उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मान्तरण का रैकेट चलाने के आरोप में एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए मौलाना कलीम सिद्दीकी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। इस मामले में मुजफ्फरनगर जिले के चरथावल के रहने वाले अमित प्रजापति की शिकायत पर यूपी पुलिस ने आरोपित मौलाना के खिलाफ नया केस दर्ज किया है। अमित ने मौलाना समेत 6 लोगों पर उसका जबरन गोमांस खिलाने और धर्मान्तरण कराने का आरोप लगाया है। पीड़ित का आरोप है कि उसे 4 लाख रुपए का लालच भी दिया गया था। पुलिस ने धर्मान्तरण कानून के तहत केस दर्ज कर मामले की जाँच शुरू कर दी है।
प्रजापति ने पुलिस को दी शिकायत में खुलासा किया है कि साल 2014 में एक फर्नीचर के शोरूम में वह हाजी सलीम नाम के एक व्यक्ति से मिला था। इसके बाद उसी साल मई में सलीम उसे फूलत मदरसा लेकर गया था। प्रजापति का कहना है कि मदरसे में मौलाना कलीम सिद्दीकी ने उसे कलमा सुनाने और इस्लाम कबूल करने को कहा। उसने 4 लाख रुपए कैश और उसकी पसंद की लड़की से निकाह का लालच देकर उसका धर्मान्तरण करवा दिया। धर्मान्तरण के बाद उसे अब्दुल्ला नाम दिया गया।
प्रजापति के मुताबिक, बाद में उसे महाराष्ट्र के जमात में ले जाया गया और वहाँ वह 40 दिनों तक रहा। जमात में उसे कलमा और नमाज पढ़ने की ट्रेनिंग देने के बाद देवबंद मदरसा भेज दिया गया। देवबंद में उसे उर्दू और अरबी सिखाई गई। बाद में उसे दूसरे लोगों का भी धर्मान्तरण कराने का लालच दिया गया। इतना ही नहीं अमित प्रजापति को 4 लाख रुपए दिए गए, जिससे उसने चरथावल में एक प्लॉट खरीद लिया।
पीड़ित ने पुलिस को अपनी शिकायत में कहा कि इसी साल 25 अक्टूबर 2021 को हाजी सलीम, दिलशाद, जाहिद मुल्ला, नौशाद छोटा, यामीन और इसरार प्रधान उससे मिलने के लिए आए थे। अपने साथ वे लोग टिफिन में गोमांस भी लेकर आए थे। अमित ने आरोप लगाया है कि जब उसने बीफ खाने से इनकार कर दिया तो आरोपितों ने उसके साथ मारपीट करते हत्या की धमकी दी।
पीड़ित के मुताबिक, सिद्दीकी समेत अन्य आरोपितों ने उसे दूसरे धर्मों के खिलाफ भड़काऊ बात कहने के लिए मजबूर किया और उसका वीडियो भी बना लिया। पीड़ित ने दावा किया कि वीडियो अभी भी सिद्दीकी के यूट्यूब चैनल अल्कलम पर मौजूद है।
पुलिस ने कथित तौर पर कार्रवाई में देरी की
अमर उजाला को दिए गए एक बयान के अनुसार, पीड़िता ने दावा किया है कि उत्तर प्रदेश में सामूहिक धर्मांतरण से जुड़े मामले में सिद्दीकी को पहले ही एटीएस द्वारा पकड़ा जा चुका है, इसके बावजूद पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करने में देरी की। पीड़ित ने बताया कि चरथावल थाना पुलिस ने दो दिन तक मामले को दबा कर रखा। जब इस मामले में हिंदू जागरण मंच ने अपनी आवाज बुलंद की तो पुलिस हरकत में आई और त्वरित जाँच का आश्वासन दिया।
मौलाना कलीम सिद्दीकी और धर्मांतरण रैकेट
इस साल सितंबर में पश्चिमी यूपी के सबसे बड़े मौलवियों में से एक और इस्लामिक विद्वान मौलाना कलीम सिद्दीकी धर्म परिवर्तन के आरोप में एटीएस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस ने कहा था कि 64 वर्षीय इस्लामिक विद्वान जामिया इमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट चलाता है, जो कई मदरसों को फंड करता है और इसके लिए उसे भारी विदेशी फंडिंग मिली थी।
दरअसल, यूपी एटीएस की टीम धर्मान्तरण मामले में मौलाना उमर गौतम और उसके सहयोगी की गिरफ्तारी के दौरान उनसे पूछताछ कर रही थी उसी दौरान इसका नाम सामने आया था। कथित तौर पर दोनों ने अपने अन्य सहयोगियों के साथ इस्लामिक दावा सेंटर (IDC) नाम का एक संगठन चलाया, ताकि लोगों को शादी, नौकरी और पैसे समेत दूसरे प्रलोभन देकर उनका धर्मान्तरण कराया जा सके।
बाद में अक्टूबर में सिद्दीकी की संपत्तियों पर एटीएस ने छापा मारा। जाँच एजेंसी ने राष्ट्रीय राजधानी में कई स्थानों पर की गई छापेमारी के दौरान डेस्कटॉप, टैबलेट और दस्तावेजों से आपत्तिजनक सबूत जब्त किए। नई दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में स्थित सिद्दीकी के आवास के साथ-साथ उसके संगठनों ग्लोबल पीस सेंटर और वर्ल्ड पीस ऑर्गनाइजेशन पर एक अब्दुल रहमान के आवास पर भी छापेमारी की गई।