Monday, November 18, 2024
Homeदेश-समाजमशीन से होगी सीवर की सफाई, नहीं जाएगी सफाईकर्मियों की जान: मोदी सरकार ने...

मशीन से होगी सीवर की सफाई, नहीं जाएगी सफाईकर्मियों की जान: मोदी सरकार ने लॉन्च किया ‘सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज’

केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि अगस्त 2021 तक इंसानों द्वारा की जाने वाली सीवर की सफाई (मैनुअल स्कैवेंजिंग) ख़त्म कर दी जाए। गुरुवार (19 नवंबर 2020) को इस पहल की घोषणा करते हुए एक ‘चैलेंज’ के बारे में जानकारी भी दी।

केंद्र सरकार ने सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई करने वालों के लिए ऐतिहासिक ऐलान किया है। इस ऐलान के मुताबिक़ मैनुअल स्कैवेंजिंग एक्ट (Manual Scavenging Act) में संशोधन किया जाएगा जिससे सीवर्स और सेप्टिक टैंक की मशीनों के माध्यम से (mechanised) सफाई संभव हो

इस ऐलान के साथ एक और अहम बात यह है कि मैनहोल (manhole) शब्द को मशीन होल (machine hole) से स्थानांतरित किया जाएगा। इस पहल को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए 24×7 हेल्पलाइन भी शुरू की जाएगी। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ केंद्र की मोदी सरकार का लक्ष्य है कि अगस्त 2021 तक इंसानों द्वारा की जाने वाली सीवर की सफाई (मैनुअल स्कैवेंजिंग) ख़त्म कर दी जाए। गुरुवार (19 नवंबर 2020) को इस पहल की घोषणा करते हुए एक ‘चैलेंज’ के बारे में जानकारी भी दी। यह चैलेंज मूलतः देश के सभी राज्यों के लिए है, जिसके तहत अप्रैल 2021 तक 243 शहरों को सीवर सफाई प्रक्रिया पूर्णतः मशीन संचालित करनी होगी।

अगर किसी इंसान को बड़ी समस्या पैदा होने की सूरत में सीवर के भीतर दाखिल होना पड़ता है तो उसे सही गियर (उपकरण) और ऑक्सीजन सिलेंडर अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना होगा। इस चैलेंज का नाम है ‘सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज’। 

इस चैलेंज के अंतर्गत तमाम श्रेणियों में कुल 52 करोड़ रुपए के पुरस्कार भी दिए जाएँगे। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (Ministry of housing & urban affairs) सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने इस संबंध में कई अहम जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस चैलेंज में हिस्सा लेने वाले शहरों का ज़मीनी विश्लेषण स्वतंत्र एजेंसियों द्वारा मई 2021 में कराया जाएगा। इसका परिणाम 15 अगस्त 2021 तक सार्वजनिक किया जाएगा।” 

आधिकारिक आँकड़ों की मानें तो मैनुअल स्कैवेंजिंग की वजह से पिछले 5 सालों में कुल 376 मौतें हुई हैं जिसमें सिर्फ 2019 के दौरान 110 मौतें हुई हैं। इसके बाद मंत्रालय के सचिव ने यह भी कहा कि हमने निर्देश जारी किया है कि अब से मैनहोल शब्द का इस्तेमाल बंद कर दिया जाए और इसके स्थान पर मशीन होल शब्द का इस्तेमाल किया जाए। इसके अलावा दिशा निर्देशों का पालन नहीं करने वालों और निर्धारित आदेशों की अनदेखी करने वालों की शिकायत दर्ज कराने के लिए हेल्पलाइन भी बनाई जा रही है। 

उल्लेखनीय है कि मैनुअल स्कैवेंजिंग एक्ट 2013 के अनुसार किसी भी व्यक्ति से सीवर या सेप्टिक टैंक की सफाई करवाना दंडनीय कृत्य है। इसके लिए जुर्माना और कारावास तक का प्रावधान है। इस क़ानून में किए जा रहे संशोधन के अनुसार सीवर की सफाई करने वालों की पहचान की गई जाएगी और उनको बेहतर सुविधाएँ दी जाएँगी। अभी तक मशीन से की जाने वाली सफाई को वैकल्पिक प्रक्रिया के रूप में देखा जाता था लेकिन अब से मशीन द्वारा की जाने वाली सफाई को आगामी कुछ समय के भीतर अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा। 

इस मशीन से होने वाली सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के मामले में हैदराबाद नगरपालिका समेत देश के कई शहरों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। सामाजिक न्याय मंत्रालय द्वारा किए गए विश्लेषण के मुताबिक़ मैनुअल स्कैवेंजिंग एक्ट और प्रिवेंशन ऑफ़ एट्रोसिटिज़ एक्ट 1989 की मौजूदगी के बावजूद ऐसे मामलों में कार्रवाई लगभग नहीं के बराबर होती है। इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा लगाए गए जुर्माने का भुगतान भी नहीं किया जाता है।                  

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -