Sunday, November 17, 2024
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80 साल की महिला से लेकर पशु प्रेमी तक… बंगाल के वे लोग जो TMC की जीत के बाद हिंसा की भेंट चढ़ गए

दत्तपुकर में हसनूर जमान नाम के एक ISF कार्यकर्ता की भी हत्या कर दी गई। कॉन्ग्रेस और लेफ्ट ने भी तृणमूल पर हिंसा के आरोप लगाए हैं।

पश्चिम बंगाल में मतगणना के बाद शुरू हुई चुनावी हिंसा में कई भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या हुई। कइयों के घर और पार्टी दफ्तर को तहस-नहस कर दिया गया। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा दिए गए आँकड़ों की मानें तो राज्य में अब तक 14 भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है। साथ ही हजारों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं ने असम में जाकर भी शरण ली है। यहाँ हम इसी तरह की कुछ घटनाओं पर नजर डालते हैं।

शोभा रानी मंडल

पश्चिम बंगाल में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जिन मृत कार्यकर्ताओं के परिजनों से मुलाकात की, उनमें से शोभा रानी मंडल का परिवार भी था। शोभा रानी मंडल के बेटे कमल मंडल नॉर्थ 24 परगना के भाटपारा स्थित जगद्दल विधानसभा क्षेत्र के बूथ संख्या 177 पर भाजपा के बूथ अध्यक्ष हैं। आरोप है कि TMC के गुंडों ने कमल पर हमला कर दिया और बेटे को बचाने के चक्कर में जख्मी हुईं माँ की मौत हो गई।

कमल मंडल और उनकी पत्नी को छड़ी से पीटा गया था। 80 साल की शोभा रानी मंडल की हत्या से उन्हीं की हमनाम 85 वर्षीय शोभा मजूमदार की हत्या की खबर लोगों के जेहन में फिर से ताज़ा हो गई। शोभा मजूमदार के बेटे भाजपा में सक्रिय थे, इसीलिए उनके परिवार पर हमला हुआ था। हमले में जख्मी होने के बाद वो चल बसी थीं।

उत्तम घोष

उत्तम घोष भी भाजपा के कार्यकर्ता थे। पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में एक जगह है रानाघाट। यहीं के गंगनापुर इलाके में उत्तम घोष भाजपा के लिए काम कर रहे थे। उन्हें मतगणना के दिन ही आधी रात को मार डाला गया। उनकी हत्या का आरोप भी तृणमूल कॉन्ग्रेस के गुंडों पर लगा।

अभिजीत सरकार

अभिजीत सरकार की व्यथा को पूरी दुनिया ने सुना क्योंकि हत्या से कुछ ही देर पहले किए गए फेसबुक लाइव में उन्होंने TMC के गुंडों की करतूतों के बारे में बताया था। अभिजीत सरकार ने एक कुत्ते की तरफ इशारा करते हुए कहा था कि गुंडों ने इसके बच्चों को भी नहीं बख्शा और उन सभी को मार डाला। कुत्तों के 5 बच्चों को मार डाला गया। उन्होंने बताया कि कोलकाता के बेलिहाता में वॉर्ड संख्या 30 से हिंसा की शुरुआत हुई।

अभिजीत ने नाम लेते हुए स्पष्ट कहा कि परेश पॉल व स्वप्न समंदर जैसे तृणमूल नेताओं के नेतृत्व में ये सब हुआ। उन्हें पता भी नहीं था कि फेसबुक पर लाइव कैसे आते हैं, लेकिन उन्होंने किसी तरह वीडियो बनाया और बताया कि TMC के गुंडे लगातार बमबारी कर रहे थे और उन्होंने उनके घर और दफ्तर को तहस-नहस कर डाला। उन्होंने कहा कि उनकी एक ही गलती है कि वे भाजपा कार्यकर्ता हैं।

होरोम अधिकारी

होरोम अधिकारी पश्चिम बंगाल में भाजपा के कार्यकर्ता थे। वे साउथ 24 परगना के सोनारपुर दक्षिण इलाके में कार्यरत थे। उनकी हत्या कर दी गई। उनकी हत्या को लेकर मीडिया या सोशल मीडिया में ज्यादा कुछ नहीं है। भाजपा ने अपनी जिन कार्यकर्ताओं की हत्या की बात कही थी, उनमें उनका नाम भी शामिल है।

मोमिक मोइत्रा

पश्चिम बंगाल का सीतलकूची आपको याद होगा, जहाँ चुनाव के दौरान ही अर्धसैनिक बलों को घेर लिया गया था और आत्मरक्षा में जब CISF ने गोली चलाई तो 4 हमलावरों की मौत हो गई थी। ममता बनर्जी का एक कथित ऑडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें वो लाशों की राजनीति की बातें कर रही थीं। उसी इलाके में माइक मोइत्रा नाम के भाजपा कार्यकर्ता भी सक्रिय थे, जिनकी मतगणना के बाद हत्या कर दी गई।

गौरव सरकार

पश्चिम बंगाल के बीरभूम का एक इलाका है बोलपुर। यहाँ गौरव सरकार नामक भाजपा कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई। सोशल मीडिया पर उनके शव की तस्वीर खूब वायरल हुई और लोगों ने पूछा कि आखिर उनकी गलती क्या थी? भाजपा कार्यकर्ताओं ने सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया। उनके शव पर कमल निशान का झंडा भी डाला गया था।

हराधन रॉय, चन्दन रॉय

पश्चिम बंगाल के कूच बिहार में भी तृणमूल कार्यकर्ताओं ने जम कर हिंसा की। यहाँ भाजपा के कार्यकर्ता हराधन रॉय की हत्या कर दी गई। ये वो इलाका है, जहाँ भाजपा ने मात्र 69 वोटों से जीत दर्ज की है। हराधन रॉय के साथ-साथ यहाँ एक और भाजपा कार्यकर्ता चन्दन रॉय की भी हत्या कर दी गई। उनके सिर में गंभीर चोटें आई थीं।

मिंटू बर्मन

कूच बिहार में ही मिंटू बर्मन नामक भाजपा कार्यकर्ता की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। मिंटू बर्मन को जल्दी-जल्दी में उनके साथी अस्पताल लेकर गए, जहाँ इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई।

अरुप रुईदास

पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हत्याओं के ताज़ा मामले में बाँकुड़ा में भाजपा कार्यकर्ता अरुप रुईदास के गायब होने की बात सामने आई थी। बुधवार की सुबह पूर्वी बर्दवान के खंडोघोष में उनकी लाश मिली। उनकी गर्दन से रस्सी बँधी हुई थी। उनकी लाश एक पेड़ से लटकी हुई मिली। उनकी हत्या का आरोप TMC के गुंडों पर लगाया गया है। वे इन्दस विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के बूथ एजेंट थे।

बिस्वजीत महेश

बिस्वजीत महेश की हत्या की खबर गुरुवार (मई 6, 2021) को आई। पश्चिमी मेदिनीपुर के घटल संगठन जिले में वो भाजपा के ‘शक्ति केंद्र प्रमुख’ के रूप में कार्यरत थे। आरोप है कि तृणमूल के गुंडों ने काफी बेरहमी से उनकी हत्या की। उनकी लाश क्षत-विक्षत अवस्था में मिली। उनके शरीर से आसपास काफी खून बह चुका था।

हिंसा की अन्य घटनाएँ भी, कॉन्ग्रेस-लेफ्ट-ISF भी बना निशाना

तृणमूल कॉन्ग्रेस का कहना है कि उसके कार्यकर्ताओं को भी इस हिंसा में निशाना बनाया गया। हुगली के खानखुल में देबू प्रामाणिक को कथित तौर पर कुछ लोगों ने पीटा, जिसके बाद इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। TMC का कहना है कि हमलावर भाजपा के लोग थे। इसी तरह पूर्वी बर्धमान में बिभास बाग़ और शाहजहाँ शाह नामक अपनी महिला कार्यकर्ता की मौत का जिम्मेदार भी TMC ने भाजपा को बताया है। पार्टी ने रैना के समसपुर में गणेश मलिक नामक कार्यकर्ता की हत्या का आरोप भी भाजपा पर मढ़ा।

दत्तपुकर में हसनूर जमान नाम के एक ISF कार्यकर्ता की भी हत्या कर दी गई। उनकी हत्या का आरोप तृणमूल कार्यकर्ताओं पर लगा। परिवार का कहना है कि TMC के गुंडों की बमबारी में उनकी मौत हुई। इन घटनाओं के अलावा महिलाओं को भी जम कर निशाना बनाने की ख़बरें सामने आई हैं। एक वायरल वीडियो में देखा जा सकता था कि कैसे दो महिलाओं को सड़क पर घसीट-घसीट कर पीटा जा रहा था।

कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने बीरभूम में पार्टी के दो पोलिंग एजेंट्स के गैंगरेप का भी आरोप लगाया, जिसे वहाँ की पुलिस ने साफ़ नकार दिया है। ननूर विधानसभा क्षेत्र में इस घटना के होने की बात कही गई थी लेकिन पुलिस का कहना है कि किसी भी स्थानीय नेता को इस बारे में कुछ पता ही नहीं है। पुलिस ने इसे फेक न्यूज़ बताया और कहा कि स्थानीय भाजपा नेताओं से जानकारी ली गई तो ऐसी कोई बात सामने नहीं आई।

इसके अलावा सोशल मीडिया में एक लड़की की तस्वीर वायरल हो रही थी, जिसके बारे में बताया गया कि भाजपा का समर्थन करने पर गैंगरेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई। पश्चिमी मेदिनीपुर के खड़गपुर के पिंगला थानांतर्गत हुई ये घटना सच्ची निकली, लेकिन पुलिस ने कहा कि इसका कोई राजनीतिक या सांप्रदायिक कारण नहीं है। मृतका और आरोपित SC/ST समुदाय थे। परिवार ने भी राजनीतिक कारण होने को नकार दिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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