‘समाजवादी इत्र’ वाले कारोबारी पीयूष जैन (Piyush Jain) के यहाँ छापे में मिले खजाने ने हर किसी को चौंका रखा है। एक पुराने स्कूटर पर चलने वाले इस कारोबारी के ठिकानों पर छापे पड़े तो सीक्रेट चैंबर और बेसमेंट तक मिले, जहाँ काली कमाई छिपाई गई थी। अमूमन पायजामे और चप्पल में दिखने वाले जैन के ठिकानों से अब तक 194.5 करोड़ से ज्यादा कैश बरामद ही चुके हैं। 23 किलो सोना और 600 किलोग्राम चंदन का तेल मिला है।
रिपोर्टों के अनुसार जैन के ठिकानों तक डायरेक्टरेट ऑफ़ जीएसटी इंटेलिजेंस (DGGI) की टीम को दरअसल चार ट्रकों ने पहुँचाया। इन ट्रकों में तंबाकू और पान मसाले लदे थे। तब अधिकारियों को भी अनुमान नहीं था कि ये ट्रक उन्हें इतनी बड़ी काली कमाई तक पहुँचा देंगे।
DGGI officers have also searched the residential/factory premises of Odochem Industries at Kannauj which is in progress. During the searches at Kannauj, the officers have been able to recover an amount of about Rs 17 crores in cash: DGGI pic.twitter.com/ecNmInvtHz
— ANI (@ANI) December 27, 2021
चेकिंग दौरान पकड़े गए थे 4 ट्रक
करीब ढाई महीने पहले अहमदाबाद की डीजीजीआई की टीम ने चेकिंग के दौरान एक-एक कर चार ट्रकों को पकड़ा। इन ट्रकों में लाखों रुपए का माल पैक होने के बावजूद इसका एक भी बिल 50 हज़ार रुपए या फिर उससे ज़्यादा का नहीं था। ये शक पैदा करने की एक बड़ी वजह थी।
डीजीजीआई ने जब इस मामले की गहराई से जाँच शुरू की तब पता चला कि जीएसटी चुकाने से बचने के लिए 200 से ज़्यादा फ़र्ज़ी इनवाइसेज़ तैयार किए हैं। जाँच आगे बढ़ी और इसका सीधा कनेक्शन कानपुर से जुड़ा, क्योंकि पान मसाला वहीं से भेजा गया था। ट्रांसपोर्टर भी कानपुर का ही था। उसके बाद डीजीजीआई ने बड़ी खामोशी से इस मामले की जाँच शुरू की। ट्रांसपोर्टर और पान मसाला कारोबारी को भी ये शक नहीं हो सका कि इस जाँच की आँच अहमदाबाद से करीब 11 सौ किलोमीटर दूर कानपुर में उनके ठिकाने तक पहुँच जाएगी।
शिखर मसाला की फैक्ट्री पर छापा
क़रीब ढाई महीने बाद 22 दिसंबर की रात डीजीजीआई की टीम ने अचानक कानपुर के ट्रांसपोर्ट नगर में मौजूद शिखर मसाला की फैक्ट्री पर छापा मारा। इसी फैक्ट्री के पास ही गणपति ट्रांसपोर्ट का भी दफ़्तर है, जिनके ट्रकों में जीएसटी चोरी वाले पान मसालों का जखीरा भरा हुआ था। लिहाज़ा, डीजीजीआई की एक टीम ने शिखर पान मसाले के साथ-साथ ट्रांसपोर्ट दफ्तर पर भी दबिश डाल दी। इस तरह दो ठिकानों पर एक साथ रेड की शुरुआत हो गई।
डीजीजीआई की टीम को पता चला कि टैक्स की चोरी में सिर्फ़ शिखर पान मसाला और गणपति ट्रांसपोर्ट ही शामिल नहीं है, बल्कि इस खेल में गणपति ट्रांसपोर्ट के मालिक प्रवीण जैन के बहनोई अमरीश और उनके भाई पीयूष जैन का भी बड़ा रोल है। पीयूष जैन ओडोकैम इंडस्ट्रीज के मालिक है। इस तरह एक के बाद एक कड़ियाँ जुड़ती चली गईं।
पीयूष जैन की दुबई में भी संपत्ति होने का पता चला है। गिरफ़्तारी टैक्स चोरी के आरोप में की गई है। गिरफ़्तारी से पहले उससे 50 घंटे की पूछताछ की गई थी। कन्नौज स्थित उनके घर में 18 लॉकर्स मिले हैं। पीयूष जैन के पास इतने पैसे थे कि उसने अपने घरों में भी कैश गिनने वाली मशीनें लगा रखी थीं।