मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि एवं शाही ईदगाह ढाँचे को लेकर जारी कानूनी विवाद के बीच एक नई याचिका दायर की गई है। मथुरा सिविल कोर्ट में दायर इस याचिका में अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने दावा किया है कि आगरा किले के अंदर दीवान-ए-खास के पास स्थित बेगम साहिबा की मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे केशव देव की पौराणिक और रत्न जड़ित प्रतिमा दबाई गई है। याचिका में आग्रह किया गया है कि पुरातत्व विभाग (ASI) से खुदाई करवाकर प्रतिमा को बाहर निकलवाई जाए।
आगरा किले में केशवदेव की मूर्ति दबी को निकालने के लिए दायर याचिका में अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे मूर्ति के दबे होने और उन पर मुस्लिमों के चलने के कारण हिंदुओं की भावनाएँ आहत हो रही हैं। इसलिए इस पर तत्काल कार्रवाई की जाए।
अपनी अर्जी में अधिवक्ता सिंह ने मुगल आक्रांता औरंगजेब (Aurangzeb) के मुख्य दरबारी साखी मुस्तेक खान द्वारा लिखित पुस्तक ‘मासर-ए-आलमगिरी’ का हवाला दिया है। उन्होंने कहा कि औरंगजेब ने मूर्ति को तोड़वा कर आगरा के लाल किले में मौजूद बेगम साहिबा मस्जिद की सीढ़ियों में चुनवा दिया था।
Uttar Pradesh | An advocate has filed a new litigation in Mathura court claiming that an idol of a deity 'Tha Keshav Dev' is buried beneath the stairs of a mosque near Diwan-e-Khas in Agra Fort. Further, he had prayed that survey be conducted & idol must be retrieved
— ANI (@ANI) May 27, 2022
मथुरा के कोर्ट में दायर अपनी याचिका में अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) के डायरेक्टर जरनल (DG), आगरा ASI के अधीक्षक, ASI के निदेशक और केंद्रीय सचिव को पार्टी बनाया है।
बता दें कि मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह ढाँचे को लेकर जारी विवाद के मामले में जिला जज (सीनियर डिविजन) ने 1 जुलाई को अगली सुनवाई तय की है। यह याचिका सितंबर 2020 में कोर्ट में दाखिल की गई थी।
इसी बीच मनीष यादव नाम के एक शख्स ने खुद भगवान श्रीकृष्ण का प्रत्यक्ष वंशज बताते हुए कोर्ट में आवेदन देकर ईदगाह ढाँचे का सर्वेक्षण कराने के लिए पैनल बनाने की माँग की है। अपने आवेदन में यादव ने कहा कि सर्वे के लिए तीन सदस्यीय कोर्ट कमिश्नर का पैनल नियुक्त किया जाए और ईदगाह के बंद कमरों को खोल कर इसका सर्वे कराई जाए। इस दौरान उन्होंने पुलिस सुरक्षा की भी माँग की।