कर्नाटक (Karnataka) में ध्वनि प्रदूषण को लेकर पुलिस ने मस्जिदों एवं अन्य धार्मिक स्थलों सहित पब को नोटिस भेजा है, जिसमें निर्धारित डेसिबल स्तर के साथ ही लाउडस्पीकर का उपयोग करने के लिए कहा गया है। हिंदू संगठन मस्जिदों में लाउडस्पीकर को लेकर आपत्ति उठाते रहे हैं। इन संगठनों का कहना है कि लाउडस्पीकर के उपयोग और उसकी ऊँची आवाज के कारण आसपास रहने वाले लोगों को दिक्कत होती है।
सिर्फ बंगलुरु में ही 250 मस्जिदों को नोटिस भेजकर निर्धारित सीमा के तहत आवाज की सीमा रखने के लिए कहा गया है। इसके अलावा, 83 मंदिरों, 22 चर्चों और पब एवं बार सहित 59 व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को प्रतिबंधित घंटों के दौरान लाउडस्पीकर का उपयोग करने या 60 डेसिबल की ध्वनि स्तर की सीमा को पार करने के लिए नोटिस जारी किया है।
कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रवीण सूद ने राज्य के सभी पुलिस कमिश्नर, पुलिस महानिरीक्षकों (IGP) और पुलिस अधीक्षकों (SP) को धार्मिक स्थानों, पब, नाइट क्लब और अन्य संस्थानों के अलावा समारोहों में ध्वनि प्रदूषण संबंधी नियमों के उल्लंघन की जाँच करने का निर्देश दिया है।
इस मुद्दे पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Chief Minister Basavaraj Bommai) ने कहा कि सरकार की नजर में सब बराबर हैं। उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार मस्जिदों में लाउडस्पीकर की आवाज को नियंत्रित करने वाले उच्च न्यायालय के आदेश को लागू कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा, “यह उच्च न्यायालय का आदेश है। इसे बलपूर्वक लागू नहीं किया जा रहा है। पुलिस थानों से लेकर जिला स्तर तक संगठनों के साथ बैठक कर सब कुछ करना है।” उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी समाज या संगठन को कर्नाटक में शांति और सद्भाव को बिगाड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
उन्होंने आगे कहा, “आप सभी जानते हैं… ये मुद्दे पुराने हैं। आदेश 2001 और 2002 में जारी किए गए थे। हमने कोई नया आदेश जारी नहीं किया है। हाईकोर्ट के आदेश में डेसिबल स्तर को बनाए रखने के बारे में भी स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था। जिला स्तर पर डेसीबल मीटर खरीदने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।”
इस नोटिस को लेकर बेंगलुरु के जामिया मस्जिद के प्रमुख इमाम मोहम्मद एम इमरान रशदी ने कहा, “हमने आवश्यकतानुसार ध्वनि को नियंत्रित करने वाले उपकरण की व्यवस्था कर ली है, जो है, ताकि कोई समस्या उत्पन्न न हो। हम नोटिस का पालन करेंगे। इसी तरह मंदिरों को भी पालन करना चाहिए।”
Karnataka | We've arranged a device that controls the sound as required so that no problems arise. We'll follow all the SC-issued notices. Similarly, temples should also follow: Mohammed M Imran Rashadi, Chief Imam & Khateeb of Jamia Masjid, Bengaluru, on Azaan loudspeaker issue pic.twitter.com/rRoVK8PdeU
— ANI (@ANI) April 7, 2022
बता दें कि बजरंग दल और श्रीराम सेना जैसे हिंदू संगठनों ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाने की माँग की थी। संगठनों ने विभिन्न पुलिस अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर उनसे मस्जिदों से लाउडस्पीकर के दुरुपयोग की जाँच करने का अनुरोध किया था। संगठनों का आरोप था कि इनकी आवाज अस्पतालों, महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालयों, स्कूल और कॉलेज जैसे शांत क्षेत्रों में भी पहुँच रही है।
इससे पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ने गुड़ी पड़वा (हिंदू नववर्ष) के मौके पर शिवाजी पार्क में आयोजित एक रैली में कहा था कि मस्जिदों में लाउडस्पीकर इतनी तेज आवाज में क्यों बजाए जाते हैं? अगर इसे नहीं रोका गया तो मस्जिदों के बाहर स्पीकर पर अधिक तेज आवाज में हनुमान चालीसा बजाया जाएगा।
MNS प्रमुख की धमकी के बाद उन्हीं के पार्टी के कार्यकर्ता महेंद्र भानुशाली ने लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा चलाई। जैसे ही पुलिस को इसकी जानकारी मिली उसने तुरंत MNS कार्यकर्ता को अपने हिरासत में ले लिया। हालाँकि, बाद में चेतावनी देकर उन्हें छोड़ दिया गया।