केरल में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के ओबीसी मोर्चा की प्रदेश इकाई के सचिव रंजीत श्रीनिवासन की हत्या के मामले में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के 5 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। अलप्पुझा जिले में 19 दिसंबर को श्रीनिवासन की हत्या कर दी गई थी। इस मामले की जाँच पुलिस की विशेष जाँच दल (SIT) कर रहा है।
Kerala: Five SDPI workers arrested in connection with the murder of OBC Morcha State Secretary Renjith Sreenivasan.
— ANI (@ANI) December 22, 2021
Sreenivasan was killed in Alappuzha on 19th December.
रंजीत श्रीनिवासन की हत्या के कुछ घंटे पहले ही SDPI के प्रदेश सचिव केएस शान पर जानलेवा हमला हुआ था, जिसके बाद अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। पुलिस के अनुसार, शान की मौत के कुछ घंटों बाद रविवार सुबह कुछ हमलावरों ने रंजीत श्रीनिवासन के घर में घुसकर उनकी हत्या कर दी थी। पुलिस ने संदेह जताई थी कि शान की हत्या का बदला लेने के लिए श्रीनिवासन पर घातक हमला किया गया। शान की हत्या के मामले में भी दो आरएसएस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जा चुका है।
एसआईटी का नेतृत्व कर रहे अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) (कानून एवं व्यवस्था) विजय सखारे ने मंगलवार (21 दिसंबर 2021) को बताया था कि कानून-व्यवस्था को बरकरार रखने के लिए और इस प्रकार के अपराध भविष्य में होने से रोकने के लिए जिले में कई स्थानों पर छापे मारे गए हैं और आपराधिक पृष्ठभूमि वाले कई लोगों को हिरासत में लिया गया है।
केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने बीजेपी नेता की हत्या को शर्मनाक करार देते हुए कहा था कि अगर एसडीपीआई नेता की हत्या के बाद पुलिस ने उचित कदम उठाए होते तो स्थिति वर्तमान स्तर तक नहीं जाती। उन्होंने कहा कि श्रीनिवास की हत्या एसडीपीआई नेता की हत्या के बाद राज्य सरकार और पुलिस द्वारा एहतियाती कदम उठाने में विफलता का परिणाम है। मुरलीधरन ने यह भी कहा था कि उन्हें मिली जानकारी के मुताबिक, बीजेपी नेता की हत्या के पीछे इस्लामी आतंकवादी समूह का हाथ है।
उन्होंने यह भी कहा था, “यह पहली घटना नहीं है। कुछ हफ्ते पहले भी एक भाजपा कार्यकर्ता की मौत हो गई थी। राज्य ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कार्रवाई नहीं की थी। वे इस्लामी आतंकवादियों के साथ नरम रुख अपनाते रहे हैं जिससे उन्हें औऱ अधिक हिंसा करने के लिए प्रोत्साहन मिलता है।”
दोनों नेताओं की हत्या के बाद पुलिस ने केरल के तटीय अलप्पुझा जिले में धारा-144 लागू कर दी थी। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी इन हत्याओं की निंदा की थी और कहा कि पुलिस दोषियों और घटना में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए कदम उठाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंसा के ऐसे जघन्य और अमानवीय कृत्य देश के लिए खतरनाक हैं और लोगों को ऐसे समूहों और उनकी घृणित गतिविधियों से दूर रहना चाहिए।