आपको साहिबगंज रेप का मामला याद होगा, जो क़रीब एक महीना पुराना है। हिन्दू नाबालिग छात्रा से रेप के मामले में अब परिवार को धमकियाँ मिल रही हैं। पीड़ित परिवार को केस वापस लेने के लिए लगातार धमकी दी जा रही है, ताकि दोषियों को बचाया जा सके। कहा जा रहा है कि सारे आरोपित इलाक़े में प्रभाव रखते हैं और इसीलिए पीड़ित परिवार डरा हुआ है। फिलहाल पुलिस पर भी इस मामले में शिथिलता बरतने के आरोप हैं।
राजमहल थाना क्षेत्र के नौगच्छी नवाबढोरी गाँव में बीते एक माह पूर्व हुए नाबालिग से दुष्कर्म मामले को लेकर शुक्रवार (जून 26, 2020) की आधी रात को बदमाशों ने दहशत फैलाने के उद्देश्य से पीड़ित परिवार के घर पर गोलीबारी की, जिससे क्षेत्र में डर का माहौल बन गया और तनाव पैदा हो गया। स्थानीय विधायक अनंत कुमार ओझा ने इस घटना को लेकर घटनास्थल पर पीड़ित परिवार से मुलाकात किया।
ओझा ने ऑपइंडिया को बताया कि इस दौरान उन्होंने पीड़िता के माता-पिता व अन्य परिजनों को आश्वस्त किया कि वह हमेशा उन लोगों के साथ हैं और उन्हें किसी नकारात्मक तत्वों से डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने जानकारी दी है कि वो इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिल कर पीड़ित परिवार को दस लाख रुपए का मुआवजा एवं पीड़ित परिवार को सुरक्षा प्रदान करने की माँग करेंगे। उन्होंने माँग रखी है कि लगातार मिल रही धमकियों के मद्देनज़र पीड़ित परिवार को सुरक्षा प्रदान किया जाए।
साथ ही उन्होंने चेताया कि अगर पीड़ित परिवार को पहले से ही सुरक्षा मुहैया कराई गई होती तो शायद गोलीकांड की घटना नहीं घटती। विधायक ओझा ने बताया कि उन्होंने घटनास्थल पर उपस्थित स्थानीय पुलिस पदाधिकारियों से इस मामले में जल्द से जल्द स्पीडी ट्राईल कर पीड़िता को न्याय दिलाने को कहा है। साथ ही उन्होंने पुलिस से गोलीबारी की घटना में शामिल सभी अपराधियों को अविलंब गिरफ्तार करने को कहा ।
बता दें कि ये घटना मई 25, 2020 की है। साहिबगंज जिले के राजमहल थाना क्षेत्र के नवाबडेरी में 3 मुस्लिम युवकों ने सोमवार (मई 25, 2020) रात एक नाबालिग हिन्दू बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार किया था, जिसके बाद इलाक़े में कई दिनों तक माहौल तनावपूर्ण बना हुआ था। इससे पहले भी पुलिस ने ऑपइंडिया से बातचीत में बताया था कि तीन में से एक आरोपित एकरामुल उर्फ सोनू को गिरफ्तार कर लिया है। एक फरार आरोपित बाद में गिरफ्तार हुआ।
नाबालिग पीड़िता के पिता ने बयान में कहा था, “शाम चार बजे जब उनकी बेटी बगीचे में आम चुनने गई थी, उसी समय आरोपितों में से एक ने उसके मुँह पर कपड़ा लपेटकर उसे बाँस की एक झाड़ी में लेकर गए और वहाँ उसके साथ तीनों आरोपितों ने सामूहिक बलात्कार किया।” पीड़िता ने अपने बयान में बताया था कि सोमवार शाम लगभग 4:00 बजे जब हल्की आँधी आई थी उस समय वह अपने घर के पीछे बागीचे में आम चुनने के लिए चली गई।
वहीं आम के बागीचे में पीछे से एकरामुल ने उन्हें पकड़ लिया और शोर करने पर चाकू से गला काट देने की धमकी दी। पीड़िता ने बयान देते हुए बताया था कि जब एकरामुल शेख ने उस के साथ बलात्कार किया, तब बाकी 2 ने उसे पकड़कर रखा था। उसके बाद बारी-बारी से उन्होंने भी उसके साथ बलात्कार किया। एकरामुल (पिता इस्लाम शेख) के अलावा वहाँ अन्य 2 आरोपित – ईदगर शेख (पिता स्व नईम खान) और शाहनवाज ( शेख पिता ताहिर मियाँ) भी मौजूद थे।
वहीं, अब इस घटना में दोषियों को बचाने के लिए पीड़ित परिवार पर दबाव बनाया जा रहा है। इस सम्बन्ध में आसपाल के लोग भी डरे-सहमे हैं। पीड़िता के पिता ने गोलीबारी की घटना पर अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा:
“रात के क़रीब 12:15 बजे सात से आठ की संख्या में बदमाश आ धमके और उन्होंने दरवाजे पर दो बार फायरिंग की। दोनों गोलियाँ दरवाजे के अंदर आकर घर के भीतर रखे हुए टिन के बक्शे में लगी। इसके बाद सारे अपराधी दरवाजे को धक्का देते हुए घर के अंदर घुस गए और गला दबा कर मेरे साथ मारपीट की। साथ ही उन्होंने धमकाया कि केस वापस ले लो नहीं तो जान से मार देंगे। धमकी देकर जाते हुए बदमाशों ने रास्ते में गोपाल मंडल के दरवाजे पर भी गोलीबारी की। गोलीकांड के बाद अपराधी बाइक से फरार हो गए।”
हालाँकि, इस घटना के बाद पुलिस ने भी तत्परता दिखाई। ‘दैनिक भास्कर’ की ख़बर के अनुसार, एसडीपीओ अरविंद कुमार सिंह और राजमहल थाना प्रभारी रंजीत प्रसाद ने सशस्त्र बल के जवानों के साथ घटनास्थल का दौरा किया और साथ ही पीड़ित परिवार से मुलाक़ात कर उनकी बात सुनी। एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा ने ऑपइंडिया से बताया कि उन्होंने ख़ुद रात में ही वहाँ पहुँच कर मामले की छानबीन की है।
एसडीपीओ ने गोलीबारी की घटना की पुष्टि पाँच लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करने की बात कही है। एसपी ने बताया कि एक आरोपित सेताब शेख को तो गिरफ़्तार कर के जेल भी भेज दिया गया है। पुलिस ने कहा कि इस घटना के बाद राजमहल थाना प्रभारी चिरणजीत प्रसाद, तालझारी थाना प्रभारी अमर प्रसाद यादव, एसआई अमन कुमार और एएसआई कविंद्र मिश्रा सहित कई अधिकारी और जवानों ने घटनास्थल पर अभी भी कैम्प कर रखा है।
हालाँकि, विधायक अनंत कुमार ओझा पुलिस के अब तक के रवैये से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन से पहले ही माँग की गई थी कि पीड़ित परिवार को सुरक्षा प्रदान किया जाए लेकिन प्रशासन द्वारा ऐसा नहीं किया गया। वहीं स्थानीय वकील पीयूष मिश्रा भी इस मामले में पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं और उनका कहना है कि पॉस्को एक्ट के तहत दर्ज इस मामले में पुलिस को कड़ा रुख अख्तियार करना चाहिए था।
ज्ञात हो कि इस मामले में सबसे पहले एकरामुल की गिरफ्तारी हुई थी। उसके बाद 27 मई को इदगार पकड़ा गया था। उसकी गिरफ्तारी के बाद साहिबगंज के एसपी अनुरंजन ने ऑपइंडिया से बातचीत में शाहनवाज के सेना से जुड़े होने की पुष्टि की थी। उन्होंने बताया था कि वह सेना की मेडिकल कोर टीम का हिस्सा है और उसकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। उसे रेपकांड के 5 दिन बाद धरा गया था।
घटना के बाद शहनवाज भाग कर सिलीगुड़ी पहुँच गया था और अपनी यूनिट ज्वाइन कर ली थी। सेना द्वारा शाहनवाज को नियमानुसार सिलीगुड़ी में क्वारंटाइन कर रखा गया था। पुलिस को मोबाइल लोकेशन के आधार पर उसके वहाँ होने की सूचना मिली। इसके बाद पुलिस कोर्ट से वारंट लेकर पहुँची और सेना के अधिकारियों को पूरे मामले की जानकारी दी। इसके बाद आरोपित को पुलिस को सौंप दिया गया।