Tuesday, May 20, 2025
Homeदेश-समाज'ये असाधारण परिस्थिति, भीड़तंत्र का राज़ नहीं चलेगा': कलकत्ता HC ने चारों TMC नेताओं...

‘ये असाधारण परिस्थिति, भीड़तंत्र का राज़ नहीं चलेगा’: कलकत्ता HC ने चारों TMC नेताओं की जमानत रोकी, भेजे गए जेल

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को जानकारी दी कि कैसे नेताओं ने अपने समर्थकों के साथ CBI दफ्तर का घेराव किया।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कॉन्ग्रेस के चारों नेताओं को मिली जमानत पर रोक लगा दी, जिसके बाद उन्हें प्रेसिडेंसी जेल में डाल दिया गया। गिरफ्तार किए गए नेताओं में फिरहाद हाकिम और सुब्रता मुखर्जी राज्य में मंत्री हैं तो मदन मित्रा विधायक हैं। सोवन चटर्जी कोलकाता के मेयर थे। मित्रा और सोवन भी कभी ममता बनर्जी मंत्रिमंडल का हिस्सा थे। इस कार्रवाई का विरोध करते हुए TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ के लिए आपत्तिजनक शब्दों का भी इस्तेमाल किया था।

इस कार्रवाई के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता के निजाम पैलेस स्थित CBI दफ्तर के सामने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ धरना दिया, जिस पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। उच्च-न्यायालय ने कहा कि अगर नेताओं को गिरफ्तार किए जाने के बाद इस तरह की घटनाएँ होती हैं तो लोगों का न्यायपालिका में विश्वास खो जाएगा। स्पेशल CBI कोर्ट ने चारों को जमानत दे दी थी, जिस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी।

सोमवार (मई 17, 2021) की रात हाईकोर्ट की पीठ की अर्जेन्ट सिटिंग हुई। ये मामला नारदा स्कैम से जुड़ा है, जिसके स्टिंग टेप के आधार पर आरोप लगे हैं कि फर्जी कंपनियों को फायदा पहुँचाने के लिए TMC के मंत्रियों ने रुपए लिए। अब कलकत्ता हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और जस्टिस अर्जित बनर्जी ने कहा है कि अगले आदेश तक इन चारों आरोपित नेताओं को जुडिशल कस्टडी में रखा जाए।

कोर्ट ने कहा, “न्यायिक व्यवस्था में नागरिकों का विश्वास होना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि ये उनके लिए अंतिम विकल्प है। लोगों को ऐसा लग सकता है कि कानून-व्यवस्था की जगह भीड़तंत्र हावी है। खासकर ऐसे मामले में, जहाँ राज्य की मुख्यमंत्री CBI दफ्तर में भीड़ का नेतृत्व कर रही हों और कानून मंत्री अदालत के परिसर में। अगर आप कानून के राज़ में विश्वास रखते हैं तो ऐसी घटनाएँ नहीं होनी चाहिए।”

बता दें कि बंगाल के कानून मंत्री मोलोय घटक अपने समर्थकों के साथ कोर्ट परिसर में पहुँच गए थे। हाईकोर्ट ने नोट किया कि CBI ने इस मामले की जाँच करने के बाद चार्जशीट पेश की है, ऐसे में राज्य की सत्ताधारी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के आरोपित होने और उनके खिलाफ कार्रवाई पर मुख्यमंत्री द्वारा धरना देना एक ‘असामान्य परिस्थिति’ है। कोर्ट ने कहा कि कानून मंत्री खुद 2000-3000 समर्थकों के साथ मौजूद थे।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को जानकारी दी कि कैसे नेताओं ने अपने समर्थकों के साथ CBI दफ्तर का घेराव किया। कानून मंत्री भीड़ के साथ दिन भर न्यायालय के परिसर में डटे रहे। उन्होंने कहा कि कोर्ट अगर सुनवाई नहीं करता है तो लोगों को लगेगा कि यहाँ ‘मोबोक्रेसी’ का राज़ है। बंगाल सरकार के वकील ने दावा किया कि CBI अधिकारियों को पूर्ण सुरक्षा दी गई और उनकी तरफ से कोई शिकायत नहीं आई है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

225 मदरसा, 30 मस्जिद, 25 मजार, 06 ईदगाह… नेपाल से सटे 7 जिलों में योगी सरकार का चला बुलडोजर, 286 अवैध ढाँचे समतल: डेमोग्राफी-लैंड...

नेपाल बॉर्डर से सटे उत्तर प्रदेश के जिलों में योगी सरकार ने एक बड़ा अभियान छेड़ा हुआ है। इसके तहत अवैध मस्जिदों और मदरसों पर कार्रवाई की जा रही है।

60 JCB, 40 क्रेन, 3000 पुलिस… ‘मिनी बांग्लादेश’ में चला गुजरात सरकार का बुलडोजर, 2.5 लाख वर्ग मीटर जमीन होगा मुक्त: चंडोला तालाब को...

चंडोला तालाब के पास अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों की इतनी तादाद है कि इस जगह को ‘मिनी बांग्लादेश’ के नाम से भी बुलाया जाने लगा है।
- विज्ञापन -