कर्नाटक में वक्फ बोर्ड द्वारा विजयपुरा जिले में किसानों की 1200 एकड़ जमीन पर दावा ठोके जाने के बाद से हड़कंप है। इस बीच जानकारी सामने आई है कि इस मामले में वक्फ की भूमिका संदिग्ध है। कहा जा रहा है कि किसानों की जमीन के रेवेन्यू रिकॉर्ड में रातोंरात वक्फ का नाम जोड़ने का काम हुआ है वरना पहले रिकॉर्डों में ये नाम नहीं था।
दस्तावेजों में छेड़छाड़ की बात का खुलासा सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में किया है। उनके अलावा इस मामले की जानकारी भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर भी दी।
उन्होंने बताया कि पिछले तीन हफ्तों में 44 संपत्तियों के भूमि अभिलेखों में वक्फ बोर्ड का नाम शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि यह बदलाव रातोंरात हुआ और इसके लिए आरटीसी (अधिकारों का रिकॉर्ड, किरायेदारी और फसलों का रिकॉर्ड) में म्यूटेशन किया गया। इस प्रक्रिया में किसानों को कोई सूचना नहीं दी गई थी, जिससे वे हैरान हैं।
Shocking details emerge in the Vijayapura land grab case in Karnataka.
— Amit Malviya (@amitmalviya) October 28, 2024
Not just notices, Waqf Board name was inserted in revenue records in Vijayapura overnight, RTC (Record of Rights, Tenancy and Crops) mutation done to include Waqf name.
Waqf Board name inserted in land… pic.twitter.com/cbD1bT4oJZ
वहीं किसानों द्वारा इस मामले में आवाज उठाए जाने के बाद कर्नाटक सरकार ने भी इस पर यूटर्न लिया है। राज्य के कानून मंत्री एचके पाटिल ने कहा कि राजपत्रित अधिसूचना (गजट नोटिफिकेशन) में त्रुटि के कारण ऐसा हुआ। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार का कोई इरादा किसानों की भूमि को वक्फ संपत्ति में बदलने का नहीं है और यदि कोई गलती हुई है तो उसे ठीक किया जाएगा।
Details on @CNNnews18. https://t.co/d0DBC76Z8x pic.twitter.com/go5pZsfLR6
— Amit Malviya (@amitmalviya) October 28, 2024
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में विजयपुरा में किसानों को उनकी जमीन खाली करने के लिए नोटिस मिला था। जिसके बाद उन्होंने इस मुद्दे पर प्रदर्शन कर चेतावनी दी थी कि अगर उनकी जमीनें वक्फ को सौंपी गईं तो उनके पास जीविका चलाने का कोई विकल्प नहीं बचेगा। कई किसान नेताओं ने यह आरोप लगाया था कि कॉन्ग्रेस ऐसे काम एक विशेष समुदाय के लोगों को खुश करने के लिए उठा रही है।