Sunday, December 22, 2024
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मुस्लिम भीड़, आरफा बहन और मजहब, उर्दू नहीं… हिंदी में बोलो: हल्द्वानी में जमीन कब्जाए लोगों को पत्रकार ने दी ट्रेनिंग, बोला TheWire पर आएगा

पूरी तरह से ट्रेनिंग पा चुकी भीड़ की पुकार में महिला, बच्चे, गर्भवती महिला, मानवता - सब शब्द घुसाए गए हैं। इसके बाद कथित पत्रकार भीड़ को शाबासी भी देता है, TheWire पर इसे पब्लिश करवाने का वादा भी करता है।

हल्द्वानी में सरकारी जमीन कब्जा करके मुफ्त में रह रहे लोगों के लिए वामपंथी मीडिया लामबंदी में जुट गया है। एक जगह भीड़ को जमा करके उसके रोने-धोने वाले वीडियो बार-बार चलाए जा रहे। मानवता की दुहाई देकर सरकार से ही मुफ्त में और सुविधाएँ देने की अपील जारी है। भीड़ कहाँ से आ रही, कौन क्या बोल रहा, किससे क्या पूछा जा रहा – इन सबकी जाँच-पड़ताल के लिए ऑपइंडिया पहुँची ग्राउंड पर।

हल्द्वानी के वनभूलपुरा इलाके की जिन गलियों के वीडियो वायरल किए गए, वहाँ पहुँचने पर हमें विरोध-प्रदर्शन वाली भीड़ गायब दिखी। सामान्य चहल-पहल थी। बहुत आश्चर्य हुआ। गलियों में समय बिताने पर असल बात का पता चल गया। अपने टाइप (वामपंथी) की मीडिया आने पर 100-50 की भीड़ जमा हो जाती, इनके अलावा अन्य मीडिया के सामने यहाँ के लोग कुछ भी नहीं बोलते, न ही भीड़ लगाते।

इन्हीं गलियों में घूमते हुए 8-10 लोगों की भीड़ एक जगह मुझे दिख गई। उत्सुकता हुई तो मैं भी शामिल हो गया उस भीड़ में। मोबाइल कैमरा लेकिन चालू कर लिया था। यहाँ एक आदमी था, जो लोगों को कुछ समझा रहा था। ठंड से बचने के लिए भूरे रंग की टोपी पहना यह शख्स लोगों से आरफा (खानम शेरवानी) का नाम लेकर कुछ कह रहा था। आरफा के मजहब से इस भीड़ (जमा हुए लोग में कुछ दाढ़ी रखे हुए, कुछ इस्लामी टोपी लगाए हुए थे) के मजहब को जोड़ रहा था। ‘आरफा कितना अच्छा बोलती हैं’ – यह कह कर लोगों से बोलने की अपील भी कर रहा।

इसके बाद भीड़ की नजरों में मेरा मोबाइल कैमरा चढ़ गया। मैंने उसे बंद करने में ही अपनी गनीमत समझी। चालाकी सिर्फ यह दिखाई कि ऑडियो रिकॉर्डिंग चालू कर दी। वीडियो से ज्यादा मजेदार बातें ऑडियो में रिकॉर्ड हुईं। भीड़ को क्या बोलना है, कैसे बोलना है, किस भाषा में बोलना है – सब कुछ यह कथित पत्रकार बता रहा था। इसी ऑडियो रिकॉर्डिंग में यह भी पता चला कि कथित पत्रकार TheWire पर भी इस खबर को चलवाएगा, यह भी बोल गया। सुनिए इस पत्रकार को, इसकी ट्रेनिंग देने वाली शैली को… जो यह हल्द्वानी के वनभूलपुरा इलाके में अवैध रूप से सरकारी जमीन को कब्जाए लोगों को दे रहा है।

“आपको लास्ट में कंक्लुजन में कहना है सुप्रीम कोर्ट से… क्योंकि टैगलाइन इसी पर होगी। मुँह में बात डाल रहा हूँ, बार-बार कह रहा हूँ… बोलो कि मैं सुप्रीम कोर्ट से कहना चाहता हूँ, हम भी भारत के नागरिक हैं, कृपया हम पर जो गुनाह हो रहा है… नहीं उर्दू शब्द नहीं बोलो, हिंदी वर्ड यूज करो… हम पर जो अन्याय हो रहा है, उस पर आप संज्ञान लें। भैया आप लोग कैमरे के सामने आओ।”

इतना समझाने के बाद भी भीड़ को आप अंत में सुन सकते हैं कि वो गड़बड़ कर देता है। लेकिन कथित पत्रकार के धैर्य को सलाम! वो भीड़ को फिर से समझाता है। जब अच्छे से घुट्टी पिला देता है, तब जाके फाइनल रिकॉर्डिंग होती है। अब सुनिए पूरी तरह से ट्रेनिंग पा चुकी भीड़ की पुकार – इसमें महिला, बच्चे, गर्भवती महिला, मानवता – सब शब्द घुसाए गए हैं। इसी में कथित पत्रकार भीड़ को शाबासी भी देता है, TheWire पर इसे पब्लिश करवाने का वादा भी करता है।

हल्द्वानी में वामपंथी मीडिया भीड़ के मुँह में बात डाल रहा है, चौंकिए मत लेकिन। यह इनका पुराना हथियार है, इसी से ये नैरेटिव बनाते आए हैं, बनाते रहेंगे। हमने पहले भी इनको बेनकाब किया है, आगे भी करते रहेंगे।

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राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

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