जेएनयू के हॉस्टलों में घुसकर छात्रों के साथ हुई हिंसा निस्संदेह ही शर्मनाक घटना है। लेकिन इस घटना के लिए बिन सोचे समझे केंद्र सरकार या फिर एबीवीपी पर हमलावर हो जाना उतना ही अधिक निंदनीय। रविवार की रात मुँह पर नकाब पहने और हाथ में लाठी लिए परिसर में घुसे कुछ दंगाई कौन थे? कहाँ से आए थे? किस समूह से थे? ये किसी को नहीं मालूम। मगर फिर भी अगर सोशल मीडिया पर देखें तो कुछ ही पल में एक नैरेटिव तैयार किया गया कि ये सब भाजपा के छात्र संघ एबीवीपी का किया धरा है। और तो और ये लोग प्रोपेगेंडा के तहत आनन-फानन में गृहमंत्री से इस्तीफा भी माँगने लगे!
इस पूरे प्रकरण में एबीवीपी के छात्र खुद काफी चोटिल हुए और घटना के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शन में उनकी मौजूदगी भी अन्य समूह जितनी ही रही। लेकिन, फिर भी इसी बीच वामपंथी गिरोह के लोगों द्वारा अपना नैरेटिव सिद्ध करने के लिए, कुछ व्हॉट्सअप चैट वायरल की जाने लगीं और दावा किया गया कि जेएनयू में जो कुछ हुआ, वो सब पहले से निर्धारित था।
उल्लेखनीय है कि इन व्हॉट्सएप स्क्रीनशॉट्स की क्या प्रमाणिकता है, ये किसी को अभी तक नहीं मालूम। मगर, फिर भी जेएनयू की पूर्व अध्यक्ष गीता द्वारा शेयर किए गए स्क्रीनशॉट्स से लेफ्ट का ही पर्दाफाश हो गया… वो कैसे? आइए जानें…
दरअसल, एबीवीपी को बदनाम करने के लिए जिस ग्रुप चैट का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर जेएनयू की पूर्व अध्यक्ष गीता द्वारा शेयर किया गया, उसमें कई नंबर साफ नजर आए। ऐसे में जब इन नंबरों की पड़ताल हुई तो एक नंबर उसमें अमन सिन्हा नामक छात्र का निकला।
ListenMs. @GeetaJnu former JNUSU President, that number belongs to Aman sinha(one of you gang member). Congratulations you got caught red handed.
— Mikku ? (@effucktivehumor) January 5, 2020
PS_ look at that guy’s header on fb. @kanhaiyakumar @UmarKhalidJNU lol pic.twitter.com/kRGkFIbWT0
अमन सिन्हा द्वारा साल 2016 में किए ट्वीट पर उसका नंबर साफ तौर पर लिखा है। जबकि उसका फेसबुक अकॉउंट देखने पर पता चलता है कि अमन सिन्हा, जिसका नंबर लेफ्ट टेरर डाउन नामक ग्रुप में है और जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि वो एबीवीपी का ‘गुंडा’ है। उसका लेना-देना संघ या भाजपा से नहीं, बल्कि कन्हैया कुमार, उमर खालिद जैसे वामपंथियों और कट्टरवादियों से है। जिनके द्वाया आयोजित कार्यक्रमों में अक्सर उसे देखा जाता है।
अमन सिन्हा की वॉल पर, उसके द्वारा शेयर की गई तस्वीरों से साफ पता चलता है कि इस पूरे कारनामे को सुनियोजित ढंग से अंजाम देने के लिए किसने अपनी भूमिका निभाई।
सोशल मीडिया पर खुलासा होते ही, अन्य यूजर भी अमन सिन्हा से जुड़े कई तथ्य निकालकर लेकर आने लगे। लोगों ने पूछा कि क्या ये वही छात्र है, जिसने अफजल गुरु के शहीदी के नारे लगाए और उसके पोस्टर लेकर घूमा था।
— Adarsh? (@90ml_) January 5, 2020
गौरतलब है कि अभी तक रविवार को जेएनयू में छात्रों पर हुए हमले के पीछे लोगों की पहचान का खुलासा नहीं हुआ है। लेकिन लेफ्ट द्वारा लगातार एबीवीपी हमला बोलना खुद उन्हें सवालों के घेरे में घेर रहा है। सोशल मीडिया पर एक ओर जहाँ कई लोग इस हिंसा के लिए उचित कार्रवाई की माँग कर रहे हैं। तो वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो प्रत्यत्क्ष रूप से लेफ्ट को जिम्मेदार बता रहे हैं और अमन सिन्हा का खुलासा होने के बाद उनसे सवाल भी कर रहे हैं।
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