तमिलनाडु के कन्याकुमारी में भारत माता की प्रतिमा को लेकर चल रहे विवाद में आए फैसले ने ग्रामीणों के चेहरों पर एक खुशी दी है। कन्याकुमारी के कलक्टर द्वारा प्रतिमा से कवर हटाने का आदेश देने के बाद ग्रामीणों ने ‘भारत माता पूजन’ कार्यक्रम का आयोजन किया, इस कार्यक्रम में पूरे हर्ष-उल्लास के साथ ग्रामीणों ने भारत माता की पूजा अर्चना की।
मंदिर में भारत माता की पूजा होते ही ईसाई मिशनरियों की मंशा फेल हो गई। कन्याकुमारी की पुलिस को आखिरकार देशभक्त ग्रामीणों के सामने झुकना पड़ा। पूर्व सांसद तरुण विजय ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ग्रामीणों की मदद से फिर से भारत माता के उसी सम्मान को वापस लाया गया।
उन्होंने पूछा कि क्या देश के सभी शहरों में भारत माता की प्रतिमा नहीं होंनी चाहिए? साथ ही उन्होंने सवाल दागा कि आखिर भारत माता की प्रतिमा का विरोध किया ही क्यों गया?
A movement to salute #soldiers & #BharatMata in Kanyakumari where police retreated under patriotic villagers solidarity.#BharatMata honour restored with common villagers help.Will we hv Bharat Mata statues in every city?Why did we hv to battle it out? Why was #BharatMata Opposed? pic.twitter.com/rpiLKyNNjb
— Tarun Vijay தருண் விஜய் (@Tarunvijay) May 25, 2020
दरअसल, ग्रामीणों का कहना है कि देश और देश के सैनिकों को सलाम करने के लिए उन्होंने ये अभियान शुरू किया था, लेकिन कुछ मिशनरियों के दबाव में आकर जिला प्रशासन द्वारा भारत माता की प्रतिमा को ढक दिया गया था।
वहीं भारत माता की प्रतिमा को ढके जाने के बाद उसे कपड़े से मुक्त करने की माँग करने वालों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। अब इसे लेकर एडवोकेट आशुतोष जे दुबे ने कन्याकुमारी, तमिलनाडु पुलिस को लीगल नोटिस जारी किया है।
साथ ही सवाल किया है कि आखिर किस संविधान के तहत भारत माता की प्रतिमा को ढका गया था। इस बात की जानकारी खुद आशुतोष ने ट्वीट करते दी है।
-Statue of #BharatMata has been covered again.
— Adv. Ashutosh J Dubey (@iamashu123) May 23, 2020
-And those who tried to restore #BharatMata statue, have been arrested.
-I have sent a legal notice to the Kanyakumari, Tamil Nadu Police.
-For restoration covered statue of Bharat Mata Under Constitutional Power!#BharatMataKiJai 🇮🇳 pic.twitter.com/XrEowixiAz
आपको बता दें कि ईसाई मिशनरियों के दवाब में आकर इस्साकि अम्मान मंदिर में मौजूद भारत माता की प्रतिमा को जिला प्रशासन द्वारा ढकने की बात कही जा रही थी। चेन्नई में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए ‘इंदु मक्कल कच्ची’ ने भारत माता की तस्वीरों का वितरण किया गया था।
इसके बाद कन्याकुमारी के कलक्टर ने प्रतिमा के कवर को हटाने का आदेश दिया है। इसे हिंदुओं की जीत के तौर पर देखा जा रहा है। वहीं बीजेपी नेता तरुण विजय ने इससे पहले कहा था कि भारत माता के लिए लड़े जा रहे युद्ध को हमने जीत लिया है।
संस्था के अध्यक्ष अर्जुन सम्पत ने कहा कि भारत माता सम्पूर्ण देशवासियों की माँ है। उन्होंने ईसाईयों पर राष्ट्रहित के मुद्दों को निशाना बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से भाजपा नेताओं सहित कई संस्थाओं ने अपील की थी, जिसके बाद इसे अनकवर करने का फ़ैसला लिया गया।
उस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि वो 200 वर्ष पुराना है। वो ज़मीन एक प्राइवेट प्रॉपर्टी है और वहाँ तिरंगे की साड़ी में लिपटी भारत माँ की प्रतिमा स्थापित की गई थी।