राजस्थान के मदरसों में दलित हिन्दू बच्चों को मुस्लिम बनाने की साजिश रची जा रही है, उनका धीमे-धीमे इस्लामी शिक्षा में माध्यम से धर्मांतरण करवाने का प्रयास किया जा रहा है। यह आरोप एक RTI के सामने आने के बाद बजरंग दल के लोगों और RTI एक्टिविस्ट ने लगाए हैं।
बजरंग दल ने बताया है कि हाल ही में एक हिन्दू दलित बच्ची का नाम मदरसे में सकीना दर्ज किया गया था। उसके पिता का नाम अभी भी हिन्दू ही है। बजरंग दल एक ही मदरसे में 6 हिन्दू छात्रों के धर्मांतरण का आरोप लगाया था। इस मामले के बाद अब सामने आई एक RTI से चिंताएँ और बढ़ गई हैं।
RTI में सामने आया है कि राजस्थान के मदरसों में 3000 से अधिक गैर मुस्लिम बच्चे तालीम ले रहे हैं। इन बच्चों में अधिकांश संख्या हिन्दू बच्चों की बताई जा रही है। सरकारी या निजी स्कूलों में ना जाकर मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों में लगभग 50% लड़कियाँ हैं।
इसी RTI में सामने आया है कि इन मदरसों में गैर मुस्लिम बच्चों की संख्या तो सैकड़ों में है लेकिन गैर मुस्लिम शिक्षक ना के बराबर हैं। इस मामले में RTI कार्यकर्ता और बजरंग दल के लोगों ने धर्मांतरण और इस्लामी तौर तरीकों में ढालने की बड़ी साजिश की तरफ इशारा किया है।
कैसे सामने आई जानकारी?
राजस्थान हाई कोर्ट के वकील सुजीत स्वामी ने राजस्थान मदरसा बोर्ड को एक RTI लगाई थी। इसमें उन्होंने पूछा था कि राजस्थान के भीतर सभी जिलों के मदरसों में कितने गैर मुस्लिम छात्र-छात्राएँ पढ़ रही हैं। इसके अलावा उन्होंने यह भी जानकारी माँगी थी कि राजस्थान में मदरसों में कितने गैर मुस्लिम शिक्षक-शिक्षिकाएँ हैं। मदरसा बोर्ड ने यह जानकारी सुजीत स्वामी को जिलेवार दी है। इसमें कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। यह RTI ऑपइंडिया के पास मौजूद है। इस जानकारी के सामने आने के बाद बजरंग दल और सुजीत स्वामी ने प्रश्न खड़े किए हैं।
क्या जानकारी सामने आई?
राजस्थान मदरसा बोर्ड ने बताया है कि राज्य के मदरसों में शिक्षा सत्र 2024-25 में कुल 3056 गैर मुस्लिम छात्र-छात्राएँ तालीम हासिल कर रहे हैं। इनमें से 1600 छात्र हैं जबकि 1456 छात्राएँ हैं। मदरसों में पढ़ने वाले गैर मुस्लिम छात्र-छात्राओं की सबसे बड़ी संख्या कोटा जिले में हैं। कोटा में 184 छात्राएँ जबकि 156 छात्र पढ़ रहे हैं। इसके बाद टोंक जिले में गैर मुस्लिम 161 छात्र और 147 छात्राएँ मदरसों में पढ़ रहे हैं। चित्तौड़गढ़ में 115 गैर मुस्लिम छात्र और 98 छात्राएँ पढ़ रहे हैं।
गैर मुस्लिम छात्र मंजूर, लेकिन शिक्षक नहीं?
इस RTI में चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि मदरसों में पढ़ने वाले गैर-मुस्लिम छात्र-छात्राओं की संख्या भले ही हजारों में है लेकिन गैर मुस्लिम शिक्षक लगभग नदारद हैं। RTI में बताया गया है कि जिस कोटा में सबसे ज्यादा गैर मुस्लिम छात्र-छात्राएँ मदरसों में हैं, वहाँ मदरसों में पढ़ाने वाला मात्र एक शिक्षक ही गैर मुस्लिम है। RTI में चौंकाने वाला तथ्य यह है कि राजस्थान के 33 जिलो में से 15 जिलों में मदरसों में गैर मुस्लिम शिक्षिकाओं की सँख्या शून्य है।
वहीं बाकी के 10 जिलों में गैर मुस्लिम शिक्षकाओं की संख्या मात्र 1 है। इसी तरह जिले ऐसे हैं जहाँ गैर मुस्लिम पुरुष शिक्षक या तो 0 हैं या फिर 1 ही हैं। गैर मुस्लिम छात्र-छात्राओं की संख्या हजारों में शिक्षकों की संख्या दहाई में भी ना होना कई प्रश्न खड़े कर रहा है। पूरे राजस्थान भर में कुल 261 गैर मुस्लिम शिक्षक-शिक्षिकाएँ मदरसों में पढ़ा रहे हैं। इन गैर मुस्लिम पुरुष शिक्षकों में भी 170 शिक्षक मात्र 10 जिलों में ही हैं।
सुजीत स्वामी ने इसको लेकर ऑपइंडिया से बताया, “मदरसों में गैर मुस्लिम छात्रों का पढ़ना असामान्य बात है क्योंकि अधिकांश जगह पर सरकारी स्कूल भी मौजूद हैं। जिन मदरसों में यह छात्र-छात्राएँ पढ़ रहे हैं, उनमें से कई मस्जिदों में चल रहे हैं। इनमें नमाज भी पढ़ी जाती है। भले ही मदरसा चलाने वाले दावा करें कि गैर मुस्लिम बच्चों को इस्लामी तालीम नहीं दी जाती लेकिन आप उनके अलग-अलग क्लास तो नहीं बना रहे? ऐसे में क्या गारंटी है कि उनका ब्रेनवॉश ना हो। फिर यदि ऐसा ही है तो गैर मुस्लिम शिक्षक कम क्यों हैं?”
छात्रा का नाम सकीना, पिता का नाम लेखराज, मामला क्या?
बजरंग दल ने बताया कि कोटा के अनंतपुरा में मदरसा दारूल उलूम तहरीक-ए-हिन्द में पढ़ने वाली एक दलित छात्रा का नाम सकीना पाया गया था। इस मामले में बजरंग दल के योगेश रेनेवाल ने बताया, “सकीना बैरवा समाज से आती है, जो कि दलित हैं। सकीना का परिवार भी गरीब है, उसके पिता लेखराज मेहनत मजदूरी करके परिवार का पेट पालते हैं। उनको इस मदरसा और यहाँ की गतिवधियों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। सकीना पहले भी एक मुस्लिम द्वारा संचालित स्कूल में पढ़ती थी। उसे बाद में मदरसे में दाखिल कर दिया गया।”
योगेश रेनेवाल ने आरोप लगाया, “सकीना का मामला अकेला नहीं है, इसी मदरसे में 6 छात्र-छात्राएँ ऐसे हैं। हमारी माँग है कि इनकी गंभीर जाँच हो। बच्ची का परिवार गरीब है और हमें शक है कि उसे या तो वित्तीय मदद के बहाने के या अच्छी शिक्षा के बहाने स्कूल में भेजने को लेकर भरोसे में लिया गया है। ज्यादातर निशाने पर दलित और गरीब तबके के परिवार ही आते हैं। हमने इस मामले में जिला प्रशासन से भी शिकायत की थी लेकिन तब इन मदरसा वालों ने फोन तक नहीं उठाया। इनको जिला प्रशासन के कुछ अधिकारी भी संरक्षण दे रहे हैं।”
अनंतपुरा मदरसे के ही एक कागज को देख कर पता चलता है कि इसी मदरसे के भीतर दो बच्चे ऐसे पढ़ रहे हैं जिनका खुद का नाम इस्लामी है लेकिन उनके पिता का नाम अभिषेक खान है। योगेश रेनेवाल ने बताया कि यह अपने आप ही प्रश्न खड़े कर देता है। उन्होंने कहा कि इस मामले में अगर निष्पक्ष जाँच करवाई जाए तो कई गड़बड़ियाँ सामने आएँगी। सुजीत स्वामी ने माँग की है कि कोटा को लेकर विशेष जाँच करवाई जाए क्योंकि यहीं सबसे बड़ी संख्या गैर मुस्लिम बच्चों की है।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी पर भी लगाए आरोप
योगेश रेनेवाल ने कोटा को जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी नाहिदा खान पर भी आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि जब भी मदरसों में अनियमितता की बात आती है, तो नाहिदा उन्हें बचाती हैं। गौरतलब है कि नाहिदा खान ने अक्टूबर, 2023 में ही इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष को लेकर स्टेटस लगाए थे।
@Dcdmkota @ECISVEEP यह #Kota की DMWO नाहिदा ख़ान है जो आदर्श आचार संहिता में भी भारत सरकार के स्टैंड के खिलाफ जाकर #GazaCity के सपोर्ट एवम #Israel के खिलाफ व्हाट्स स्टेटस लगाकर आमजन को गुमराह एवम प्रभावित कर रही है।@KotaPolice से आग्रह है उचित कार्यवाही करें। @PoliceRajasthan… pic.twitter.com/TL8OZHTGo9
— Sujeet Swami️ (@shibbu87) October 16, 2023
नाहिदा खान ने अपने सोशल मीडिया पर गाजा के लिए दुआ माँगने, कई कम्पनियों का बहिष्कार करने और साथ ही सपोर्ट करने और दान माँगने को लेकर स्टेटस लगाया था। इसको लेकर उनकी शिकायत की गई थी। उन्होंने सफाई दी थी कि यह स्टेटस उनके 8 साल के बेटे ने लगाए हैं। इस मामले में उन्हें नोटिस भी भेजा गया था।
NCPCR ने पहले भी उठाए मामले
ऐसा पहली बार नहीं है कि मदरसों में गैर मुस्लिम छात्रों को पढ़ने को लेकर प्रश्न उठाए गए हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग इन मदरसों में दी जाने वाली इस्लामी शिक्षा और उसके गैर मुस्लिम बच्चों को लेकर मामला उठाते रहा है। ऐसे ही एक मामले में NCPCR मुखिया प्रियंका कानूनगो ने बताया था सहारनपुर के मदरसे में एक हिन्दू बच्चे का खतना करवाया गया था। इसके पहले और भी मदरसों के पाठ्यक्रम को लेकर भी उन्होंने प्रश्न उठाए थे, इस पाठ्क्रम में हिन्दुओं को ‘मुशरिक’ और ‘काफिर’ करार दिया गया था।
ऑपइंडिया ने राजस्थान में मदरसों में गैर मुस्लिम बच्चों के पढ़ने और फिर उन पर इस शिक्षा के असर को लेकर कोटा के विधायक और शिक्षा मंत्री मदन दिलावर से सम्पर्क करने का प्रयास किया। हालाँकि, उनकी व्यस्तता के चलते बात नहीं हो पाई। ऑपइंडिया ने बैरवा समाज से आने वाले राजस्थान के उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा से भी सम्पर्क करने की कोशिश की, लेकिन यह भी संभव नहीं हो पाया। मामले में शिक्षा मंत्री या उपमुख्यमंत्री का जवाब आने पर रिपोर्ट अपडेट कर दी जाएगी।