केरल की एक अदालत ने सोमवार (2 नवंबर 2021) को पाला बिशप मार जोसेफ कल्लारंगट के खिलाफ नारकोटिक जिहाद वाले बयान को लेकर केस दर्ज करने का आदेश दिया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पाला (कोट्टायम) में न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट अदालत ने पुलिस को कैथोलिक बिशप के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है। इसमें धारा 153 (ए) (विभिन्न समूहों के बीच धर्म, जाति या भाषा के आधार पर नफरत फैलाने या विभाजन पैदा करने) के अलावा अन्य धाराएँ शामिल हैं। अदालत ने यह आदेश इमाम काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से दायर एक याचिका पर दिया है। इस संबंध में कुराविलांगड पुलिस थाने ने प्राथमिकी दर्ज की है।
वहीं, बिशप के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस बारे में हमें अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है और नोटिस मिलने के बाद चर्च कानूनी रूप से इससे निपटेगा। बिशप के खिलाफ केस दर्ज करने के वाले कोर्ट के आदेश का केरल छात्र संघ सहित कई मुस्लिम संगठनों ने स्वागत किया है।
दरअसल, सितंबर 2021 को कोट्टयम में चर्च के एक समारोह को संबोधित करते हुए जोसेफ कल्लारंगट ने कहा था केरल में ईसाई लड़कियाँ ‘लव और नारकोटिक्स जिहाद‘ का शिकार हो रही हैं। उन्होंने कहा था कि केरल में ‘लव जिहाद’ होने से इनकार करने का कोई भी प्रयास सच्चाई से मुँह मोड़ लेने जैसा है। बिशप ने कहा था कि मुस्लिम विचारों को जबरदस्ती लाने की योजना चल रही है। सभी कैथोलिकों को इसके बारे में पता होना चाहिए और सतर्क रहना चाहिए। इसको लेकर केरल के सीएम विजयन ने कहा था कि जिम्मेदार पदों पर कार्यरत व्यक्तियों को इस तरह के बयान देने में सावधानी बरतनी चाहिए। समाज में धर्म के आधार पर विभाजन पैदा करने वाले बयान नहीं दिए जाने चाहिए।
गौरतलब है कि ‘नारकोटिक्स जिहाद’ वाले बयान के कुछ दिनों बाद केरल के सायरो मालाबार कैथोलिक चर्च के बिशप जोसेफ कल्लारंगट ने केरल में बढ़ती कट्टरता और साम्प्रदायिकता पर भी चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था, “छद्म धर्मनिरपेक्षता भारत को तबाह कर देगी। इसलिए असली धर्मनिरपेक्षता की रक्षा करने की आवश्यकता है।”