बीते कुछ समय से कंगना रनौत को महाराष्ट्र सरकार की तरफ से धमकियाँ, अनैतिक हमले और उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। इसी कड़ी में 9 सितंबर 2020 को बीएमसी ने कंगना रनौत के मुंबई स्थित करोड़ों के दफ्तर में तोड़-फोड़ की। इस कार्रवाई के 24 घंटे के भीतर ही उच्च न्यायालय ने बीएमसी की इस तोड़-फोड़ पर आधिकारिक रूप से रोक भी लगा दी।
महाराष्ट्र सरकार के लिए कंगना का रवैया शुरुआत से ही आलोचनात्मक रहा है। ख़ास कर सुशांत सिंह राजपूत मामले की जाँच में मुंबई पुलिस की भूमिका को लेकर। अब कंगना रनौत ने इस मामले पर सोनिया गाँधी से सवाल किए हैं। सवाल पूछते हुए कंगना ने कहा जिस तरह महाराष्ट्र सरकार एक महिला के साथ सार्वजनिक रूप से ज़्यादती कर रही है। उस पर सोनिया गाँधी को अपना मौन तोड़ना चाहिए। कंगना ने अपने सवाल में यह भी कहा कि जिस तरह महाराष्ट्र सरकार ने क़ानून व्यवस्था का मज़ाक बना कर रखा है क्या सोनिया गाँधी उस पर कुछ नहीं कहेंगी।
कंगना रनौत ने इस मुद्दे पर ट्वीट करते हुए लिखा, “बाला साहब ठाकरे के जाने के बाद शिवसेना अपने उद्देश्य से भटक गई है। इसके बाद कंगना ने सोनिया गाँधी से सवाल करते हुए कहा, महाराष्ट्र की सरकार में कॉन्ग्रेस भी एक सहयोगी दल है। ऐसे में जब राज्य सरकार एक महिला के साथ इतना घटिया बर्ताव कर रही है तो क्या आपको (सोनिया गाँधी) इस बात का बुरा नहीं लगता है। क्या आप (सोनिया गाँधी) महाराष्ट्र सरकार से निवेदन नहीं कर सकती हैं कि वह डॉ. अंबेडकर के संविधान के सिद्धांतों का सम्मान और पालन करें।”
इसके अलावा दूसरे ट्वीट में कंगना ने सोनिया गाँधी को सम्बोधित करते हुए लिखा, “आप विदेश में पली बढ़ी हैं और भारत में आपका जीवन बीता। क्या आप नहीं समझती हैं कि एक महिला के जीवन में किस तरह के संघर्ष होते हैं। इतिहास आपको आपके इस मौन और भेद करने वाली मानसिकता के आधार पर तौलेगा। जब एक पूरी सरकार ने क़ानून व्यवस्था का मज़ाक बना कर एक महिला के साथ ज़्यादती और उत्पीड़न किया था। मैं इस बात की उम्मीद करती हैं कि आप इस मुद्दे पर अपना चुप्पी तोड़ेंगी क्योंकि कॉन्ग्रेस भी महाराष्ट्र सरकार का हिस्सा है।”
बीते दिन कंगना रनौत की माँ ने गृह मंत्री अमित शाह का आभार जताया था। उनका कहना था कि वह गृह मंत्री की आभारी हैं जो उन्होंने होने वाले खतरों को मद्देनज़र रखते हुए कंगना को वाई श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि उनका परिवार पीढ़ियों से कॉन्ग्रेस का हिस्सा था लेकिन फिर भी भारतीय जनता पार्टी ने उनकी बेटी को सुरक्षा दिलाई। इसके लिए वह भाजपा की आभारी हैं।
महाराष्ट्र सरकार के अंतर्गत आने वाली बीएमसी ने 24 घंटे का नोटिस देकर कंगना रनौत के दफ्तर पर बुलडोज़र चला दिया था। इस कार्रवाई में बीएमसी ने कंगना के दफ्तर का आधे से अधिक हिस्सा तबाह कर दिया था। इसके बाद महाराष्ट्र सरकार को बड़े पैमाने पर आलोचना का सामना करना पड़ा था। इतना ही नहीं शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कंगना के लिए अनैतिक शब्दों का इस्तेमाल भी किया था।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने यहाँ तक कहा था कि कंगना को मुंबई में रहने का कोई अधिकार नहीं है। शिवसेना विधायक प्रताप सारणिक ने कहा अगर कंगना मुंबई में कदम रखती हैं तो उनका मुँह तोड़ दिया जाएगा। इस तरह पिछले कुछ समय में कंगना को शिवसेना और महाराष्ट्र सरकार की तरफ से धमकियों और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है।