उमेश पाल हत्याकांड के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में कहा था कि वह माफियाओं को मिट्टी में मिला देंगे। राज्य में यही होता दिख भी रहा है। दरअसल, प्रशासन ने खालिद जफर के घर को गिरा दिया। कहा जा रहा है कि हत्याकांड के बाद माफिया अतीक अहमद की बीवी शाइस्ता परवीन इसी घर में रुकी हुई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, योगी सरकार के निर्देश के बाद प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) उमेश पाल हत्याकांड के सभी आरोपितों के घरों और ठिकानों पर बुलडोजर चलाकर ‘मिट्टी में मिलाने’ की तैयारी कर चुकी है। इसी कड़ी में खालिद जफर का दो मंजिला मकान जमीदोंज किया गया है।
योगी की Warning एक्शन में तब्दील, प्रयागराज हत्याकांड के बाद जिस घर में रुके थे अपराधी, उसपर बुलडोज़र एक्शन शुरू #YogiAdityanath #AtikAhmed #PrayagrajNews #Bulldozer @avasthiaditi pic.twitter.com/WnTuMOKGCl
— Zee News (@ZeeNews) March 1, 2023
प्रयागराज के धूमनगंज थाना इलाके के कालिंदीपुरम कसारी मसारी में बने इस घर से पहले सामान बाहर निकाला गया। बाद में बुलडोजर चला। इस दौरान पुलिस ने दो विदेशी बंदूकें और एक तलवार भी बरामद की है। हालाँकि, बंदूकें लाइसेंसी है या नहीं अब तक यह साफ नहीं हो पाया है। कहा जा रहा है कि उमेश पाल की हत्या के बाद अतीक अहमद के गुर्गे इसी घर में शाइस्ता परवीन से मिलने आए थे। इसके बाद सभी आरोपित फरार हो गए थे।
वहीं, शाइस्ता परवीन के वकील सौलत का कहना है कि इस घर में शाइस्ता किराए से रह रही थी। यह सामने आया है कि सितंबर 2020 में माफिया अतीक अहमद के अवैध घर में बुलडोजर चलने के बाद से अतीक की पत्नी शाइस्ता इसी घर में रह रही थी। एक ओर जहाँ अतीक अहमद के करीबी खालिद जफर का घर गिरा दिया गया है। वहीं प्रयागराज विकास प्राधिकरण (PDA) अन्य आरोपितों के घरों और ठिकानों की लिस्ट खँगालने में जुटा हुआ है। ऐसे में, उमेश पाल हत्याकांड के सभी आरोपितों के घरों में बुलडोजर चलना तय माना जा रहा है।
उमेश पाल की हत्या के मामले में पुलिस ने अतीक अहमद के भाई, बेटों और बीवी समेत दर्जन भर गुर्गो के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। फिलहाल हत्या के इस मामले के ज्यादातर आरोपित फरार हैं। आरोपितों की तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।
इस हत्याकांड को लेकर हुए एक खुलासे के अनुसार गुजरात की साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद व्हाट्सएप से शूटरों के सम्पर्क में था। उमेश पाल पर हमला करने वाले कुल शूटरों की तादाद 13 बताई जा रही है। जब 6 शूटर उमेश और उनके गनर पर हमला कर रहे थे, तब 7 अन्य आसपास खड़े हो कर बैकअप में तैयार थे। STF ने साबिर नाम के एक शूटर की पहचान भी कर ली है। इस हमले की साजिश प्रयागराज यूनिवर्सिटी के मुस्लिम हॉस्टल में रची गई थी। दावा यह भी किया जा रहा है कि अशरफ भी बरेली जेल से व्हट्सएप चलाता था। शूटरों को डायरेक्शन देने में उसका भी नाम सामने आ रहा है।
यह खुलासा साजिश में शामिल सदाकत खान से हुई पूछताछ के बाद हुआ। सदाकत खान इलाहबाद हाईकोर्ट में वकालत करता है और अवैध तौर पर मुस्लिम हॉस्टल के कमरा नंबर 36 में रहता था। सदाकत खान को समाजवादी पार्टी का करीबी बताया जा रहा है। उसकी एक तस्वीर अखिलेश यादव के साथ हाथ मिलाते हुए वायरल हो रही है। बताया जा रहा है कि सदाकत नेपाल भागने की फिराक में था लेकिन उसे STF ने रास्ते में ही दबोच लिया।
बता दें कि शुक्रवार 24 फरवरी को बहुजन समाज पार्टी के विधायक रहे राजू पाल हत्याकांड के प्रमुख गवाह उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी। गोली और बम से किए गए हमले में उमेश पाल के गनर संदीप निषाद की भी मौत हो गई जबकि दूसरे गनर राघवेंद्र सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। राजू पाल की हत्या का आरोप गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई पर है। जिस समय हत्या को अंजाम दिया गया, उस समय उमेश पाल कोर्ट से गवाही देकर घर लौटे थे।