महाराष्ट्र के पालघर में दो साधु और एक ड्राइवर की मॉब लिंचिंग के मामले में FIR दर्ज कर 110 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से 101 लोगों को 30 अप्रैल तक पुलिस कस्टडी में भेजा गया है, जबकि 9 नाबालिगों को जुवेनाइल सेंटर होम में भेज दिया गया है।
Maharashtra: 3 people were beaten to death by villagers in Palghar on suspicion of theft on 17th April. FIR filed against villagers & 110 people have been arrested, of which 101 have been sent to police custody till 30 April & 9 minors have been sent to a juvenile shelter home.
— ANI (@ANI) April 19, 2020
साधुओं की निर्मम हत्या को लेकर साधु-संतों सहित नेताओं ने रोष जताया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने रविवार को इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की और चेतावनी दी कि अगर हत्यारों की शीघ्र गिरफ्तारी नहीं की गई तो महाराष्ट्र सरकार के विरुद्ध आंदोलन किया जाएगा।
फडणवीस ने की कड़ी कार्रवाई की माँग
The cruelty with which the mob lynching in #Palghar happened, is beyond inhuman.
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) April 19, 2020
I demand a High Level Enquiry and strictest action be taken at the earliest.#Maharashtra #Mumbai pic.twitter.com/tnagputI7J
… ensure that people who are responsible for this are brought to justice at the earliest.
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) April 19, 2020
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महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “पालघर में जिस क्रूरता के साथ मॉब लिंचिंग हुई, वह मानवता को शर्मसार करने वाली है। पालघर में भीड़ हिंसा की घटना का वीडियो हैरान करने वाला और अमानवीय है। ऐसे संकट के समय इस तरह की घटना और भी ज्यादा परेशान करने वाली है। मैं राज्य सरकार से गुजारिश करता हूँ कि वह इस मामले की उच्च स्तरीय जाँच करवाएँ और जो दोषी हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।”
भाजपा उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा ने घटना को बताया शर्मनाक
Horrific video of a mob lynching in cops’ presence in #Palghar Maharashtra, run by @OfficeofUT whr a few days ago a cop & doctor had been assaulted.
— Baijayant Jay Panda (@PandaJay) April 19, 2020
Media downplayed, said “mistaken suspicion as robbers” & suppressed that they were in Hindu religious robes.
Why this hypocrisy?
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रवक्ता बैजयंत पांडा ने भी घटना को लेकर रोष जताया है। उन्होंने इस घटना को शर्मनाक बताया और उद्धव सरकार को निशाने पर लिया। पांडा ने ट्वीट किया, “पालघर में पुलिस के सामने भीड़ हिंसा की घटना का वीडियो दहला देने वाला है। वह भी तब, जब कुछ ही दिन पहले उद्धव सरकार के शासन में एक पुलिसकर्मी और डॉक्टर पर हमला हुआ था। मीडिया के एक वर्ग ने इसे ‘संतों के भेष में चोरों’ का मामला बताकर घटना को कमतर दिखाया।”
महाराष्ट्र के पालघर में हुई इस हत्या को क्या कहें? स्टेट स्पॉन्सर्ड? या पुलिस स्पॉन्सर्ड? महाराष्ट्र सरकार की शान में आए दिन क़सीदे पढ़ने वाले फ़िल्मी सितारों में से कितनों ने इस बारे में ट्वीट किया?#Palghar_Incident #PalgharMobLynching pic.twitter.com/TNljKDpX6C
— रोहित सरदाना (@sardanarohit) April 19, 2020
आज तक के पत्रकार रोहित सरदाना ने भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कई सवाल खड़े किए। उन्होंने घटना का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “महाराष्ट्र के पालघर में हुई इस हत्या को क्या कहें? स्टेट स्पॉन्सर्ड? या पुलिस स्पॉन्सर्ड? महाराष्ट्र सरकार की शान में आए दिन कसीदे पढ़ने वाले फिल्मी सितारों में से कितनों ने इस बारे में ट्वीट किया?”
एक वृद्ध साधु वर्दी से उम्मीद लगाए पीछे छिपे। तो उसने खुद उन्हें भीड़ को सौंप दिया! ‘चोर समझकर’ मारने वाली पूरी रिपोर्ट मनगढ़ंत दिख रही है। ये विडियो तो प्रायोजित हत्या का है। https://t.co/HwnUymAE6L
— Sweta Singh (@SwetaSinghAT) April 19, 2020
वहीं आज तक की पत्रकार श्वेता सिंह ने भी इसे प्रायोजित हत्या बताते हुए कहा, “एक वृद्ध साधु वर्दी से उम्मीद लगाए पीछे छिपे। तो उसने खुद उन्हें भीड़ को सौंप दिया! ‘चोर समझकर’ मारने वाली पूरी रिपोर्ट मनगढ़ंत दिख रही है। ये वीडियो तो प्रायोजित हत्या का है।” बता दें कि मीडिया गिरोह साधुओं की मॉब लिंचिंग कर हत्या की खबर की रिपोर्टिंग ‘चोर समझकर’ पीट-पीट कर हत्या के रूप में की है।
महाराष्ट्र के पालघर का एक और विडीओ सामने आया है ..हृदयविदारक ..बेबस संत पुलिस के पीछे अपनी जान बचाने भाग रहा है और ऐसा साफ़ दिख रहा है की पुलिस न केवल अपनी ज़िम्मेदारी से पीछे हट रही है अपितु ऐसा लगता है की बेचारे संत को भीड़ में धकेला जा रहा है।
— Sambit Patra (@sambitswaraj) April 19, 2020
ये महाराष्ट्र में क्या हो रहा है? pic.twitter.com/6KC3gJQPgn
भाजपा नेता संबित पात्रा ने भी इस दर्दनाक वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, “महाराष्ट्र के पालघर का एक और वीडियो सामने आया है… हृदयविदारक… बेबस संत पुलिस के पीछे अपनी जान बचाने भाग रहे हैं और ऐसा साफ दिख रहा है कि पुलिस न केवल अपनी ज़िम्मेदारी से पीछे हट रही है अपितु ऐसा लगता है की बेचारे संत को भीड़ में धकेला जा रहा है। ये महाराष्ट्र में क्या हो रहा है?”
आज भगवा के साथ हुए नरसंहार पर मुझे भारत का मौन खल रहा ?
— Mukesh Khanna (@1ThaMukesh) April 19, 2020
क्या संन्यासी साधु संत का कोई मानवाधिकार नहीं होता?
हिंदुत्व का राग अलापने वाली भगवान ध्वज लेकर चलने वाली सरकार क्या मर चुकी है ?
क्या सनातन के संहार के बाद देश खड़ा रह सकेगा?
कोई अन्य संप्रदाय का धर्मगुरू होता फिर?
एक्टर मुकेश खन्ना ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “आज भगवा के साथ हुए नरसंहार पर मुझे भारत का मौन खल रहा? क्या संन्यासी साधु संत का कोई मानवाधिकार नहीं होता? हिंदुत्व का राग अलापने वाली भगवा ध्वज लेकर चलने वाली सरकार क्या मर चुकी है? क्या सनातन के संहार के बाद देश खड़ा रह सकेगा? कोई अन्य संप्रदाय का धर्मगुरू होता फिर?”
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ
सोशल मीडिया पर भी घटना को लेकर लोगों में काफी आक्रोश देखने को मिला। लोगों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रियाएँ दीं। एक ने लिखा, “अगर पालघर ग़लती से यूपी में होता और मरने वाला तबरेज या अखलाक होता तो चूड़ियाँ टूटने की इतनी आवाज़ आती कि कोरोना मर जाता।”
अगर पालघर ग़लती से यूपी में होता और मरने वाला तबरेज या अखलाक होता तो चूड़ियाँ टूटने की इतनी आवाज़ आती कि कोरोना मर जाता🤫 #Palghar #moblynching
— Diya Rajput (@khamoshhi) April 19, 2020
आहत इंदौरी नाम के एक यूजर ने लिखा, “हिन्दुओं ने बेवजह किसी मौलवी की पुलिस के सामने पीट पीट कर हत्या कर दी होती तो ये अब तक अंतराष्ट्रीय खबर बन गई होती और कॉन्ग्रेस, सपा, बसपा आदि दलों का रो-रो कर बुरा हाल होता।”
#moblynching
— आहत इंदौरी (@thebakaitbaaz) April 19, 2020
हिन्दुओ ने बेवजह किसी मौलवी की पुलिस के सामने पीट पीट कर हत्या कर दी होती तो ये अब तक अंतराष्ट्रीय खबर बन गई होती।
और कांग्रेस सपा बसपा आदि दलो का रो रो कर बुरा हाल होता।@Republic_Bharat @ZeeNews @aajtak @TV9Bharatvarsh @indiatvnews @RubikaLiyaquat
एक यूजर ने लिखा, “इससे यही साबित होता है कि हिंदुत्व को तोड़ा जा रहा है। अगर यही यूपी में होता तो योगी जी इनको औकात बता देते। पता नहीं ठाकरे साहब कब जागेंगे देश के लिए या उनको सिर्फ कुर्सी प्यारी है?”
इससे यही साबित होता है कि हिंदुत्व को तोड़ा जा रहा है
— 🚩टीम_SCB शुभम रामदे 🚩 (@ShubhamRamde) April 19, 2020
अगर यही यूपी में होता तो योगी जी इनको औकात बता देते
पता नहीं ठाकरे साहब कब जागेंगे देश के लिए
या उनको सिर्फ कुर्सी प्यारी है
एक अन्य यूजर ने लिखा, “बालासाहेब होते तो आज संतों को मारने वालों के हाथों को काट देते, लेकिन दुर्भाग्य से आज उनके बेटे की सरकार है जो कॉन्ग्रेस की गोदी में खेल रहा है।”
बालासाहेब होते तो आज संतों को मारने वालों के हाथों को काट देते,
— Arjun indian (@S67502sharma) April 19, 2020
लेकिन दुर्भाग्य से आज उनके बेटे की सरकार है जो कांग्रेस की गोदी में खेल रहा है
एक ने लिखा, “अखलाक ओर पहलू खान पर आँसू बहाने वाले लिबरल्स महाराष्ट्र के पालघर में 2 संत और उनके ड्राइवर को बड़े ही बेरहमी से लिंचिंग कर मौत के घाट उतार दिया गया तब चुप क्यों हैं?? कहाँ हैं लोकतंत्र के ठेकेदार?? क्यों… ये तो संतों की मृत्यु हुई है, कौन पूछता है संतों को?”
अखलाख ओर पहलू खान पर आँसू बहाने वाले लिब्र्ल्स महाराष्ट्र के पालघर में 2 संत और उनके ड्राइवर को बड़े ही बेरहमी से लिंचिंग कर मौत के घाट उतार दिया गया तब चुप क्यों है??
— Jani Kalpesh 🇮🇳 राम भक्त 🚩 (@Real_jani1) April 19, 2020
कहाँ है लोकतंत्र के ठेकेदार??
क्यों ..ये तो संतो की मृत्यु हुई है
कौन पूछता है संतो को?
पालघर साधु मॉब लिंचिंग: पूरा मामला
गौरतलब है कि जूना अखाड़ा के 2 महंत कल्पवृक्ष गिरी महाराज (70 वर्ष), महंत सुशील गिरी महाराज (35 वर्ष) अपने ड्राइवर निलेश तेलगडे (30 वर्ष) के साथ मुंबई से गुजरात अपने गुरु भाई को समाधि देने के लिए जा रहे थे। दरअसल, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा 13 मढ़ी मिर्जापुर परिवार के एक महंत राम गिरी जी गुजरात के वेरावल सोमनाथ के पास ब्रह्मलीन हो गए थे। दोनों संत महाराष्ट्र के कांदिवली ईस्ट के रहने वाले थे और मुंबई से गुजरात अपने गुरु की अंत्येष्टि में शामिल होने जा रहे थे।
इसी दौरान रास्ते में उन्हें महाराष्ट के पालघर जिले में स्थित दहाणु तहसील के गडचिनचले गाँव में पालघर थाने के पुलिसकर्मियों ने पुलिस चौकी के पास रोका। इसके बाद ड्राइवर के साथ दोनों संतों को भी गाड़ी से बाहर निकलने के लिए कहा गया और उन लोगों को पुलिस वालों ने, सड़क के बीच में ही बैठा दिया, कहा जा रहा है वहाँ गाँव के करीब 200 के आस पास लोग अचानक ही इकट्ठे हो गए।
फिर भीड़ ने, पुलिस वालों के सामने ही डंडे और पत्थरों से मार-मार कर दोनों सन्तों और ड्राइवर की बेरहमी से हत्या कर दी। बता दें कि यह गाँव और इलाका आदिवासी बहुल है और ग्रामीणों में ज़्यादातर ईसाई और कुछ के मुस्लिम समुदाय का होने का दावा भी संत समाज के कुछ लोगों द्वारा किया गया है।