्मत अच्छी थी कि एक बस चालक ने उसे बेसुध पड़े देख लिया और उसको सड़क से सुरक्षित हटाया। इसके बाद ग्रामीणों के सहयोग से उसे परिजनों को बताया और फिर बच्ची को गढ़वा सदर अस्पताल में भर्ती करवाया गया।