कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार (नवंबर 10, 2020) को पश्चिम बंगाल में छठ पर्व मनाने सम्बन्धी जुलूस पर प्रतिबंध लगा दिया। कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में आदेश जारी किया है कि छठ पर्व के दौरान पानी में परिवार के सिर्फ दो लोग ही उतर सकते हैं, उससे अधिक नहीं। कोलकाता की दो सबसे बड़ी झीलों रवींद्र सरोवर और सुभाष सरोवर में भी छठ महपर्व के आयोजन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे हिन्दुओं में निराशा है।
इससे पहले ‘नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT)’ ने रवींद्र सरोवर में छठ पर्व के आयोजन को प्रतिबंधित कर दिया था। हाईकोर्ट के वकील सब्यसाची चैटर्जी ने बताया कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने छठ पर्व के जुलूस पर रोक लगा दी है। साथ ही कहा है कि एक परिवार से दो लोग से ज्यादा पानी में उतर कर पूजा नहीं कर सकते। साथ ही गाड़ी से आने वाले श्रद्धालुओं को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने को कहा गया है।
इतना ही नहीं, उनके गाड़ी से उतरने पर भी प्रतिबंध रहेगा। साथ ही जिसके घर में छठ पर्व हो रहा है, उस परिवार के अन्य सदस्यों को घर में रह कर ही इसे देखना पड़ेगा। साथ ही हर समय मास्क पहने रखने को अनिवार्य कर दिया गया है और कहा गया है कि घर के आसपास से ही छठ पर्व मनाएँ। नवंबर 2020 में ही कलकत्ता हाईकोर्ट ने काली पूजा और छठ पूजा सहित सभी त्यौहारों में पटाखे उड़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
नवंबर 30, 2020 तक कोलकाता में किसी भी प्रकार के पटाखे उड़ाने पर प्रतिबंध लगाते हुए पुलिस को निर्देश दिया गया है कि वो पटाखों के क्रय-विक्रय पर निगरानी रखे और इस पर रोक लगाए। हाईकोर्ट और NGT, दोनों ने ही ये आदेश जारी किया है। नवंबर 2019 में भी NGT ने रवींद्र सरोवर में छठ पर रोक लगाई थी लेकिन श्रद्धालुओं ने दरवाजा तोड़ कर अंदर घुस छठ पर्व मना कर अपना आक्रोश जताया था।
Calcutta high court bans Chhath Puja processions across the statehttps://t.co/y42xQTWGSn pic.twitter.com/P1dq7WwRzt
— Hindustan Times (@htTweets) November 11, 2020
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कॉन्ग्रेस की सरकार ने छठ पूजा को लेकर अलग तालाब की व्यवस्था करने की बात कही थी। पिछले वर्ष सरोवर के पास पटाखे भी खूब फोड़े गए थे और ड्रम बना कर श्रद्धालुओं ने पर्व को मनाया था। अब कलकत्ता हाईकोर्ट ने इसे पूरी तरह बंद रखने को कहा है, ताकि यहाँ छठ न मनाया जा सके। किसी भी क्षेत्र में लोगों की मौजूदगी को नियंत्रित करने के लिए धारा-144 लगाने का भी सरकार को निर्देश दिया गया है।
‘सन्मार्ग’ की खबर के अनुसार, जस्टिस संजीव बनर्जी ने अपने आदेश में कहा कि छठ पूजा करने वाले लोग तब तक रवींद्र सरोवर और सुभाष सरोवर से फासला बना कर रखें, जब तक सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं आ जाता। डिविजन बेंच ने कोलकाता में KMC सहित उन क्षेत्रों में जहाँ छठ पूजा होती आई है, की नगरपालिकाओं को माइक से प्रचार कर के लोगों से अपील करने का आदेश जारी किया है। साथ ही डिविजन बेंच ने ये भी आदेश दिया कि छठ पूजा करने वालों को कोरोना वायरस को लेकर जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा।
महापर्व छठ को लेकर बिहार में चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसकी चर्चा की थी। बिहार के साथ अपने लगाव की बात करते हुए छपरा में पीएम मोदी ने कहा था कि कोरोना के काल में किसी माँ को ये चिंता करने की जरूरत नहीं है कि छठ पूजा को कैसे मनाएँगे। पीएम मोदी ने बिहार के छपरा में कहा था, “अरे मेरी माँ! आपने अपने बेटे को दिल्ली मैं बिठाया है, तो क्या वो छठ की चिंता नहीं करेगा! माँ! तुम छठ की तैयारी करो, दिल्ली में तुम्हारा बेटा बैठा है।” बता दें कि छठ इस बार 20-21 नवंबर को है।