शिया वक़्फ़ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में कुरान की 26 आयतों को हटाने के संबंध में याचिका दाखिल करने के बाद मुस्लिम समुदाय में गुस्सा इतना अधिक बढ़ गया है कि खुलेआम उनके सिर कलम करने पर इनाम देने की घोषणा बढ़ती ही जा रही है।
राहत मोलाई कोमी एकता संगठन की ओर से मुरादाबाद में आयोजित कार्यक्रम में बार के पूर्व अध्यक्ष अमीरुल हसन ने वसीम रिजवी का सिर काटककर लाने वाले को 11 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा की है।
उन्होंने कहा, “वसीम रिजवी एक शैतान है इंसान नहीं है। उसने कुरान शरीफ की 26 आयतों के बारे में जो भी एफआईआर दायर की है सुप्रीम कोर्ट में, मैं उसकी निंदा करता हूँ और इस मंच के माध्यम से ऐलान करता हूँ कि जो भी वसीम रिजवी का सिर कलम करके लाएगा। मैं उसको 11 लाख रुपए का इनाम दूँगा।”
उनके अलावा शियाने हैदर-ए कर्रार वेलफेयर एसोसिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हसनैन जाफरी डंपी ने वसीम रिजवी का सिर काटकर लाने वाले को 20 हजार रुपए इनाम देने की घोषणा की है। उन्होंने खुद को पैगम्बर मुहम्मद का कलमा पढ़ने वाला और शिया घर में पैदा होने वाला बताते हुए कहा कि रिजवी के बहिष्कार के लिए देश भर में अभियान चलाया जाएगा और उन्हें अपने कार्यक्रमों में बुलाने वालों का भी बहिष्कार किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश: सुप्रीम कोर्ट में कुरान की 26 आयतों को हटाने से संबंधित एक जनहित याचिका दाखिल करने वाले वसीम रिजवी का सिर कलम करने पर 11 लाख देने का ऐलान। बार के पूर्व अध्यक्ष अमीरुल हसन ने किया ऐलान। राहत मोलाई कोमी एकता संगठन की ओर से आयोजित कार्यक्रम के दौरान किया ऐलान pic.twitter.com/ttVSzSBYy2
— Hindustan (@Live_Hindustan) March 13, 2021
डंपी ने सरकार से मुस्लिम समुदाय की आस्था पर चोट पहुँचाने के आरोप में रिजवी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने की बात कही। साथ ही रिजवी का काम उन्माद फैलाने वाला बताया था। मौलाना खालिद रशीद ने भी यूपी सरकार से वसीम रिजवी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग की थी।
शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि कुरान से एक हर्फ भी नहीं हटाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त मौलाना सैफ अब्बास और मौलाना सुफियान निजामी ने भी वसीम रिजवी के इस कृत्य की कड़ी आलोचना की है।
बता दें कि शिया वक़्फ़ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी ने सुप्रीम कोर्ट में कुरान की 26 आयत को हटाने के संबंध में याचिका दाखिल की है। उनका कहना है कि इन 26 आयत में से कुछ आयत आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली हैं, जिन्हें बाद में शामिल किया गया। उनका मत है कि मोहम्मद साहब के बाद पहले खलीफा हज़रत अबू बकर, दूसरे खलीफा हज़रत उमर और तीसरे खलीफा हज़रत उस्मान के द्वारा कुरान को कलेक्ट करके उसको किताबी शक्ल में जारी किया गया।