Monday, October 14, 2024
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गरीबों के कल्याण के लिए योगी सरकार को ₹600 करोड़ की संपत्ति दान करेंगे ये उद्योगपति: जानिए जूते की वो कहानी, जिसने बदल दी उनकी सोच

डॉ. गोयल के सहयोग से बीते करीब 20 साल से देशभर में सैकड़ों वृद्धाश्रम, अनाथ आश्रम और फ्री हेल्थ सेंटर चलाए जा रहे हैं। उनकी मदद से चल रहे स्कूलों में गरीब बच्चों को शिक्षा मुफ्त दी जा रही है।

उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद के उद्योगपति डॉ. अरविंद कुमार गोयल ने अपनी पूरी संपत्ति सोमवार (18 जुलाई, 2022) को अचानक उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को दान करने की घोषणा कर दी। दरअसल, उद्योगपति के साथ-साथ समाजसेवी एवं शिक्षाविद डॉ. अरविंद गोयल ने 25 साल पहले ही ठान लिया था कि वह एक दिन अपनी सारी संपत्ति गरीबों और जरूरतमंदों के कल्याण के लिए दान कर देंगे। ऐसा ख्याल उनके मन में ट्रेन में सफर के दौरान एक गरीब को ठंड में ठिठुरता देखकर आया था। तब उन्होंने तत्काल उसे अपने जूते तक दे दिए थे।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार तक दान स्थान्तरण की प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी। वहीं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डॉ. अरविंद कुमार गोयल की संपत्ति की कुल कीमत करीब 600 करोड़ रुपए बताई गई है। गोयल ने अपने पास सिर्फ मुरादाबाद सिविल लाइंस स्थित कोठी रखी है। उन्होंने अपनी पूरी संपत्ति दान करने के बाद अपना पूरा जीवन देशसेवा और समाजसेवा को समर्पित करने की इच्छा व्यक्त की है।

बता दें कि गोयल ने 50 साल की कड़ी मेहनत से यह संपत्ति बनाई। वहीं गोयल ने यह दान सीधे राज्य सरकार को इसलिए दिया है, ताकि वास्तविक जरूरतमंदों तक मदद पहुँचाई जा सके। अपनी इस घोषणा की जानकारी देते हुए डॉ गोयल ने कहा, “राज्य सरकार उनकी सारी संपत्ति से प्रदेश में गरीबों के लिए निशुल्क शिक्षा और अच्छे इलाज की व्यवस्था करे। उनकी इच्छा है कि समाज का कोई भी गरीब, अनाथ और बेसहारा व्यक्ति शिक्षा से वंचित न रहे।”

वहीं अपने दान के इस अचानक से लगने वाले निर्णय पर डॉ गोयल ने 25 साल पहले की उस घटना को याद करते हुए कहा, “वो दिसंबर की ठंडी रात थी। मैं जैसे ही ट्रेन में सवार हुआ। सामने देखा कि एक गरीब आदमी ठंड से ठिठुर रहा है। उसके पास न तो चादर थी और न ही पैरों में चप्पल या जूते थे। उस आदमी को देखकर मुझसे रहा नहीं गया। मैंने अपने जूते उतार कर उसे दे दिए। कुछ देर तक तो मैंने सहन किया, लेकिन कड़ाके की ठंड होने की वजह से मेरी भी हालत खराब होने लगी। तब मैंने सोचा कि इस सामने वाले आदमी की तरह तमाम लोग ऐसे ही ठंड में ठिठुरते होंगे। मैं घर पहुँचा, लेकिन उस आदमी की सूरत मेरे जहन से नहीं निकल रही थी। इसके बाद मैंने बेसहारा और गरीबों के लिए काम शुरू कर दिया। बुजुर्गों के लिए वृद्धाश्रम बनवाया। छात्र-छात्राओं को किताबें, कॉपी और कपड़े बाँटने शुरू कर दिए।”

डॉ गोयल ने अपनी कहानी साझा करते हुए आगे बताया, “उस दिन से ठंड हो, गर्मी हो या बारिश हो, मैं रोज अपने घर से निकला। सड़क किनारे बैठे लोगों की आर्थिक मदद, फल, सब्जी बेचने वाले बुजुर्ग महिला-पुरुषों की मदद की। लंबे समय से समाजसेवा करने के दौरान गरीबों और बेसहारा लोगों की मुझे बहुत दुआएँ मिलीं। मैं और मेरे परिवार ने भी खूब तरक्की की। अब मैंने सोच लिया है कि अपनी सारी संपत्ति दान कर दूँगा। इसके लिए मैंने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर माँग रखी है। जिला प्रशासन शासन से अनुमति लेगा। इसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।”

रिपोर्ट के अनुसार, डॉ. गोयल के सहयोग से बीते करीब 20 साल से देशभर में सैकड़ों वृद्धाश्रम, अनाथ आश्रम और फ्री हेल्थ सेंटर चलाए जा रहे हैं। उनकी मदद से चल रहे स्कूलों में गरीब बच्चों को शिक्षा मुफ्त दी जा रही है। यहाँ तक कि कोविड लॉकडाउन में भी करीब 50 गाँवों को गोद लेकर उन्होंने लोगों को मुफ्त खाना और दवा दिलवाई। उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों के साथ-साथ राजस्थान में भी उनके स्कूल-कॉलेज हैं।

गौरतलब है कि डॉ. अरविंद कुमार गोयल के समाजसेवा के जूनून और लगन को देश और दुनिया खूब सराहा और सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें अब तक भारत के चार राष्ट्रपतियों से भी सम्मान प्राप्त हो चुका है। बता दें कि मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम समाजसेवा के लिए उनको सम्मानित कर चुके हैं। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी डॉ. गोयल के सेवा कार्यों के लिए उन्हें सम्मानित कर चुके हैं।​​​​​​

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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