Saturday, April 27, 2024
Homeदेश-समाज'MPhil अब अवैध पाठ्यक्रम, इसमें एडमिशन ना लें छात्र': UGC ने छात्रों को किया...

‘MPhil अब अवैध पाठ्यक्रम, इसमें एडमिशन ना लें छात्र’: UGC ने छात्रों को किया आगाह, नामांकन लेने वाले विश्वविद्यालयों को भी चेतावनी

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने छात्रों को विश्वविद्यालयों से मास्टर ऑफ फिलॉसफी (M.Phil) करने को लेकर आगाह किया है। यह चेतावनी यूजीसी द्वारा एमफिल पाठ्यक्रम को रद्द करने के बाद आई है। इसके बाद कुछ विश्वविद्यालय इस पाठ्यक्रम में छात्रों का नामांकन ले रहे हैं।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने छात्रों को विश्वविद्यालयों से मास्टर ऑफ फिलॉसफी (M.Phil) करने को लेकर आगाह किया है। यह चेतावनी यूजीसी द्वारा एमफिल पाठ्यक्रम को रद्द करने के बाद आई है। इसके बाद कुछ विश्वविद्यालय इस पाठ्यक्रम में छात्रों का नामांकन ले रहे हैं। बता दें कि UGC ने पहले एमफिल को अवैध घोषित कर दिया था। इसके बाद 2023-24 के लिए एमफिल के प्रवेश पर रोक लगा दिया था।

UGC की आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है, “यह यूजीसी के संज्ञान में आया है कि कुछ विश्वविद्यालय एमफिल (मास्टर ऑफ फिलॉसफी) कार्यक्रम के लिए नए आवेदन आमंत्रित कर रहे हैं। इस संबंध में यह ध्यान में लाना आवश्यक है कि एमफिल डिग्री कोई मान्यता प्राप्त डिग्री नहीं है।”

अधिसूचना में यूजीसी (पीएचडी डिग्री प्रदान करने के लिए न्यूनतम मानक और प्रक्रियाएँ) विनियम 2022 के विनियमन संख्या 14 पर जोर दिया गया है। यह रेग्युलेशन स्पष्ट रूप से उच्च शिक्षण संस्थानों को एमफिल कार्यक्रमों में पेश है। यूजीसी ने नवंबर 2022 में एमफिल कार्यक्रम को रोक दिया था।

यूजीसी की सलाह ने विश्वविद्यालयों से आगामी शैक्षणिक वर्ष के लिए एमफिल प्रवेश बंद करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया। इसके साथ ही छात्रों को एमफिल कार्यक्रमों में दाखिला न लेने की सलाह दी है।

यूजीसी के सचिव मनीष जोशी ने कहा, “पीएचडी के नियमों की अधिसूचना से पहले शुरू हुए एमफिल पाठ्यक्रम प्रभावित नहीं होंगे। वर्तमान छात्रों को एमफिल की डिग्री प्राप्त करने के लिए पाठ्यक्रम पूरा करने दिया जाएगा।”

इसके लिए आधिकारिक सूचना यूजीसी की आधिकारिक वेबसाइट ugc.gov.in पर उपलब्ध है। कुछ विश्वविद्यालयों द्वारा एमफिल (मास्टर ऑफ फिलॉसफी) कार्यक्रम के लिए नए आवेदन आमंत्रित करने के बाद यूजीसी ने 26 दिसंबर को आधिकारिक सूचना जारी की।

यह निर्णय 2022-23 शैक्षणिक वर्ष से लागू हुआ है। इसका उद्देश्य अनुसंधान मार्गों को सुव्यवस्थित करना और एकीकृत मास्टर-पीएचडी कार्यक्रमों को बढ़ावा देना है। संशोधित यूजीसी नियमों के अनुसार, विश्वविद्यालयों को एमफिल पाठ्यक्रम पेश करने से प्रतिबंधित किया गया है और उन्हें 2023-24 शैक्षणिक वर्ष के लिए प्रवेश बंद करना होगा।

एमफिल या मास्टर ऑफ फिलॉसफी एक शैक्षणिक कार्यक्रम है, जो शोध करने के इच्छुक व्यक्ति को विशेषज्ञता के क्षेत्रों में शोध करने के लिए जरूरी था। इस पोस्ट ग्रेजुएट शैक्षणिक कार्यक्रम की अवधि 2 वर्ष की थी। मानविकी, वाणिज्य, विज्ञान, कानून, शिक्षण जैसे संकायों में एमफिल किया जा सकता था।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘देश शरिया से नहीं चलेगा, सरकार बनते ही पूरे देश में लागू होगा समान नागरिक संहिता’: गृहमंत्री अमित शाह बोले- धारा 370 को कॉन्ग्रेस...

अमित शाह ने कहा कि देश तीसरी बार नरेंद्र मोदी की सरकार बनते ही पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू होगी, ये 'मोदी की गारंटी' है।

‘केजरीवाल के लिए राष्ट्रहित से ऊपर व्यक्तिगत हित’: भड़का हाई कोर्ट, जेल से सरकार चलाने के कारण दिल्ली के 2 लाख+ स्टूडेंट को न...

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा ना देकर राष्ट्रहित से ऊपर अपना व्यक्तिगत हित रख रहे हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe