Monday, December 23, 2024
Homeदेश-समाज'पुण्यात्मा नहीं थे CDS बिपिन रावत' - हाई कोर्ट में केरल सरकार की वकील...

‘पुण्यात्मा नहीं थे CDS बिपिन रावत’ – हाई कोर्ट में केरल सरकार की वकील ने 5 पॉइंट लिख कर ऐसे किया अपमान

केरल की सरकारी वकील रेशमा रामचंद्रन ने CDS बिपिन रावत के पुण्यात्मा नहीं होने के कई कारण बताए और उन पर कई आरोप लगाए। केरल बीजेपी ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है और माँग की है कि सीएम उन्हें सरकारी पद से बर्खास्त करें।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद से शुरू हुआ लेफ्ट-लिबरलों का जश्न मनाने का सिलसिला अभी तक समाप्त नहीं हुआ है। इस्लामी कट्टरपंथी और इनके समर्थक इसके लिए समय-समय पर नई-नई वजहें लेकर सामने आते हैं। अब इसमें केरल सरकार की स्थायी वकील रेशमा रामचंद्रन भी शामिल हो गई हैं। वह सुप्रीम कोर्ट की वकील भी हैं।

एक फेसबुक पोस्ट में, रेशमा रामचंद्रन ने जनरल बिपिन रावत के पुण्यात्मा नहीं होने के कई कारण बताए और उन पर कई आरोप लगाए। केरल बीजेपी ने इस पोस्ट पर कड़ी आपत्ति जताई है और माँग की है कि सीएम उन्हें सरकारी पद से बर्खास्त करें।

रेशमा रामचंद्रन का फेसबुक पोस्ट

जनरल रावत की मृत्यु की पुष्टि के बाद कल पोस्ट की गई बेहद आपत्तिजनक पोस्ट में, केरल सरकार के वकील ने दावा किया कि जनरल बिपिन रावत को संवैधानिक अवधारणा को दरकिनार करते हुए पहले संयुक्त रक्षा प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था।

इसके बाद उन्होंने मृतक जनरल के बारे में आगे टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्होंने मेजर लीतुल गोगोई को आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए सम्मानित किया था, जिन्होंने अन्य पत्थरबाजों को रोकने के लिए एक कश्मीरी पत्थरबाज को जीप के सामने बाँध दिया था।

केरल सरकार की स्थायी वकील रेशमा रामचंद्रन ने यह भी उल्लेख किया कि जनरल बिपिन रावत ने विकलांगों को पेंशन पाने के लिए खुद को विकलांग कहने के खिलाफ सैनिकों को चेतावनी दी थी और उनका मानना था कि लड़ाकू भूमिकाओं में महिलाएँ कपड़े बदलते समय पुरुषों के झाँकने की शिकायत कर सकती हैं।

रेशमा रामचंद्रन ने आरोप लगाया कि बिपिन रावत ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शनकारियों के विरोध में तीक्ष्ण टिप्पणी की थी। इन कारणों को बताते हुए लेफ्टिस्ट एडवोकेट ने कहा कि मृत्यु किसी व्यक्ति को पवित्र नहीं बनाती है।

रामचंद्रन के पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी नेता एडवोकेट एस सुरेश ने कहा कि वह देशद्रोही हैं, जिनमें इंसानियत नहीं है। उन्होंने कहा कि यह उनकी मृत्यु के बाद देश के सर्वोच्च सैनिक का अपमान है और माँग की कि केरल सरकार को उन्हें उच्च न्यायालय में सरकारी वकील के पद से हटा देना चाहिए।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

केरल के सरकारी स्कूल में मन रहा था क्रिसमस, हिंदू कार्यकर्ताओं ने पूछा- जन्माष्टमी क्यों नहीं मनाते: टीचरों ने लगाया अभद्रता का आरोप, पुलिस...

केरल के एक सरकारी स्कूल में क्रिसमस मनाए जाने पर कुछ हिन्दू कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाए। इसके बाद उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

जिन 3 खालिस्तानी आतंकियों ने गुरदासपुर पुलिस चौकी पर फेंके थे ग्रेनेड, उनका UP के पीलीभीत में एनकाउंटर: 2 एके-47 के साथ ग्रोक पिस्टल...

इस ऑपरेशन को यूपी और पंजाब पुलिस की संयुक्त टीम ने अंजाम दिया। मारे गए आतंकियों की पहचान गुरविंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि और जसप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह के रूप में हुई है।
- विज्ञापन -