केरल के कुन्नमकुलम में पहली कक्षा की छात्रा से दुष्कर्म करने वाले मोरल सांइस के टीचर को पॉक्सो कोर्ट ने 29 साल 6 महीने की सजा सुनाई है। नीलांबुर के चीराकुझी स्थित करादान हाउस का निवासी 44 वर्षीय अब्दुल रफीक पवारत्ती के पुथुमानस्सेरी में एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाता था। स्पेशल पॉस्को फास्ट-ट्रैक कोर्ट के जस्टिस एमपी शिबू ने उस पर 2.15 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
जुर्माना भरने में विफल रहने पर रफीक को दो साल नौ महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभियोजन पक्ष की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर एडवोकेट केएस बीनू पेश हुए।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अब्दुल रफीक ने साल 2012 में स्कूल पिकनिक के दौरान इस घिनौनी वारदात को अंजाम दिया था। पिकनिक से वापस आने के बाद बच्ची को पूरे शरीर में बहुत दर्द हो रहा था। यह बात उसने अपनी माँ को बताई, जिसके बाद वह उसे तुरंत अस्पताल ले गईं।
मेडिकल जाँच के दौरान पता चला कि बच्ची का यौन शोषण किया गया था, जिससे उसके प्राइवेट पार्ट्स में गंभीर चोटें आई थीं। इसके बाद परिजन पुलिस के पास पहुँचे और उन्हें पूरा मामला बताया, जिसके बाद पुलिस ने आरोपित के खिलाफ केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई की।
गौरतलब है कि केरल हाई कोर्ट ने शुक्रवार (24 सितंबर 2021) को पॉक्सो मामले में एक अन्य आरोपित की याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया था, क्योंकि उसने उस नाबालिग से शादी की थी, जिसका उसने दुष्कर्म किया था।
अदालत ने कहा कि यौन शोषण एक व्यक्ति नहीं बल्कि पूरे समाज के खिलाफ एक गंभीर अपराध है। यौन उत्पीड़न के शिकार लोगों के लिए यह बेहद भयावह और दिल दहलाने वाला होता है। इस तरह के अपराध नाबालिग की मानसिक स्थिति को प्रभावित करते हैं।