प्रतिबंधित संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ (SFJ) के आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannu) ने एक बार फिर हिंदुओं के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाया है। सन 1984 के एक राजनीतिक दल द्वारा अंजाम दिए गए दंगों के लिए इस आतंकी ने हिंदुओं को बदनाम करने की कोशिश की है। इसी बीच पंजाब में एक हिंदू नेता सुधीर सूरी (Sudhir Suri) की हत्या कर दी गई है।
गुरपतवंत सिंह पन्नू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर गुरपतवंत सिंह पन्नू ने 30 अक्टूबर 2022 को लिखा था, “1984 के सिख नरसंहार में हिंदू भीड़ द्वारा 8 दिन के जुड़वाँ सिख शिशुओं को जिंदा जला दिया गया था।” इस प्रोपेगेंडा को लेकर पन्नू ने कनाडा में हुए एक रैली का भी एक वीडियो शेयर किया।
8 days old TWIN Sikh infants burnt alive by Hindu Mobs In 1984 Sikh Genocide @HCI_Ottawa @MEAIndia @CBCTerry
— Gurpatwant Singh PANNUN (@G_PANNUN) October 29, 2022
10km Remembrance Rally Toronto @citynews680 pic.twitter.com/Z3o6qZ0Ugq
पन्नू के इस प्रोपेगेंडा का ट्विटर यूजर @Arya_Anviksha_ ने भंडाफोड़ किया है। पन्नू जिस तरह से पूरे समुदाय को बदनाम कर रहा है, उसको लेकर इस हैंडल ने एक ट्विटर थ्रेड जारी कहा कि दंगों के दौरान हिंदू ही थे, जिन्होंने पीड़ित सिखों को बचाने और उन्हें आश्रय देने का काम किया था।
Arya_Anviksha_ ने लिखा, “यह हिंदू ही थे जिन्होंने 1984 में अपनी जान जोखिम में डालकर सिख परिवारों को शरण दी, और सिखों की रक्षा के लिए कॉलोनियों में दस्ते बनाए। इस तरह 1984 में हिंदुओं ने सिखों को बचाया। यह परेशान करने वाला है कि कैसे इन लोगों ने हिंदुओं को ‘भीड़’ के रूप में चित्रित किया है, जो हमेशा उन्हें भाई मानते हैं।”
It was Hindus who gave shelter to Sikh families in 1984 keeping their own lives, houses in danger,& made squads in colonies to protect Sikhs.That’s how Hindus saved Sikhs in 1984
— Āryā_Anvikṣā (@Arya_Anviksha_) November 2, 2022
It’s disturbing how these people have painted Hindus as ‘Mobs’ who always considered them brethren pic.twitter.com/iy7tnocrSy
सिख दंगों के दौरान 1 नवंबर 1984 को अमेरिकी समाचार पत्र ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने लिखा था, “पश्चिम दिल्ली में 200 मध्यमवर्गीय हिंदू परिवारों ने सिख परिवारों को दंगाइयों से बचाया। उन्होंने हिंदुओं (दंगाइयों) को धमकी दी कि अगर सिखों को बाहर किया गया तो वे इमारत को आग लगा देंगे। हिंदुओं ने रक्षा दस्ते बनाए और इमारत में गश्त की और सिखों की रक्षा की।”
इसी तरह टाइम्स ऑफ इंडिया ने 3 नवंबर 1984 को लिखा था, “कॉलोनी दर कॉलोनी में हिंदुओं ने गिरोहों की लूट के खिलाफ अपनी सुरक्षा बनाने का फैसला किया। हिंदुओं ने सिखों को आश्वासन दिया कि उन्हें डरने की कोई बात नहीं है। वे रात भर इलाके में गश्त करेंगे।” इसके लिए तिलक नगर, शिव नगर और जनकपुरी में दल बनाया गया था।
Times of India, 3 Nov 1984
— Āryā_Anvikṣā (@Arya_Anviksha_) November 2, 2022
“Hindus in colony after colony decided to form their own protection against the gangs plundering..Hindus assured Sikhs that there is nothing to fear,they will patrolled the area throughout night”
Tilak Nagar, Shiv Nagar, Janakpuri squads were formed
अकेले दिल्ली के त्रिलोकपुरी में हिंदुओं ने 600 सिखों को बचाया था। यूसुफ सराय मार्केट में हिंदू दुकानदार सिखों के दुकानों के आगे लेट गए और भीड़ से कहा कि उन्हें किसी भी सिख के दुकान को छूने से पहले उन्हें (हिंदुओं को) के लाश से होकर गुजरना पड़ेगा।
इतना ही नहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने सिख परिवारों को राहत सामग्री वितरित करने के लिए पंजाब पीड़ित सहायता समिति बनाई। लगभग 300 घायलों को 109 बोतल रक्तदान किया गया। नवजोत सिंह सिद्धू, योगराज सिंह, राजिंदर घई को यशपाल शर्मा और चेतन चौहान जैसे हिंदुओं ने बचाया। इस दौरान एक सिख को बचाने के लिए एक हिंदू को गिरफ्तार भी किया गया।
RSS launched Punjab Peedit Sahayata Samiti to distribute relief measures to the Sikh families. 109 bottles of blood were donated to 300 wounded people.
— Āryā_Anvikṣā (@Arya_Anviksha_) November 2, 2022
Navjot Sidhu,Yograj Singh, Rajinder Ghai were saved by the Hindus Yashpal Sharma & Chetan Chauhan https://t.co/X1GXqHs40U pic.twitter.com/T2XXWP6JdD
दंगों के दौरान राजनीतिक नेता स्वर्गीय रामविलास पासवान ने सिखों को अपने घरों में शरण दी। इसके लिए उन पर भी हमला किया गया। दंगाइयों ने उनके घरों को आग लगा दी। एक सिख और राज्यसभा के पूर्व सांसद तरलोचन सिंह ने भी कहा था कि दंगों के दौरान हिंदुओं ने सिखों की रक्षा की।
Tarlochan Singh, a Sikh & Former Member of Rajya Sabha also said the Hindus protected the Sikhs https://t.co/sfSipjkkpU
— Āryā_Anvikṣā (@Arya_Anviksha_) November 2, 2022
साल 2017 में इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में एचएस फुल्का के हवाले से कहा था कि दंगे कॉन्ग्रेस और सिखों के बीच थे। इस दौरान हिंदुओं ने कई लोगों की जान बचाई थी। यहाँ तक कि प्रसिद्ध लेखक खुशवंत सिंह ने कहा था, “ये कॉन्ग्रेस (आई) के नेता थे, जिन्होंने 1984 में भीड़ को उकसाया और 3000 से अधिक लोगों को मार डाला। मुझे उन कठिन दिनों में साहस दिखाने और असहाय सिखों की रक्षा करने के लिए आरएसएस और भाजपा को उचित श्रेय देना चाहिए।”
ब्रिटिश अखबार ‘द गार्डियन’ ने 30 जनवरी 1985 की अपनी रिपोर्ट में कहा था, “नागरिक अधिकार समूह का कहना है कि सत्तारूढ़ कॉन्ग्रेस पार्टी के लोग विरोधी सिख दंगों के पीछे थे।” इस तरह तमाम रिपोर्ट के बाद पन्नू जैसे भारत को तोड़ने का ख्वाब देखने वाले आतंकी प्रोपेगेंडा फैलाकर हिंदुओं और सिखों के बीच नफरत की खाई पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।