अफगानिस्तान पर तालिबान की जीत के बाद भारत के कई कट्टरपंथी जश्न मनाने का एक मौका नहीं छोड़ रहे। अब इसी क्रम में तमिलनाडु के मौलाना ने वीडियो जारी करके संदेश दिया है कि तालिबान की जीत का जश्न हर मुसलमान को मनाना चाहिए।
द कम्यून की रिपोर्ट के अनुसार, मौलाना शमसुद्दीन कासिमी ने तालिबान को मुबारकबाद देते हुए कहा कि ये पल हर मुसलमान के लिए जश्न मनाने वाला है। कासिमी के मुताबिक अल्लाह के करम से अफगानिस्तान में तालिबान का दोबारा उदय हुआ है। वीडियो में मौलाना शमसुद्दीन कासिमी कहता है,
“कोरोना की दूसरी लहर, तीसरी लहर और चौथी लहर के बारे में सुनने के बाद, यह अब तालिबान की दूसरी लहर है जो हर जगह खबरों में है। तालिबान की जीत के जरिए अल्लाह ने हम सभी को यह बड़ी जीत दिलाई है। मुस्लिम समाज को इस जीत का जश्न मनाना चाहिए।”
तालिबान का हिंसक चेहरा दिखाने के लिए मौलाना ने वीडियो में मीडिया के लिए भी अपशब्दों का इस्तेमाल किया। तालिबान को आंतकी दिखाने के लिए मौलाना ने मीडिया को ‘वेश्यावृत्ति मीडिया’ कहा। साथ ही ये भी कहा कि मुसलमानों को इस बात से नहीं घबराना चाहिए अगर मीडिया ये दिखाए कि वो लोग तालिबान से सहानुभूति रखते हैं।
मौलाना की वीडियो में तालिबान को ‘सामान्य’ और ‘शांतिपूर्ण’ समूह बताते हुए कहा गया कि वह लोग नागरिकों को नुकसान नहीं पहुँचाएँगे। इसके अलावा विवादित मौलाना ने संगठन का महिमामंडन करते हुए प्रधानमंत्री मोदी और अन्य मंत्रियों को फासीवादी और मूर्ख कहा।
#மோடியை முட்டாள் என்றும் #தலிபான்கள் புனிதபோராளிகள் என்றும் அவர்களின் வெற்றியை இங்குள்ள மக்கள் வயிறு எரியும் வகையில் #முஸ்லிம்கள் கொண்டாட வேண்டும் என இந்த வீடியோவில் @MoulanaQasimi கூறியுள்ளான்
— நாம் இந்தியர் (@desiyavathi) August 19, 2021
நண்பர்களே ஜார்ஜ் பொன்னையாவை போல இவனையும் #கைது செய்யும் வரை இதை அதிகமாக RT செய்யவும் pic.twitter.com/Rd3KxN6Cd7
मौलाना कहता है, “भारत पर शासन करने वाले, हमारे फासीवादी ‘जी’ (पीएम मोदी) कुछ नहीं जानते। मूर्खों की कैबिनेट। वे मूर्ख प्रशासकों का एक समूह हैं। वे बाहरी मामलों को नहीं जानते हैं। उन्हें नहीं पता कि उन्हें किसे समायोजित करना चाहिए। चारों ओर देखो। श्रीलंका पर चीन का कब्जा है। चीन ने पाकिस्तान पर कब्जा कर लिया है। बांग्लादेश पर भी चीन धीरे-धीरे कब्जा कर रहा है। यह सब हमारे ‘जी’ की घटिया नीतियों के कारण है। उन्होंने चीन से सब कुछ गवा दिया। अब उसी चीन ने तालिबान का समर्थन किया। तमिल अखबार दीनमालम (दिनमालार को अपमानजनक रूप से संदर्भित करते हुए) ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमें कहा गया है कि एक महिला को बुर्का नहीं पहनने के लिए गोली मार दी गई थी। अरे तुम लोग पेट की आग से मरोगे।”
उल्लेखनीय है कि मौलाना कासिमी के मुख से तालिबान के लिए प्रशंसा उसी तरह निकली है जैसे अन्य मौलवियों ने तालिबान की वाह-वाही की थी। इससे पहले समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे को लेकर चौंकाने वाला बयान दिया था। सपा सांसद ने तालिबान शासकों के इस कदम की सराहना करते हुए कहा था कि तालिबान एक ऐसी ताकत है, जिसने रूस और अमेरिका जैसे शक्तिशाली देशों को भी अपने देश पर कब्जा नहीं करने दिया।
इसी प्रकार ‘ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB)’ के प्रवक्ता मौलाना सज्जाद नोमानी ने तालिबान का समर्थन करते हुए कहा था कि तालिबान ने दुनिया की सबसे मजबूत फौज को शिकस्त दे दी है। AIMPLB प्रवक्ता ने कहा था, “एक बार फिर यह तारीख रकम हुई है। एक निहत्थी कौम ने सबसे मजबूत फौजों को शिकस्त दी है। काबुल के महल में वे दाखिल होने में कामयाब रहे। उनके दाखिले का अंदाज पूरी दुनिया ने देखा। उनमें कोई गुरूर और घमंड नहीं था।”