“मेरा नाम तनवीर अहमद है। मैं कर्नाटक पुलिस का अधिकारी हूँ। आप अपने विरोध प्रदर्शन के लिए छात्रों का इस्तेमाल नहीं कर सकतीं। आपलोग यहाँ से जाओ। क़ानून का पालन करो। आप यहाँ लोगों को भड़का रहे हैं और उन छात्रों को बाद में इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा। जाइए यहाँ से।”
ये शब्द हैं कर्नाटक पुलिस के इंस्पेक्टर तनवीर अहमद के, जिन्होंने मजहब के नाम पर नागरिकता संशोधन क़ानून का विरोध कर अपना उल्लू सीधा करने वाले वामपंथी नेताओं को आड़े हाथों लिया। दरअसल, कर्नाटक में एक महिला छात्रों को भड़का रही थीं, जिसपर अहमद ने उन्हें समझाया कि वो तो बच कर निकल जाएँगी, ये बेचारे छात्र बाद में फँस जाएँगे। अधिकारी ने अपना नाम इसीलिए बताया ताकि वहाँ उपद्रव की ताक में बैठे वामपंथियों को बता सकें कि मजहब के नाम पर लोगों को लड़ाना सही नहीं है।
पुलिस अधिकारी तनवीर अहमद ने उपद्रवियों के नेतृत्वकर्ता को सपाट शब्दों में कहा कि वो भड़का कर लोगों के भविष्य से न खेलें, ख़ासकर छात्रों के। पुलिस अधिकारी तनवीर ने उपद्रवी महिला वामपंथी को फटकारते हुए कहा- “छात्रों के करियर से मत खेलो। जाओ यहाँ से।” नीचे संलग्न किए गए वीडियो में आप उक्त पुलिस ऑफिसर को वामपंथियों को फटकारते हुए देख सकते हैं:
“My name is Tanveer Ahmad, I am ( Karnataka ) Police Officer”
— Jiggs ?? (@Sootradhar) December 19, 2019
“You cannot use students for your protests, please walk away”#CAA_NRC #CAASupport
pic.twitter.com/EimUgsErDY
मंगलुरु में उपद्रवियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। शहर में पहले ही 3 दिनों के लिए धारा-144 लागू कर दिया गया था। ये उपद्रवी सीएए को संविधान के विरुद्ध बता रहे थे। उपद्रवियों के बारे में ख़ास बात ये थी कि वो पहले से ही हेलमेट पहन कर पत्थरबाजी कर रहे थे, जिससे पता चल रहा था कि वो पूरी तैयारी के साथ आए हैं। आईआईएम के छात्रों ने भी विरोध प्रदर्शन आयोजित किया था लेकिन धारा-144 लागू होने के कारण उन्होंने इसे टाल दिया। राज्य में कई संगठनों ने सीएए के विरोध में प्रदर्शन किया।