कर्नाटक के हसनपुर जिले में स्थित डोड्डागडावल्ली मंदिर (Doddagaddavalli Temple) में शुक्रवार (नवंबर 20, 2020) को होयसल काल (Hoysala-era) में बनी महाकाली की मूर्ति खंडित कर दी गई। इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में होयसल वंश ने करवाया था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) इसकी देखरेख करता है।
कथित तौर पर, यह मामला शुक्रवार की सुबह संज्ञान में आया जब स्थानीय लोग मंदिर पहुँचे और उन्होंने महाकाली की प्रतिमा टूटी पाई। आशंका जताई जा रही है कि उपद्रवी मंदिर में छिपे खजाने की तलाश में आए होंगे और सुरक्षा की कमी का फायदा उठाते हुए मूर्ति तोड़ डाली।
Sad day today. Beautiful and the only Kali vigraha of hoysala times destroyed at Doddagaddavalli temple. Irreplaceable loss. The temple is ASI protected!
— Seethalakshmi Rao (@seetha_rao) November 20, 2020
Info by: Shashidhara HG pic.twitter.com/oq0PCeaOJD
बेंगलुरु सर्कल के पुरातत्वविद अधीक्षक (Superintending Archaeologist of Bengaluru Circle) शिवकांत बाजपेई ने द हिंदू को बताया, “मैंने हसन एसपी आर श्रीनिवास गोड़ा (R. Srinivasa Gowda) से घटना के संबंध में बात की है और जिसने भी यह किया है हम उसके ख़िलाफ़ निश्चित तौर पर एक्शन लेंगे।”
बता दें कि महाकाली की मूर्ति को हुए नुकसान के लिए एएसआई को भी जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। प्राचीन इतिहास और पुरातत्व विशेषज्ञ, डॉ. शाल्वपिल अयंगर (Dr Shalvapille Iyengar) ने हसन न्यूज़ को बताया :
“डोड्डागडावल्ली चतुशकुता मंदिर की भद्रकाली या दक्षिणा काली प्रतिमा को उपद्रवियों द्वारा नष्ट कर दिया गया है। यह हमारी विरासत को बड़ा नुकसान है। इस मंदिर का निर्माण 1113 ई0 में होयसल वंश के विष्णुवर्धन के शासनकाल में हुआ था। यह महालक्ष्मी का एक अनूठा मंदिर है और भद्रकाली की प्रतिमा दक्षिण गर्भगृह में रखी गई है।”
Sad day today. Beautiful and the only Kali vigraha of hoysala times destroyed at Doddagaddavalli temple. Irreplaceable loss. The temple is ASI protected!
— Seethalakshmi Rao (@seetha_rao) November 20, 2020
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उन्होंने आगे मंदिर की महत्ता पर बात करते हुए कहा, “सरकार को उपद्रवियों को कड़ी सजा देनी चाहिए। इस समय भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) हेरीटेज वीक मना रहा है, लेकिन उसी समय यह विरासत क्षतिग्रस्त हो गई है। यह हमारी विरासत और इतिहास का बहुत नुकसान है। एएसआई को इस बड़े नुकसान का जवाब देना चाहिए और उन्हें ही इस अपूरणीय क्षति के लिए जिम्मेदार होना चाहिए।”
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सीटी रवि ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, “डोड्डगडावल्ली के महालक्ष्मी मंदिर में इस अभद्रता को देखकर भीतर से अशांत और व्याकुल हूँ। मुझे अच्छे से वहाँ की अपनी यात्रा याद है।” आगे उन्होंने कर्नाटक के गृहमंत्री से इस मामले में स्पेशल टीम गठित करके मामले में पड़ताल करके दोषियों को सजा दिलाने की बात कही।
बता दें कि डोड्डागडावल्ली गाँव में स्थित लक्ष्मी देवी मंदिर वास्तुशिल्प के लिहाज से बेहद हैरान करने वाला मंदिर है। इसका निर्माण चतुरस्कुटा शैली में हुआ है। इसे होयसल राजा विष्णुवर्धन द्वारा 1113 ई0 में बनवाया गया था।