Sunday, September 1, 2024
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केरल: काउंसलिंग के बहाने नाबालिग का यौन शोषण करने वाला पादरी गिरफ्तार

नाबालिग का पहली बार यौन शोषण उसके ही घर पर हुआ। अगली बार पादरी ने नाबालिग को अपने घर पर बुलाकर फिर से वही हरकत की।

केरल (Kerala) के पठानमथिट्टा जिले में एक चर्च के पादरी ने काउंसलिंग के बहाने नाबालिग का यौन शोषण (Sexual Molestation) किया। 35 वर्षीय आरोपित पादरी (Pastor) पोंडसन जॉन को पुलिस ने गुरुवार (17 मार्च 2022) को गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।

रिपोर्ट के मुताबिक घटना पठानमथिट्टा जिले के कूडल की है। पीड़िता की उम्र 17 साल है। उसका पढ़ाई से ध्यान भटक रहा था। इसी को लेकर उसकी माँ ने बेटी की काउंसलिंग के लिए पादरी से संपर्क किया था। रिपोर्ट के अनुसार इसके बहाने पादरी ने दो अलग अलग जगहों पर नाबालिग का यौन शोषण किया।

रिपोर्ट के अनुसार नाबालिग का पहली बार यौन शोषण उसके ही घर पर हुआ। काउंसलिंग के लिए आया पादरी उसे एक कमरे में ले गया और दरवाजे को अंदर से बंद कर इस दुष्कृत्य को अंजाम दिया। इस घटना के बाद भी जब पीड़िता चुप रही तो उसकी हिम्मत बढ़ गई। अगली बार उसने नाबालिग को अपने घर पर बुलाया और फिर से वही हरकत की।

इसके बाद पीड़िता ने यह बात अपनी एक दोस्त को बताई। दोस्त ने स्कूल को घटना की जानकारी दी, जहाँ से चाइल्ड लाइन को खबर दी गई। इसके बाद शिकायत मिलने पर पुलिस ने आरोपित पादरी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार आरोपित ने पीड़िता के साथ 12 और 13 मार्च को यौन दुर्व्यवहार किया था।

बीते साल नवंबर में आंध्र प्रदेश के जिला कुरनूल में चट्टीवेदु ग्राम चगल्लामारी मंडल के पादरी उप्पलपति रवींद्र प्रसन्ना कुमार को चर्च में दो नाबालिग अनुसूचित जाति की लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के हस्तक्षेप के बाद इस मामले में शिकायत दर्ज की थी। इस मामले में ऑपइंडिया को एससी-एसटी महिला एवं बाल अधिकार कार्यकर्ता और दलित शोधकर्ता प्रेरणा तिरुवैपति ने बताया था कि उन्होंने एनसीपीसीआर से संपर्क किया था, क्योंकि पुलिस मामला दर्ज नहीं कर रही थी और कथित तौर पर मामले को अदालत के बाहर निपटाने की कोशिश कर रही थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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