महिला डॉक्टर के पिता बोले, “पुलिस एकदम शुरुआत से ही केस को निपटाने का प्रयास कर रही है। हमें बॉडी को देखने की इजाजत भी नहीं थी। हमें उस समय भी थाने के बाहर इंतजार करना पड़ा जब शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया जा रहा था। बाद में जब शव मिला तो एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने हमें पैसे देने की बात कही, जो हमने फौरन नकार दी।”
पीड़िता के माता-पिता ने कहा, “कोलकाता पुलिस के डीसी नॉर्थ ने मुझे पैसे देने की कोशिश की. हमने मना कर दिया, जबकि इस मामले में डीसी सेंट्रल हर दिन झूठ बोल रहा है मुझे कौन जवाब देगा… हमारी बेटी इस अस्पताल में खत्म हो गई। हम चाहते थे कि वह डॉक्टर बने, हमारे पास कई सवाल हैं। सुबह 11 बजे उन्होंने मुझे बताया कि उसने आत्महत्या कर ली है। हमें उसे देखने में 3 घंटे लग गए। हमने पुलिस से उसे देखने के लिए विनती की। उन्हें पोस्टमार्टम करने में देरी क्यों हुई? पीड़िता के पिता ने कहा कि शाम 6.40 से 7 बजे तक मैंने एफआईआर दर्ज की, उन्होंने एफआईआर देर से क्यों दर्ज की? उन्होंने अप्राकृतिक मौत क्यों दर्ज की?
वहीं पीड़िता के चाचा ने बताया कि पुलिस ने उनसे सफेद कागज पर साइन करने को कहा था, लेकिन परिवार ने इससे मना कर दिया और कागजों को फाड़ दिया। उन्होंने कहा कि बेटी को गए एक महीना होने वाला है लेकिन अभी तक इस मामले में कोई खुलासा नहीं हुआ।
#WATCH | RG Kar Medical College and Hospital rape-murder case | Kolkata: Parents of the deceased doctor addressed the media as they joined the protest at RG Kar Medical College and Hospital last night. pic.twitter.com/D24EZPjaiJ
— ANI (@ANI) September 5, 2024
रिपोर्ट्स के अलावा इस बाबत भाजपा नेता अमित मालवीय ने भी ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में उन्होंने मृतिका के पिता के हवाले से बताया कि घटना के बाद परिजन फौरन शव का दाह-संस्कार करने को तैयार नहीं थे, लेकिन पुलिस ने उनपर दबाव बनाया। परिवार को करीबन 3 घंटे तक सेमिनार हॉल के बाहर इंतजार करवाया गया। न उन्हें अंदर जाने दिया जा रहा था और न ही बाहर। परिवार ने शिकायत 6-7 बजे करनी चाही, लेकिन मामला दर्ज हुआ रात के पौने 12 बजे।
उन्होंने सवाल किया कि अगर ये सारी बात सच है तो मतलब ममता सरकार और कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर डीसी नॉर्थ द्वारा मृतिका के पिता को पैसे लेकर केस वापस लेने का दबाव बनाया गया तो पूछा जाना चाहिए कि उन्होंने ये पैसे किसके कहने पर ऑफर किए। क्यों परिवार को शांत कराने की कोशिश की गई। कौन है जो ममता बनर्जी को बचाने के प्रयास कर रहा है।
IF MAMATA BANERJEE AND THE COMMISSIONER OF KOLKATA POLICE HAVE ANY SHAME, THEY MUST RESIGN IMMEDIATELY. IF NOT, THE PEOPLE OF WEST BENGAL WILL ANYWAY BRING THEM DOWN. LISTEN TO THE FAMILY OF THE VICTIM AS THEY NARRATE THEIR ORDEAL.
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 4, 2024
Video 1 (1 min 33 sec long)
A relative of the… pic.twitter.com/Ny79ZIqSya
ट्वीट के मुताबिक परिवार को ये तक नहीं पता कि किसने उनकी बेटी का अंतिम संस्कार किया। वो बस ये पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं किसने ये सब अंतिम संस्कार करवाने की अनुमति और पैसे दिए। मालवीय ने आरोप लगाया कि जिस समय ये सब हो रहा था उस वक्त एक टीएमसी विधायक और 2 पार्षद वहीं श्मशान के आसपास घूम रहे थे।
भाजपा नेता ने ये भी कहा कि इस मामले में डीसी सेंट्रल इंदिरा मुखर्जी और अन्य केवल झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने मामला उठाया कि ममता बनर्जी और विनीत गोयल जब तक इस केस में इस्तीफा नहीं देते तब तक कोई सफल जाँच नहीं हो पाएगी। उनके हिसाब से ज्यादातक सबूत पहले ही नष्ट किए जा चुके हैं। उन्होंने माँग की है कोलकाता कमीशनर और सीएम के बीच घटना के 72 घटना में जो बात हुई उसका ब्यौरा पब्लिक डोमेन में आना चाहिए। उनकी बातचीत की जाँच होनी चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री और कोलकाता कमीशनर का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की भी माँग की।