उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में शुक्रवार (12 अप्रैल 2024) को साम्प्रदायिक तनाव फ़ैल गया था। यहाँ एक शॉपिंग मार्ट में डोरमैट के ऊपर मक्का के काबा का प्रिंट होने का आरोप लगा कर एक भीड़ हमलावर हो उठी थी। हालाँकि, पुलिस द्वारा इसे वाल हैंगिंग बता रही है। तब भीड़ ने उत्तेजक नारेबाजी के साथ पत्थरबाजी भी की थी। हालाँकि, मुस्लिम बाहुल्य उतरौला बाजार में पुलिस की सक्रियता के चलते एक बड़ी अनहोनी टल गई। अब पुलिस 50-60 अज्ञात हमलावरों के खिलाफ FIR दर्ज कर के दबिश दे रही है। CCTV फुटेज के आधार पर हमलावरों को चिन्हित करने की कोशिश की जा रही है।
यह घटना बलरामपुर जिले के थाना क्षेत्र उतरौला की है। यहाँ के बीच बाजार में V-बाजार नाम से एक शॉपिंग मार्ट है। इस मार्ट के मैनेजर का नाम अखिलेश जायसवाल है। 12 मार्च को शॉपिंग मॉल में मुस्लिम समुदाय के कुछ युवक गए। उन्होंने आरोप लगाया कि मार्ट के अंदर डोरमैट पर काबा की तस्वीर प्रिंट कर के बेचा जा रहा है। एक वायरल वीडियो में वो युवक मैनेजर से डोरमैट लाने का दबाव दे रहे हैं। हालाँकि उन्हें डोरमैट न बेचे जाने का जवाब मिल रहा है। एक अन्य वीडियो में मुस्लिम समुदाय के उन्ही लोगों द्वारा फोटो खींच कर पत्रकारों के ग्रुप में भेजे जाने जैसी बातें की जा रहीं हैं।
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पुलिस ने दी कानून हाथ में न लेने की हिदायत
ऑपइंडिया द्वारा जुटाई गई जानकारी के मुताबिक, पहले कुछ लोग डोरमैट का आरोप लगा कर V बाजार पहुँचे। उन्होंने मैनेजर से बहस शुरू कर दी। माहौल भाँप कर मैनेजर ने उतरौला थाना पुलिस को सूचना दे दी। थाने से सब इंस्पेक्टर किसलय मिश्रा अपने साथ कुछ सिपाहियों के साथ तत्काल वी-बाजार पहुँच गए। संख्या बल कम होने के बावजूद उन्होंने नाराज लोगों को समझाया और मार्ट में मौजूद दर्जनों स्टाफ की सुरक्षा करते रहे। इस बीच इंस्पेक्टर उतरौला संजय दुबे भी अतिरिक्त फ़ोर्स के साथ वहाँ पहुँच गए। उन्होंने भीड़ को कानून हाथ में न लेने की चेतावनी दी और अपनी समस्या की लिखित शिकायत देने की अपील की।
सब इंस्पेक्टर किसलय और इंस्पेक्टर संजय दुबे की इस अपील का सकारात्मक असर भी पड़ा और कुछ लोग लिखित शिकायत देने के लिए आगे आए। उन्होंने वी मार्ट के मैनेजिंग डायरेक्टर सहित कुछ अन्य स्टाफ के खिलाफ तहरीर दी। अपने अकीदत को आहत करने की इस शिकायत पर पुलिस ने FIR दर्ज कर ली और लोगों से शाँति बनाए रखने की अपील की। हालाँकि, इस दौरान प्रशासन निश्चिंत होने के बजाय चौकन्ना रहा और उसकी यही सक्रियता काम भी आई।
शिकायत दर्ज होने के बाद हिंसक हुई भीड़
उतरौला थाने में शिकायत दर्ज होने के बावजूद हिंसा पर आमादा एक भीड़ ने पर पुलिस की अपील का असर नहीं पड़ा। वह उत्तेजक नारेबाजी करते हुए वी-मार्ट के आगे जमा होने लगी। इसमें ‘अल्लाह हु अकबर’ और ‘लब्बैक-लब्बैक’ आदि नारे शामिल हैं। रास्ते को जाम करने की कोशिश की गई। पहले से सतर्क पुलिस बल फिर फ़ौरन मौके पर जमा हुआ। संख्या बल कम होने के बावजूद पुलिस ने मोर्चा संभाला और धारा 144 लागू होने जैसी बातों से लोगों को समझाने का प्रयास किया। हालाँकि पुलिस की मौखिक नसीहत का भीड़ पर कोई असर नहीं पड़ा।
खदेड़ी गई उपद्रवी भीड़
बताया जा रहा है कि हिंसक भीड़ ने वी-बाजार पर पथराव कर दिया। इस पत्थरबाजी में वी-बाजार के ग्लोसाइन बोर्ड का एक हिस्सा टूट गया। बाजार में अफरातफरी का माहौल बनने लगा। कुछ दुकानदारों ने अपने शटर गिराने शुरू कर दिए। लोगों ने सुरक्षा के मद्देनजर अपने घरों की खिड़कियाँ और दरवाजे बंद कर लिए। आखिरकार पुलिस ने हिंसा पर उतारू भीड़ को दौड़ा लिया। पुलिस द्वारा सख्ती दिखाए जाने के महज 10 मिनट के अंदर उपद्रवी भाग खड़े हुए और माहौल सामान्य हुआ।
पुलिस ने 50-60 अज्ञात हमलावरों के खिलाफ IPC की धारा 143, 504, 506, 188, 341, 336 और 427 के साथ आपराधिक कानून अधिनियम 1932 की धारा 7 के तहत FIR दर्ज कर ली है। CCTV फुटेज और अन्य साक्ष्यों के आधार पर भीड़ में शामिल उपद्रवियों की तलाश की जा रही है। घटना के अगले दिन बाजार सामान्य तौर पर खुले और लोगों ने खरीदारी की। पुलिस बल के अतिरिक्त इलाके में पैरामिलिट्री व PAC के जवान तैनात कर दिए गए हैं। लगातार बाजार में गश्त की जा रही है। फिलहाल उतरौला में हालात सामान्य हैं।
गौसिया मस्जिद के पास जमा हुई थी भीड़
जब ऑपइंडिया ने इस मामले की जमीनी पड़ताल की तो पता चला कि उपद्रव करने वाली भीड़ गौसिया मस्जिद के पास जमा हुई थी। गौसिया मस्जिद उतरौला बाजार के बीचो-बीच बनी हुई है। यहाँ से वी-मार्ट की दूरी महज कुछ ही कदमों की है। पुलिस द्वारा हिंसा को जब काबू करने का प्रयास किया गया तो भी अधिकतर उपद्रवी उस तरफ भागे थे। हिंसक भीड़ जब आगे बढ़ रही थी तब वी-मार्ट में कई महिला स्टाफ और ग्राहक भी मौजूद थीं। इसके अलावा उसी जगह पर शुभम मिष्ठान भंडार भी मौजूद है। हालाँकि प्रशासन की सक्रियता से ये सब सुरक्षित हैं।
पुलिस ने हमारी रक्षा की, हम उनके आभारी
इस हिंसा के चश्मदीद और घटनास्थल पर ही शुभम मिष्ठान भंडार नाम से मिठाई की दुकान चलाने वाले अमन मोदनवाल ने ऑपइंडिया से बात की। अमन ने हमें बताया कि घटना के समय उन्होंने भीड़ को देखते हुए एहतियातन अपनी दुकान को बंद कर लिया था। अब अमन अपनी दुकान फिर से खोल कर चला रहे हैं। अमन ने हमसे कहा, “पुलिस ने बहुत अच्छा काम किया। अगर वो सक्रियता दिखाती तो न जाने हमारा क्या होता।”
अफवाहबाजों पर भी सख्ती
जहाँ एक तरफ बलरामपुर पुलिस ने उपद्रवियों को बिना कोई नुकसान किए खदेड़ा तो वहीं सोशल मीडिया पर भी कड़ी पहरेदारी की। पुलिस के तमाम स्टाफ ने उन खबरों पर कड़ी नजर रखी जो उकसावे वालीं थीं। इसमें से कई लोगों को हिदायत दे कर झूठी और भ्रामक खबरें डिलीट भी करवाई गईं। ऑपइंडिया के पास कई ऐसे स्क्रीनशॉट मौजूद है जहाँ अफवाहबाजों ने अपनी गलती मानते हुए अपनी पोस्ट डिलीट की है और दुबारा गलती न करने का संकल्प लिया है।
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मुस्लिम का मकान, 2 साल पुराना स्टॉक
ऑपइंडिया ने अपनी जमीनी पड़ताल में यह भी पाया कि जिस मकान में वी-बाजार खुला है वह एक मुस्लिम का ही है। जिस स्टॉक पर भीड़ हिंसा पर उतारू हुई थी वह साल 2022 का बताया जा रहा है। वी-बाजार यह भी पता करने की कोशिश कर रहा है कि 2 साल पुराना स्टॉक अचानक ही स्टोर में कैसे आ गया। साथ ही पड़ताल इसकी भी की जा रही है कि कुछ ही देर में फोटो, वीडियो वायरल करने के साथ भीड़ का जमावड़ा कैसे हो गया।