Saturday, May 17, 2025
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हिजाब पहनने पर अड़ीं 24 छात्राओं को कॉलेज ने किया सस्पेंड, कर्नाटक के उप्पिनंगडी का मामला

“CDC और हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद छात्राओं ने यूनिफॉर्म के नियमों का कई बार उल्लंघन कर कॉलेज में काफी परेशानियाँ पैदा की। शिक्षकों ने उन्हें समझाने की काफी कोशिश की, लेकिन वे सुनने को तैयार नहीं थीं।"

कर्नाटक में हिजाब पहनकर आने पर 24 छात्राओं का सस्पेंड कर दिया गया है। मामला मंगलुरू के गवर्नमेंट फर्स्ट ग्रेड कॉलेज, उप्पिनंगडी (Uppinangady) का है। छात्राओं पर कार्रवाई मंगलवार (7 जून 2022) को की गई। इन छात्राओं को शनिवार (11 जून 2022) तक के लिए सस्पेंड किया गया है। कॉलेज में ड्रेस कोड फॉलो करने का आदेश दिया गया है, लेकिन इसके बाद भी इन छात्राओं ने हिजाब पहनकर आना बंद नहीं किया। इसके बाद कॉलेज ने यह एक्शन लिया है।

कॉलेज डेवलपमेंट कमेटी (CDC) ने कहा कि लड़कियों को कॉरिडोर और कक्षाओं में हिजाब पहनने की अनुमति नहीं है। कॉलेज के एक अधिकारी ने कहा, “CDC और हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद छात्राओं ने यूनिफॉर्म के नियमों का कई बार उल्लंघन कर कॉलेज में काफी परेशानियाँ पैदा की। शिक्षकों ने उन्हें समझाने की काफी कोशिश की, लेकिन वे सुनने को तैयार नहीं थीं। अंत में कॉलेज के प्रिंसिपल ने सभी शिक्षकों से परामर्श किया और लड़कियों को चार दिनों तक कक्षाओं से दूर रखने का फैसला किया। सीडीसी ने साफ तौर पर कहा है कि क्लास और कॉरिडोर में हिजाब की इजाजत नहीं होगी। अगर छात्राएँ फिर भी नियमों का उल्लंघन करती हैं, तो हमारे पास सख्त कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।”

अधिकारी ने कहा, “हमने कई बार अभिभावकों को कॉलेज में बुलाया और उन्हें यूनिफॉर्म से जुड़े नियमों के बारे में बताया। हालाँकि सीडीसी के फैसले से माता-पिता को कोई दिक्कत नहीं हुई, लेकिन बच्चे हिजाब पहनने पर तुले हुए थे। ड्रेस कोड का पालन करने की आवश्यकता के बारे में छात्रों को समझाने की कोशिश कर शिक्षक थक गए हैं।”

गौरतलब है कि पिछले दिनों उप्पिनंगडी की गवर्नमेंट पीयू कॉलेज की 6 छात्राओं को ड्रेस कोड का पालन नहीं करने पर निलंबित किया गया था। कई बार चेतावनी मिलने के बावजूद ये छात्राएँ कॉलेज में हिजाब पहनकर पहुँची थीं। इसलिए उप्पिनंगडी पीयू कॉलेज के प्रिसिंपल ने स्टाफ की मीटिंग के बाद इन छात्राओं को सस्पेंड करने का फैसला लिया। कॉलेज प्रशासन के मुताबिक इन छात्राओं को 1 हफ्ते के लिए इसलिए निलंबित किया गया, क्योंकि उन्हें आशंका थी कि इससे अन्य छात्राओं को भी विरोध के लिए उकसाया जा सकता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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