महाराष्ट्र के नांदेड़ में एक साधु और उसके एक सेवादार की हत्या के मामले में पुलिस ने साईंनाथ लंगोटे नाम के आरोपित को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने साधु के हत्यारे को तेलंगाना सीमा के पास गिरफ्तार किया है।
आरोपित की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने बताया कि हत्या का उद्देश्य लूट करना था। पुलिस अधीक्षक विजय कुमार मगर ने बताया कि आरोपित साईनाथ लिंगड़े एक हिस्ट्रीशीटर है और इसके ऊपर 10 साल पुराना हत्या का मुकदमा भी चल रहा है। आरोपित पर पहले भी छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज किया जा चुका है।
#UPDATE The accused (in pic 2) in the Sadhu murder case has been arrested. There is criminal record against him; he was a co-accused in a murder case filed 10 years back and he has also been booked earlier in a molestation case: Vijaykumar Magar, SP Nanded, Maharashtra. pic.twitter.com/GOHam1rYiV
— ANI (@ANI) May 24, 2020
विजयकुमार मगर ने आगे कहा, “मृतक साधु और हत्या का आरोपित एक ही समुदाय के हैं। हत्या के मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है।” आरोपित भी उसी गाँव का रहने वाला है जिस गाँव में साधु रहते थे।
बता दें कि शनिवार (मई 23, 2020) देर रात नांदेड़ जिले में लिंगायत समाज के साधु रुद्र पशुपति महाराज की हत्या कर दी गई। रुद्र पशुपति महाराज के साथ ही बदमाशों ने उनके एक और सहयोगी भगवान राम शिंदे की भी हत्या कर दी। साधु का शव उनके आश्रम में मिला था, जबकि भगवान राम का शव रविवार (मई 24, 2020) सुबह ला परिषद स्कूल के पास मिला था। बताया जा रहा है कि साधु की गला रेतकर हत्या की गई है। फिलहाल जाँच जारी है।
बताया जा रहा है कि पशुपति महाराज की हत्या करने के बाद आरोपित साईंनाथ साधु की लाश कार में रखकर बाहर निकलने की फिराक में था। लेकिन कार गेट में फँस गई और सेवादार जग गए तो वह शव को वहीं छोड़कर फरार हो गया।
पुलिस इस एंगल की भी जाँच कर रही है कि आरोपित शव लेकर क्यों भाग रहा था। प्राथमिक पूछताछ में आरोपित ने बताया है कि उसने लूटपाट के इरादे से वारदात को अंजाम दिया। इसके अलावा इस एंगल से भी जाँच की जा रही है कि क्या गाँव वालों की साधु के साथ कोई रंजिश थी?
गौरतलब है कि इससे पहले पालघर में 70 साल के कल्पवृक्षनाथगिरी और 35 साल के सुशीलगिरी नाम के 2 साधु और उनके 32 साल के ड्राईवर नीलेश तेलगडे की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इस दौरान वहाँ मौजूद पुलिस मूकदर्शक बनी रही। जानकारी के मुताबिक दोनों साधु लॉकडाउन के दौरान गुजरात में अपने गुरु की महासमाधी में शामिल होने जा रहे थे।