महाराष्ट्र की नागपुर पुलिस ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को अपनी जाँच में क्लीन चिट दे दी है। शास्त्री पर यह FIR ‘अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति’ के श्याम मानव ने दर्ज करवाई थी। इस केस में श्याम मानव ने धीरेन्द्र शास्त्री पर अंधविश्वास और जादू टोने का आरोप लगाया था। पुलिस ने ‘श्रीराम चरित्र चर्चा’ नाम के उस आयोजन के वीडियो निकाल कर जाँच की और बताया कि उसमें अंधविश्वास जैसा कुछ भी नहीं था। नागपुर पुलिस ने अपना जवाब श्याम मानव को भी भेज दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने अपनी जाँच में पाया है कि पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने केवल अपने धर्म का प्रचार किया है। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि धीरेन्द्र शास्त्री के कार्यक्रम के 7 और 8 जनवरी के दिव्य दरबार को हुए आयोजन के वीडियो की बारीकी से जाँच हुई है। कमिश्नर के अनुसार वीडियो देख कर पुलिस ने निष्कर्ष निकाला है कि उस कार्यक्रम में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ जिसे अंधविश्वास माना जाए।
लो भाई सुनलो बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण के बारे में नागपुर पुलिस के बड़े अधिकारी क्या कह रहे हैं…… साथ ही जो भागने का आरोप लगा रहे थे उनके मुंह में यह वीडियो फेक के मारना। pic.twitter.com/AEJXUyV6Ou
— Shubham shukla (@ShubhamShuklaMP) January 25, 2023
क्या था पूरा मामला
गौरतलब है कि बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री जनवरी 2023 के पहले सप्ताह में नागपुर में ‘श्रीराम चरित्र चर्चा’ नाम से कार्यक्रम आयोजित किए थे। इस कार्यक्रम के दौरान ही ‘अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति’ के अध्यक्ष और शिकायतकर्ता श्याम मानव ने धीरेन्द्र शास्त्री पर अंधविश्वास और जादू-टोना फैलाने का आरोप लगा कर पुलिस में केस दर्ज करवाया था। तब श्याम मानव ने धीरेन्द्र शास्त्री पर साल 2013 के महाराष्ट्र जादू-टोना विरोधी कानून और 1954 के ‘ड्रग्स एंड रेमेडीज एक्ट’ के उल्लंघन का आरोप लगाया था।
श्याम मानव ने धीरेन्द्र शास्त्री को चमत्कार कर के दिखाने पर 30 लाख रुपए इनाम देने की भी घोषणा की थी। हालाँकि, पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने अपनी सफाई में इन आरोपों को निराधार बताते हुए खुद को केवल सनातन धर्म का प्रचारक और ईश्वर का भक्त बताया था। तब से पुलिस मामले की जाँच कर रही थी।