Wednesday, November 20, 2024
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मजहब विशेष वाले धमका रहे, महिलाओं को डरा रहे… गाँव छोड़ना होगा, पुलिस हमेशा नहीं रहेगी: मृत लोटन के परिवार का दर्द

"जब खेतों में काम करने जाते हैं, तब समुदाय विशेष वाले धमकाते हैं, पुलिस के हटते ही परिणाम भुगतने की चेतावनी देते हैं। महिलाओं को भी धमकियाँ देते हैं। पुलिस वाले जब चले जाएँगे तो फिर हमारे साथ क्या किया जाएगा, कोई नहीं जानता।"

28 वर्षीय लोटन निषाद की हत्या हुए एक सप्ताह हो गया है। उन्होंने तबलीगी जमात की हरकतों पर चर्चा की थी, जिसकी ‘सज़ा’ उन्हें मौत के रूप में मिली। दलित लोटन की ‘गलती’ सिर्फ यह थी कि उन्होंने बातचीत में यह कह दिया था – तबलीगी जमातियों ने पूरे भारत में कोरोना वायरस फैलाया, अगर जमाती नहीं होते तो देश में कोरोना के काफ़ी कम मामले होते। इस ‘गलती’ के लिए उनके सिर में गोली मारी गई थी।

लोटन के भाई बिरजू के बयान पर सादिक, शेबू, ज़ाकिर, नूर अख्तर, फरहान, शादाब और नौशाद सहित कई अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया था, जिनमें से कुछ अभी भी फरार हैं। ये घटना 5 अप्रैल को बख्सी मोढ़ा गाँव में हुई थी, जो उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में स्थित है।

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बिरजू ने ‘स्वराज्य’ की स्वाति गोयल शर्मा से बातचीत करते हुए बताया कि गाँव में पुलिस बल की तैनाती है, जिससे शांति तो है लेकिन माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। 38 वर्षीय बिरजू ने बताया कि उसका परिवार लगातार डर के साए में जी रहा है। पीड़ित परिवार ये सोच रहा है कि अगर पुलिस बल गाँव से चले गए तो फिर उनके साथ क्या किया जाएगा, कोई नहीं जानता। गाँव के मुस्लिम स्थानीय निषाद समाज के लोगों को लगातार धमकाने में लगे हुए हैं, जिससे डर का माहौल बन गया है।

निषाद समाज के लोग जब अपने खेतों में काम करने जाते हैं, तब स्थानीय मुस्लिम उन्हें धमकाते हैं और सुरक्षा हटते ही परिणाम भुगतने की चेतावनी देते हैं। महिलाओं को भी धमकियाँ दी जाती हैं। पीड़ित परिवार ने पुलिस में बयान दिया है और उसी आधार पर कार्रवाई हो रही है, इसीलिए मुस्लिम नाराज़ हैं।

बिरजू का कहना है कि उनका परिवार तभी तक सुरक्षित है, जब तक गाँव में पुलिस है। बिरजू ने कहा-“दुश्मनी बढ़ ही गई है। अब जाना ही पड़ेगा। हम 3-4 महीनों में गाँव छोड़ देंगे। दूसरा कोई विकल्प नहीं बचा है। पुलिस तो आज है, कल नहीं रहेगी।

बिरजू का कहना है कि उनका परिवाए आसपास के किसी निषाद बहुल गाँव में जाएगा। हालाँकि, उस गाँव में भी उनकी जाति प्रभावी है और हिन्दुओं की जनसंख्या 70% है लेकिन मुस्लिम प्रधान होने की वजह से उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

बिरजू नाइट गार्ड के रूप में काम करते हैं। जिसके लिए उनके पास एक लाइसेंसी बन्दूक भी थी, लेकिन फिलहाल पुलिस ने उसे ले लिया है। इससे उनकी चिंता और बढ़ गई है। जब तक उन्हें उनकी बन्दूक वापस नहीं मिल जाती, वो नौकरी पर भी नहीं जा सकते। बिरजू कहते हैं कि ये नौकरी उनके परिवार की आजीविका का एकमात्र माध्यम है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हस्तक्षेप के बाद मृतक लोटन के परिवार को 5 लाख रुपए मिले हैं और आरोपितों के खिलाफ ‘नेशनल सिक्योरिटी एक्ट’ के तहत कार्रवाई की जाएगी। बिरजू के पिता की काफ़ी पहले मृत्यु हो चुकी है और बिरजू ने ही लोटन को पाल-पोष कर बड़ा किया था।

बता दें कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में रविवार (अप्रैल 05, 2020) सुबह करेली थाना क्षेत्र के बक्शी मोड़ा में गोली मारकर एक युवक की हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद घटनास्थल से भाग रहे हमलावर को भीड़ ने पकड़कर पुलिस को सौंप दिया था। बाद में अन्य नामजदों को भी गिरफ़्तार किया गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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